अडानी संकट: एक महीने में ही मार्केट कैपिटलाइजेशन में दो पायदान गिरी भारत की रैंकिंग, फ्रांस और ब्रिटेन निकले आगे
9 महीने पहले ही भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पहली बार टॉप-5 में जगह बनाई थी. दो महीने से भी कम समय में भारत दो पायदान खिसक चुका है. 31 जनवरी को ही फ्रांस ने भारत को पीछे छोड़कर पांचवें पायदान पर कब्जा कर लिया था.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) के कारण अडानी ग्रुप
की कंपनियों के शेयरों में आई भारी गिरावट का असर मार्केट कैपिटलाइजेशन (m-cap) रैंकिंग पर भी हुआ है. इस रैंकिंग में भारत एक पायदान नीचे खिसककर 7वें पायदान पर आ गया है. वहीं, इसका फायदा ब्रिटेन को हुआ जो कि 6वें नंबर पर पहुंच गया है.बता दें कि, 9 महीने पहले ही भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पहली बार टॉप-5 में जगह बनाई थी. दो महीने से भी कम समय में भारत दो पायदान खिसक चुका है. 31 जनवरी को ही फ्रांस ने भारत को पीछे छोड़कर पांचवें पायदान पर कब्जा कर लिया था.
इस साल अब तक भारत का बाजार पूंजीकरण 231 अरब डॉलर या 6.93 फीसदी घटकर 3.1 लाख करोड़ डॉलर रह गया है. अडानी समूह ने 60 प्रतिशत से अधिक घाटे के लिए जिम्मेदार ठहराया है, समूह एम-कैप में सालाना 145 अरब डॉलर (वाईटीडी) का क्षरण देखा जा रहा है.
वहीं, ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन का संयुक्त बाजार पूंजीकरण मंगलवार को लगभग 3.11 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो कि भारतीय समकक्षों की तुलना में लगभग 5.1 बिलियन डॉलर अधिक है.
अक्टूबर 2022 में 4 प्रतिशत के शीर्ष पर पहुंचने के बाद विश्व एम-कैप में भारत का योगदान भी 3 प्रतिशत से नीचे आ गया है.
भारतीय बाजार अब तक शीर्ष 10 में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार है, अन्य बाजारों ने पिछले साल अपने बेहतर प्रदर्शन को देखा.
विश्लेषकों का कहना है कि अडानी समूह में भारत के महंगे मूल्यांकन और शासन संबंधी चिंताओं ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है.
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद MSCI (मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इंटरनेशनल) इंडिया इंडेक्स इस साल 6.1% गिर गया है, जबकि गौतम अडानी के स्वामित्व वाली कंपनियों के समूह के बाजार पूंजीकरण में लगभग 142 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
Edited by Vishal Jaiswal