Budget 2023: रियल एस्टेट सेक्टर को आगामी बजट से क्या है उम्मीदें?
रियल एस्टेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स ने रेंटल इनकम पर टैक्स छूट से लेकर होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर डिडक्शन, लग्जरी सेगमेंट के लिए इंसेंटिव, 80IBA रजिस्ट्रेशन टाइमलाइन का रिवाइवल जैसे कई और सुझाव दिए हैं.
महामारी की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में अच्छी खासी गिरावट आई थी. हालांकि 2022 में सेक्टर को होमबायर्स की तरफ से काफी तगड़ी डिमांड देखने को मिली. रेजिडेंशियल से लेकर लग्जरी हाउसिंग तक सभी सेगमेंट में सेल्स आंकड़े काफी आकर्षक रहे. कई बड़े रियल एस्टेट कंपनियों को आगे भी यही ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है. आइए जानते हैं अब 2023 में आगामी बजट में रियल एस्टेट की बड़ी कंपनियों क्या उम्मीदे हैं? रियल एस्टेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स ने रेंटल इनकम पर टैक्स छूट से लेकर होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर डिडक्शन, लग्जरी सेगमेंट के लिए इंसेंटिव, 80IBA रजिस्ट्रेशन टाइमलाइन का रिवाइवल जैसे कई और सुझाव दिए हैं.
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल कहते हैं कि हाउसिंग लोन्स के प्रिंसिपल रिपेमेंट में टैक्स डिडक्शन के जरिए किफायती होमबाइंग को बढ़ावा दे सकते हैं. दरअसल मौजूदा सेक्शन इनकम टैक्स एक्ट का 80C हाउसिंग के संबंध में किसी तरह की राहत नहीं देता, जबकि ये ऐसा खर्च है जो हर टैक्सपेयर की जिंदगी में बहुत लंबे समय तक बने रहता है. अलग से प्रिंसिपल रिपेमेंट पर डेढ़ लाख रुपये का डिडक्शन देने से ज्यादा से ज्यादा लोगों के घर खरीदना आसान हो जाएगा.
दूसरा सुझाव है कि होम सेक्शन 24 के तहत होम लोन डिडक्शन में इजाफा. इसकी वजह बताते हुए शिशिर कहते हैं कि फिलहाल होम लोन इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता है इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये पर किया जा सकता है. मौजूदा घर को बेचने से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स वाले नियमों में कुछ राहत, सेक्शन 80IBA रजिस्ट्रेशन टाइमलाइन की दोबारा शुरुआत और 50 लाख रुपये तक के घरों पर 3 लाख की रेंटल इनकम पर छूट जैसे उपाय किए जा सकते हैं.
अकासा कोवर्किंग के सीईओ और को-फाउंडर आदित्य मेहता कहते हैं, 'हाल के सालों में को वर्किंग स्पेसेज के बिजनेस में भारी भरकम ग्रोथ नजर आई है. शुरुआती दिनों में शेयर्ड वर्किंग स्पेस का मकसद छोटे बिजनेसेज, सोलोप्रेन्योर्स, फ्रीलांसर्स को जहन में रखकर शुरू किया गया था. मगर बीते कुछ समय में कॉरपोरेट्स भी को-वर्किंग स्पेस में लीज लेकर काम कर रहे हैं. बढ़ती डिमांड को देखते हुए अगर बजट में लीजिंग और रेंटिंग में टैक्स पर छूट मिल जाए इंडस्ट्री को ग्रोथ के लिए फायदेमंद होगा.
वहीं वायसरॉय प्रॉपर्टीज LLP के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर सायरस मिस्त्री ने कहा, ‘महंगाई से निपटने के लिए आरबीआई 2022 के मध्य से रीपो रेट्स बढ़ाए जा रहा था. 2023 में पिछले साल के मुकाबले रीपो रेट में कुछ और बढ़ोतरी की जा सकती है. इससे खासकर किफायती हासउिंग सेगमेंट में घर खरीदारों का सेंटिमेंट कुछ कमजोर हो सकता है. हालांकि लग्जरी मार्केट में अभी भी सेंटिमेंट मजबूत हुआ है. ऐसा लग रहा है कि रियल एस्टेट मार्केट का रुख अब आगामी बजट के दौरान पॉलिसी और टैक्स स्ट्रक्चर से जुड़े ऐलानों के बाद ही पता चलेगा.’
अजमेरा रियल्टी और इंफ्रा लिमिटेड के सीएफओ नितिन बविसी ने कहा, सरकार पहले से ही रियल एस्टेट सेक्टर को ग्रोथ देने वाले उपाय कर रही है. हमें उम्मीद है कि स्टैंप ड्यूटी को 6 पर्सेंट से घटाकर 3 पर्सेंट कर दिया जाएगा. ऐसा करने से जो एनआरआई या अन्य बायर खरीदारी से खुद को रोके हुए हैं वो आगे आएंगे. लिहाजा सेल्स में भी ग्रोथ नजर आएगी. निवेश से लेकर सेल्स, रोजगार सभी मोर्चों पर रियल एस्टेट का बड़ा योगदान रहता है. इसके बाद भी सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा नहीं मिला हुआ है. हमें उम्मीद है कि सरकार इस बार हमारी मांग पूरी कर देगी.
S रहेजा रियल्टी के एमडी राम रहेजा ने बजट से जुड़ी उम्मीदों पर कहा, 'सरकार को साइट एक्विजिशन में तेजी, चेंजेज इन लैंड यूज (CLU) को फटाफट मंजूरी, प्लान्स, ड्राइंग और कंप्लिशन सर्टिफिकेट के लिए सिंगल विंडो अप्रूवल प्रोसेस हो.'
hBits के फाउंडर Shiv Parekh ने कहा- 'भारत में रियल एस्टेट सेक्टर सबसे अधिक योगदान देने वाले क्षेत्रों में से एक है. वहीं कृषि के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला सेक्टर है. कोविड के बाद रोजगार पैदा करना ही सरकार का मुख्य मकसद है. इस क्षेत्र ने कोविड के बावजूद उल्लेखनीय रिकवरी हासिल की है और अर्थव्यवस्था में पर्याप्त योगदान भी दिया है. सरकार को टैक्स में कुछ खास छूट देनी चाहिए. साथ ही सीमेंट, स्टील और टाइल्स जैसे कच्चे माल पर जीएसटी में कुछ कमी करनी चाहिए. होम लोन पर ब्याज भुगतान के लिए कटौती की सीमा को मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए.'
इतना ही नहीं बोले कि होम लोन पर मूल कटौती की 1.5 लाख की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. इससे किफायती और साथ ही लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट को आगे बढ़ाया जा सकेगा और यही समय की मांग भी है. कमर्शियल रीयल एस्टेट को भी बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है. खासकर टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में ऐसा करना जरूरी है, जहां रीयल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ के बहुत मौके हैं. टैक्स की दर में कटौती करते हुए इसे 30 फीसदी से 25 फीसदी किया जाना इस सेक्टर के लिए बहुत मददगार साबित होगा.
Edited by Upasana