कोडिंग प्लेटफॉर्म WhiteHat Jr को बंद करने की तैयारी में BYJU’s, यह है वजह
कई महीनों की देरी और कई बार टालने के बाद BYJU’s ने जब पिछले साल सितंबर में अपने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, तब फाइनेंशियल ईयर 2019-20 की तुलना में यह घाटा 20 गुना बढ़कर 4588 करोड़ रुपये का हो गया था. इस घाटे में सबसे बड़ा योगदान व्हाइटहैट जूनियर का था.
देश की दिग्गज एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (एडटेक) कंपनी
ने दो साल पहले कोडिंग प्लेटफॉर्म व्हाइटहैट जूनियर का अधिग्रहण किया था लेकिन अब वह उसके गले की फांस बन चुका है. यही कारण है कि अब BYJU’s उसे बंद करने पर विचार कर रही है.इसका कारण है कि कई महीनों की देरी और कई बार टालने के बाद BYJU’s ने जब पिछले साल सितंबर में अपने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, तब फाइनेंशियल ईयर 2019-20 की तुलना में यह घाटा 20 गुना बढ़कर 4588 करोड़ रुपये का हो गया था. इस घाटे में सबसे बड़ा योगदान व्हाइटहैट जूनियर का था.
BYJU’s ने लाइव कोडिंग, गणित और संगीत सिखाने वाले व्हाइटहैट जूनियर को अगस्त 2020 में 300 मिलियन डॉलर में अधिग्रहित किया था, लेकिन तब से यह विवादों में रही है. कंपनी भ्रामक विज्ञापनों, छंटनी से लेकर इसके संस्थापक करण बजाज के छोड़ने के कारण चर्चा में रही है. बजाज ने अगस्त 2021 में व्हाइटहैट जूनियर को छोड़ दिया, इसके बाद अनन्या त्रिपाठी को इस साल की शुरुआत में सीईओ नियुक्त किया गया.
TechCrunch की रिपोर्ट के अनुसार, 22 अरब डॉलर के वैल्यूएशन वाला BYJU’s देश का सबसे कीमती स्टार्टअप है. तीन सोर्सेज ने बताया कि हाल के हफ्तों में व्हाइटहैट जूनियर को बंद करने की चर्चा हुई है. हालांकि, कंपनी अभी तक किसी फैसले पर नहीं पहुंची है.
यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है, जब BYJU’s पूरी कंपनी में कॉस्ट कटिंग कर रही है. पिछले कुछ महीनों में कंपनी ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है जबकि अपने मार्केटिंग खर्चों में भी भारी कटौती की है.
व्हाइटहैट जूनियर भ्रामक दावे करने और छात्रों को आकर्षित करने के लिए आक्रामक रवैया अपनाने के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. यही नहीं, इसने कुछ आलोचकों पर मुकदमे भी दर्ज कराए थे. हालांकि, भारी आलोचनाओं के बाद कंपनी ने उन्हें वापस ले लिया था.
BYJU’s को सिकोइया इंडिया, लाइटस्पीड वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड पार्टनर्स, टाइगर ग्लोबल, बी कैपिटल और जनरल अटलांटिक जैसे वेंचर कैपिटल का सपोर्ट है. पिछले एक साल इसने कुछ बेहद गंभीर आरोपों से निपटने में बिताए हैं.
आक्रामक सेल्स तरीके और कोर्सेज की मिससेलिंग को लेकर पैरेंट्स की शिकायतों और नाराजगी को झेलने वाले BYJU’s को राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग (NCPCR) ने चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया था.
पिछले महीने जनवरी में BYJU’s ने इसे एक बड़ी समस्या मानते हुए अपने सेल्स तरीके में बदलाव करने की बात कही थी. BYJU’s ने कहा था कि वह कोर्सेज बेचने के लिए ग्राहकों की सहमति की पुष्टि करने के लिए एक चार चरणों की नई प्रक्रिया अपनाएगी.
लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने भी पिछले दिनों शिक्षा क्षेत्र की इस स्टार्टअप की वित्तीय स्थिति के बारे में चिंता जताई थी. चिदंबरम ने इस साल अक्टूबर में BYJU’s के वित्तीय आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए लेखा परीक्षकों के शीर्ष निकाय भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) से अनुरोध किया था. उन्होंने मित्रा को लिखे एक पत्र में कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में BYJU’s के वित्तीय आंकड़े कई तरह के संदेह पैदा करते हैं.
इसके बाद, ICAI ने कहा था कि वह शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी BYJU’s द्वारा किए गए वित्तीय खुलासे की पड़ताल कर रही है. आईसीएआई ने कहा कि BYJU’s से जुड़े कुछ मुद्दे हैं, जिन पर विचार करने की जरूरत है.