Johnson & Johnson को मिली बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत, अब दोबारा बेचेंगे बेबी टेलकम पाउडर
January 12, 2023, Updated on : Thu Jan 12 2023 09:55:20 GMT+0000

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जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) कंपनी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. इसके पहले इस कंपनी के मुलुंड स्थित प्लांट में बन रहे बेबी पाउडर की क्वालिटी को स्टैंडर्ड के मुताबिक न मानते हुए महाराष्ट्र सरकार ने जॉनसन के बेबी पाउडर की मैन्युफैक्चरिंग का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था.
कंपनी महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट चली गई थी. अब कोर्ट ने कंपनी को बड़ी राहत देते हुए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट वापस खोलने की इजाजत दे दी है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा यह सच है कि किसी भी कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और सुरक्षा के मानकों का पूरी तरह ध्यान रखना बहुत जरूरी है. लेकिन यदि किसी एक उत्पाद में कोई मामूली कमी हो उसके आधार पर पूरी की पूरी मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया को ही बंद नहीं किया जा सकता. ऐसा करना उचित नहीं है.
दिसंबर, 2018 में एक औचक निरीक्षण में पाया गया कि जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं है. FDA ने गुणवत्ता की जांच के लिए पुणे और नासिक से जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर के सैंपल कलेक्ट किए थे. इन सैंपल्स की जांच में पाया गया कि कंपनी के मुंबई के मुलुंड स्थित प्लांट में जो पाउडर बन रहा था, उसकी क्वालिटी खराब थी और उसमें सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा गया था.
इसके बाद 15 सितंबर को महाराष्ट्र सरकार ने कंपनी के मुलुंड स्थित प्लांट में बेबी पाउडर मैन्युफैक्चरिंग के लाइसेंस को रद्द कर दिया. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया. उसके बाद 20 सितंबर को एक और आदेश आया, जिसमें इस प्रोडक्ट की ओवरऑल मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन दोनों पर रोक लगा दी गई.
कंपनी ने इस सरकारी फरमान के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. पिछले साल नवंबर में हार्टकोर्ट ने कंपनी के बेबी पाउडर के सैंपल्स की दोबारा जांच किए जाने का आदेश दिया था. जांच के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में कंपनी को राहत देते हुए अब दोबारा मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को शुरू करने की इजाजत दे दी है.
कंपनी ने कोर्ट में दाखिल की अपनी याचिका में कहा था कि वह पिछले 57 सालों से इस प्रोडक्ट का निर्माण कर रही है. 2020 में ही कंपनी का लाइसेंस रिन्यू हुआ था. लाइसेंस रद्द किए जाने और प्रोडक्शन ठप्प होने के कारण कंपनी को प्रतिदिन 2.5 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.
हालांकि इस मैन्यूफैक्चरिंग रुकने के बाद मीडिया में तरह-तरह के बयान आए थे, जिसमें यह भी शामिल था कि कंपनी जल्द ही पूरी दुनिया में बेबी पाउडर की मैन्यूफैक्चरिंग बंद कर देगी. यहां आपको बता दें कि अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में इस पाउडर के निर्माण और बिक्री पर पहले ही प्रतिबंध लग चुका है.
Edited by Manisha Pandey
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