Budget 2023: क्या होता है इकॉनमिक सर्वे? जानिए पहली बार कब पेश हुआ था
प्री-बजट आर्थिक सर्वेक्षण मंगलवार 31 जनवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाएगा और बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) उसे जनता के सामने रखेंगे. इस साल CEA वी. अनंत नागेश्वरन आर्थिक सर्वे पेश करेंगे.
आगामी 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश होने वाला है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट सत्र के दौरान 1 फरवरी को संसद में प्रस्ताव पेश करेंगी.
हालांकि, बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले वित्त मंत्रालय की टीम एक महत्वपूर्ण दस्तावेज पर भी काम करती है. इसे बजट पढ़े जाने से एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है. इस दस्तावेज़ को भारत के आर्थिक सर्वेक्षण के रूप में जाना जाता है.
प्री-बजट आर्थिक सर्वेक्षण मंगलवार 31 जनवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाएगा और बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) उसे जनता के सामने रखेंगे. इस साल CEA वी. अनंत नागेश्वरन आर्थिक सर्वे पेश करेंगे.
आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है?
आर्थिक सर्वेक्षण पिछले एक साल में देश में आर्थिक और वित्तीय रुझानों की समीक्षा करता है. यह सभी सेक्टरों का विस्तृत डेटा पेश करता है. इसके साथ ही, यह कृषि और इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार, मुद्रास्फीति दर, व्यापार, विदेशी मुद्रा भंडार और अन्य आर्थिक क्षेत्रों में ट्रेंड्स का विश्लेषण करता है.
सर्वेक्षण सरकार को केंद्रीय बजट में संसाधनों को अधिक कुशलता से जुटाने और आवंटित करने में मदद करता है और आने वाले साल के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए रणनीति तैयार करता है. आर्थिक सर्वेक्षण नीति निर्माताओं को देश की जीडीपी वृद्धि के लिए मुख्य चुनौतियों की पहचान करने में भी मदद करता है.
पहला आर्थिक सर्वेक्षण कब पेश हुआ था?
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने भारत का आर्थिक सर्वेक्षण पहली बार 1950-51 में पेश किया था. उस समय इसे केंद्रीय बजट के साथ ही पेश किया गया था. हालांकि, साल 1964 से सर्वेक्षण को बजट से अलग कर दिया गया.
भारत का आखिरी आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने पेश किया था. हर साल यह सर्वेक्षण एक थीम के साथ पेश
किया जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण 2022 का थीम ‘त्वरित दृष्टिकोण’ था. यह थीम केंद्र सरकार के उस नजरिए को दर्शा रही थी, जो उसने कोविड-19 महामारी के बाद पैदा होने वाली आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए उठाई थी.
पिछले साल 9.2 फीसदी की आर्थिक वृद्धि की घोषणा की गई थी
पिछले साल जारी किया गया सर्वेक्षण भी दो-वॉल्यूम फॉर्मेट से सिंगल वॉल्यूम में बदल दिया गया था. तब सान्याल ने कहा था कि पहले के दो-वॉल्यूम फॉर्मेट बहुत "भारी" थे.
पिछले साल के आर्थिक सर्वेक्षण में 2021-22 में वास्तविक रूप से 9.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि की भविष्यवाणी की गई थी, जबकि 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8-8.5 प्रतिशत आंकी गई थी.
सरकार द्वारा प्रस्तुत पिछले सभी आर्थिक सर्वेक्षणों को www.indiabudget.gov.in/economicsurvey/ के माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकता है.
Edited by Vishal Jaiswal