मिज़ोरम में अज्ञात व्यापारी ने चुका दिये चार अजनबियों के लोन, बैंक को दे दिये 10 लाख रुपये
बैंक ने अगले दिन लाभार्थियों को बुलाया और उनके द्वारा गिरवी रखी गई संपत्ति के दस्तावेज वापस कर दिए गए।
मिजोरम के आइजोल के एक व्यापारी ने चार लोगों के लोन को चुकाने में उनकी मदद करने का फैसला किया, जिनमें से तीन महिलाएं थीं। इसके लिए व्यापारी ने एसबीआई को 9,96,365 रुपये चुकाए हैं।
इस नेक काम को अंजाम देने का उनका इरादा सद्भावना भरा से था, क्योंकि उन्होने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ऐज़ावल शाखा के कुछ कर्मचारियों को छोड़कर बाकी अन्य के सामने गुमनाम रहना चुना।
सूत्रों के अनुसार व्यवसायी ने केवल इस शर्त पर सहायता की पेशकश की कि वह परोपकार के अपने कार्य के लिए प्रेस से कोई प्रचार या ध्यान नहीं चाहते हैं।
शेरिल वनचंग, एसबीआई आइज़वाल शाखा के सहायक महाप्रबंधक ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
हमारी बैंक शाखा में हम तीनों इस सज्जन को कुछ समय से जानते हैं। उन्होने एक दिन आकर हमें उसके इरादे के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम कुछ ऐसे लोगों का चयन करते हैं जिन्होंने संपत्ति गिरवी रखकर आत्मनिर्भर होने के लिए कर्ज लिया था, लेकिन चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो वह भुगतान कर देंगे। उन्होंने मदद की सीमा 10 लाख रुपये रखी थी।”
इन चार लोगों को प्रिट्टी ट्रेड के माध्यम से उनकी आय के आधार पर बैंक द्वारा चुना गया था और कोरोनावायरस महामारी द्वारा किए गए लॉकडाउन के बीच उन्हे बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। व्यवसायी ने यह राशि ऑनलाइन स्थानांतरित कर दी।
बैंक ने अगले दिन लाभार्थियों को बुलाया और उनके द्वारा गिरवी रखी गई संपत्ति के दस्तावेज वापस कर दिए गए। जब इस प्रक्रिया का खुलासा हुआ, तो उन्हें अजनबी के प्रति अत्यंत आभार महसूस हुआ।
मुर्गी पालन के लिए मिलने वाले ऋण का भुगतान करने में अपनी असफलताओं और अपनी कठिनाई का उल्लेख करते हुए लाभार्थियों में से एक मुआना एल फानाइ ने सोशल मीडिया पर उस व्यक्ति को धन्यवाद दिया।
इंडिया टाइम्स के अनुसार शेरिल ने कहा, "यह पहली बार है जब उन्होंने मदद को गुमनाम बनाया है। उन्होंने अतीत में बहुत से लोगों की मदद की है। वह एसबीआई के महत्वपूर्ण ग्राहक हैं और हमारे बैंक सर्किलों में भी जाने जाते हैं।"