पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को आगे बढ़ाने के लिए सोशल इम्पैक्ट फंड की घोषणा की
इस ऐतिहासिक सहमति की पुष्टि जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा (NDLD) के एक हिस्से के रूप में भी की गई थी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में जी20 नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के नेतृत्व वाली दो पहलों - ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपोजिटरी और एक सोशल इम्पैक्ट फंड - की शुरुआत की घोषणा की जिनका उद्देश्य ग्लोबल साउथ में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को आगे बढ़ाने हेतु सोशल इम्पैक्ट फंड के विकास को बढ़ावा देना है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की अध्यक्षता में जी20 डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (DEWG) ने वैश्विक डीपीआई के एजेंडे की प्रगति की अगुवाई की है. DEWG के बातचीत के गहन प्रयासों की परिणति डीपीआई पर पहली बार बहुपक्षीय सहमति के रूप में हुई है. डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक (DEMM) ने सर्वसम्मति से डीपीआई से संबंधित तीन प्रदेयों (डिलिवरेबल्स) का समर्थन किया. इन प्रदेयों में शामिल हैं: डीपीआई के निर्माण से संबंधित एक रूपरेखा, निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (LMICs) में डीपीआई के विकास हेतु वित्त जुटाना और सूचनाओं एवं सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के आदान-प्रदान हेतु एक वैश्विक डीपीआई रिपोजिटरी (GDPIR) का निर्माण. इस ऐतिहासिक सहमति की पुष्टि जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा (NDLD) के एक हिस्से के रूप में भी की गई थी.
इन परिणामों की पूर्ति करने की दिशा में, MeitY ने GDPIR विकसित किया है, जोकि एक व्यापक संसाधन केन्द्र है और जी20 सदस्यों व अतिथि देशों से आवश्यक सबक और विशेषज्ञता एकत्रित करता है. इसका प्राथमिक उद्देश्य डीपीआई के डिजाइन, निर्माण, तैनाती एवं प्रशासन के लिए आवश्यक विकल्पों तथा कार्यप्रणाली से संबंधित ज्ञान के अंतर को पाटना है. GDPIR उन देशों और संगठनों से जुड़ी जानकारियां मानकीकृत प्रारूप प्रदर्शित करता है जिन्होंने परिपक्वता पैमाने, स्रोत कोड (जहां उपलब्ध हो) और प्रशासन संबंधी ढांचे जैसे तत्वों को शामिल करते हुए बड़े पैमाने पर डीपीआई विकसित किए हैं. वर्तमान में, GDPIR में 16 देशों के 54 डीपीआई शामिल हैं.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सोशल इम्पैक्ट फंड (SIF) के निर्माण की घोषणा भी की, जिसके लिए भारत ने 25 मिलियन अमेरिकी डालर की प्रारंभिक प्रतिबद्धता का वादा किया है. SIF की परिकल्पना ग्लोबल साउथ में डीपीआई के त्वरित कार्यान्वयन हेतु सरकार के अगुवाई वाली बहु-हितधारक पहल के रूप में की गई है. यह फंड डीपीआई प्रणाली विकसित करने में विभिन्न देशों को अपस्ट्रीम तकनीकी एवं गैर-तकनीकी सहायता प्रदान करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. SIF इस फंड में योगदान करने और निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (LMICs) में डीपीआई के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल करने में तेजी लाने में मदद करने हेतु अन्य सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और परोपकारी संस्थाओं सहित सभी प्रासंगिक हितधारकों के लिए एक मंच प्रदान करता है.