महज़ 10 रुपये लेकर करते थे गरीब मरीजों का इलाज, कोरोना से ठीक हुए लेकिन हार गए जिंदगी की जंग
डॉ. रेड्डी 25 जून को कोविड-19 से संक्रमित पाये गए थे, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से वे पूरी तरह ठीक हो गए थे।
कोरोना वायरस महामारी फैलने के साथ फ्रंटलाइन वर्कर्स ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों खासकर कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा की है और ऐसा करते हुए बड़ी संख्या में फ्रंटलाइन वर्कर्स शहीद भी हुए हैं। ऐसे ही एक फ्रंटलाइन वर्कर थे डॉ. सी मोहन रेड्डी।
10 रुपये वाले डॉक्टर’ के नाम से चर्चित हो चुके डॉ. रेड्डी गरीब मरीजों को देखने और उन्हे दवा लिखने के सिर्फ दस रुपये लिया करते थे।
हालांकि सामान्य परामर्श शुल्क के रूप में 100 रुपये लेते थे, लेकिन वे उन लोगों से सिर्फ 10 रुपये लेते थे जो इसका भुगतान नहीं कर पाते थे। बुढ़ापे के कारण जोखिम के होने बावजूद डॉ. रेड्डी लॉकडाउन के दौरान भी रोगियों का इलाज कर रहे थे।
इसी सप्ताह बुधवार 84 वर्षीय डॉ. रेड्डी की सांस रुकने के चलते निधन हो गया है। विविक्कम में मोहन नर्सिंग होम चलाने वाले डॉ. रेड्डी हाल ही में कोविड-19 से रिकवर हुए थे।
डॉ. रेड्डी 25 जून को कोविड-19 से संक्रमित पाये गए थे, जिसके बाद उन्हे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से वे पूरी तरह ठीक हो गए थे।
मीडिया से बात करते हुए उनके भाई डॉ. सीएमके रेड्डी के अनुसार, "गरीब आदमी के इस डॉक्टर को अपने मरीजों को लेकर महामारी के दौरान खुद से ज्यादा चिंता थी।"