BYJU’s को लौटाना होगा 66 अरब रुपये का कर्ज, कर्जदाताओं ने दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
कर्जदाताओं ने हाल ही में कर्ज दिया है और कर्ज की शर्तों पर फिर से बातचीत कर रहे हैं. यदि बायजू (BYJU's) भुगतान नहीं कर सकता है या अमेरिकी संपत्ति को बेचने में असमर्थ रहता है, तो कर्जदार कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
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को कर्ज देने संगठनों के एक समूह ने 1.2 अरब डॉलर (करीब 1 खरब रुपये) के कर्ज के एक हिस्से को जल्द से जल्द चुकाने की मांग की है. समूह ने कहा है कि अगर कंपनी के पास नकद पैसा नहीं है तो वह इसके लिए अमेरिका स्थित अपनी 500 से 800 मिलियन डॉलर (41 अरब रुपये से 66 अरब रुपये) की संपत्ति बेच दे.बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, कर्जदाताओं ने हाल ही में कर्ज दिया है और कर्ज की शर्तों पर फिर से बातचीत कर रहे हैं. यदि बायजू (BYJU's) भुगतान नहीं कर सकता है या अमेरिकी संपत्ति को बेचने में असमर्थ रहता है, तो कर्जदार कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
बायजू के कथित रूप से उल्लंघन की शर्तों के बाद डील में संशोधन करने की सलाह देने के लिए कर्जदाताओं ने विलय और अधिग्रहण पर फोकस करने वाले एक वैश्विक निवेश बैंक हुलिहान लोके की सेवाएं ली हैं. वहीं, इस बातचीत में बायजू का प्रतिनिधित्व ग्लोबल फाइनेंशियल एडवाइजरी Rothschild & Co. कर रही है.
कर्जदाताओं का मानना है कि बायजू ने अमेरिकी कंपनियों के लिए जुटाई गई फंडिंग के अधिकतर हिस्से को रोक रखा है और उन्होंने कंपनी से वहीं से पैसे वापस करने की मांग की है. सोर्सेज का कहना है कि इस संबंध में बातचीत जारी है. अगर कोई समझौता नहीं होता है तो वे संपत्तियों को बेचने के लिए कानूनी कार्रवाई की शुरुआत कर सकती है.
वहीं, सोर्सेज का कहना है कि बेंगलुरु स्थित बायजू कर्जदाताओं से बात कर रही है और उसे पूरा भरोसा है कि वह अगले कुछ हफ्तों में कर्ज के एक हिस्से को वापस लौटा देगी.
BYJU पर कई उल्लंघनों का आरोप
BYJU's द्वारा किए जाने वाले उल्लंघनों में उसके द्वारा 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले फाइनेंशियल ईयर में सितंबर की डेडलाइन फाइनेंशियल रिजल्ट फाइल न पाना भी शामिल है.
कर्जदाताओं द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों में एक यह है कि अगर कोई कंपनी कर्ज लेती है तो उसे 9 महीनों के अंदर बॉन्ड्स को रेट करना होता है. हालांकि, बायजू ऐसा करने में विफल रही क्योंकि उसके पिछले साल का रिजल्ट जारी होने में देरी हुई.
एक सोर्स का कहना है कि इस साल भी बायजू अपना रिजल्ट फाइनलाइज करने में असमर्थ रही है. इसने कर्जदाताओं को या तो कर्ज का पूरा या कुछ हिस्सा वापस मांगने के लिए मजबूर किया.
बायजू पहले ही कर्जदाताओं के कई शर्तों पर सहमत हो चुका है. इसमें एक चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर को नियुक्त करना, कर्ज पर ब्याज दर को बढ़ाना और मासिक बिजनेस अपडेट मुहैया कराना शामिल है.
FY21 में 4,588 करोड़ रुपये का घाटा
22 अरब डॉलर (18.17 खरब रुपये) की वैल्यूएशन वाली बायजू ने कतर इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA), ब्लैकरॉक, चान जकरबर्ग इनिशिएटिव, सिकोइया, सिल्वर लेक, बॉन्ड कैपिटल, टैंसेंट, जनरल अटालांटिक और टाइगर ग्लोबल से कुल 5.25 अरब डॉलर (4 खरब रुपये से अधिक) का फंड जुटाया है. बायजू के पास कुल 15 करोड़ लर्नर्स हैं. इसने हाल ही में मौजूदा निवेशकों से 250 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है. कंपनी ने अमेरिकी बाजार में कई अधिग्रहण किए हैं. इसमें Tynker, Epic और Osmo जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियां शामिल हैं.
हालांकि, हालिया उपलब्ध फाइनेंशियल रिपोर्ट के अनुसार, बायजू का वित्तीय वर्ष 2020-21 (FY21) में 4,588 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 19 गुना अधिक है। फर्म ने FY21 में राजस्व में 2,428 करोड़ रुपये कमाए.
2500 कर्मचारियों को निकालने की तैयारी
बायजू ने हाल ही में घोषणा की कि वह 'ऑप्टिमाइज़ेशन' ड्राइव के हिस्से के रूप में लगभग 2,500 कर्मचारियों, या अपने कर्मचारियों के 5 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करेगा. बायजू के फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बायजू रवींद्रन ने हाल ही में कर्मचारियों को बताया फर्म मार्च तक लाभदायक बनना चाह रही है.
लेखा परीक्षकों के शीर्ष निकाय भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने कहा है कि वह शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू द्वारा किए गए वित्तीय खुलासे की पड़ताल कर रही है. आईसीएआई ने कहा कि बायजू से जुड़े कुछ मुद्दे हैं, जिन पर विचार करने की जरूरत है. लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने पिछले दिनों शिक्षा क्षेत्र की इस स्टार्टअप की वित्तीय स्थिति के बारे में चिंता जताई थी.
Edited by Vishal Jaiswal