अंधे भिखारी ने 25 सौ ब्राह्मणों को कराया भोजन, भोज को बताया तर्पण
गुजरात में एक भिखारी द्वारा 25 सौ ब्राह्मणों को भोजन कराये जाने के बाद लोगों के बीच इसके लेकर चर्चा बनी हुई है।
गुजरात में एक भिखारी द्वारा 25 सौ ब्राह्मणों को भोजन कराये जाने के बाद लोगों के बीच इसके लेकर चर्चा बनी हुई है। इस भिखारी का नाम भगवानदास शंकरलाल जोशी है, जिन्हे लोग सूरदास भिखारी के नाम से भी जानते हैं।
सूरदास भिखारी पिछले 45 सालों से डाकोर के रणछोड़ राय मंदिर में भीख मांगकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। मंदिर की आरती में शामिल होने के साथ ही भगवानदास वहीं भीख मांगते हैं। भगवानदास पिछले 45 सालों से उस इलाके में रह रहे हैं।
भगवानदास का मानना है कि जो उन्होने इतने लंबे समय से इकट्ठा किया है, वे उसका तर्पण कर रहे हैं। भगवानदास का मानना है कि उनके पास जो कुछ भी है वो समाज का है और उन्हे उसे वापस करना है।
भगवानदास ने ब्राह्मणों के निमंत्रण की सूचना सार्वजनिक तौर पर सूचना बोर्ड पर लगा दी थी। भगवानदास ने ब्राह्मणों को दाल, सब्जी, भात और लड्डू का भोजन कराया। यह आयोजन पथिक आश्रम की आंगनवाड़ी में किया गया।
भगवानदास सिर्फ भीख ही नहीं मांगते हैं बल्कि भजन भी गाते हैं। वे जन्म से नेत्रहीन हैं और यही वजह है कि उन्हे लोग सूरदास भिखारी के नाम से बुलाते हैं। दावा है कि भगवानदास को 1 हज़ार से अधिक भजन कंठस्थ हैं।
भगवानदास बीते सालों से उस इलाके में किराए पर रह रहे हैं और उनके पास निजी संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं है।