बजाओ डॉट कॉम पर आओ, हर तरह के म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट जमकर बजाओ...
- भारत की सबसे पुरानी ई-कॉमर्स साइट में से एक बजाओ डॉटकॉम। - बजाओ डॉटकॉम पर पाइए हजारों म्यूजि़क इंस्टूमेंट।- कई म्यूजि़कल इवेंट्स को भी आयोजित कर रहा है बजाओ डॉटकॉम।
पिछले दिनों ई-कॉमस की दो बड़ी कंपनियों फ्लिप कार्ड और मिंत्रा के बीच में दो हजार करोड़ रुपए की डील हुई। जिसको मीडिया में काफी कवरेज भी मिली। डील यह बताने के लिए काफी है कि भारत में ई-कॉमर्स किस तरह इतने कम समय में अपनी जड़ें जमा चुका है। आने वाले दिनों में भी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ई-कॉमर्स का कितना उज्ज्वल भविष्य है। आज हम आपको जिस ई-कॉमर्स कंपनी के बारे में बताएंगे वो फ्लिप कार्ड से भी पहले सन 2005 में लॉच हुई थी और तब से आज तक यह लगातार आगे ही बढ़ती जा रही है। इस ई-कॉमर्स साइट का नाम है 'बजाओ डॉटकॉम', जिसकी शुरुआत महज 26 साल की उम्र में आशुतोष पांडे ने की। यह साइट भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी म्यूजिकल इंस्टूमेंट बेचने वाली ई-कॉमर्स साइट है।
कंपनी के अनुसार इस साइट में अलग-अलग तरह के 12 हजार से ज्यादा प्रोडक्ट्स बिक्री के लिए हैं। लगभग 15 हजार ऑडर हर महीने इन्हें साइट पर मिलते हैं। आशुतोष ने महज ढ़ाई लाख रुपए से इस कंपनी की शुरुआत की थी। इस पैसे को उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों की मदद से एकत्र किया था। पिछले साल बजाओ डॉटकॉम का टर्नओवर 13 करोड़ रुपए था।
म्यूजि़क ही क्यों -
बजाओ डॉटकॉम की शुरुआत से पहले आशुतोष लंदन में एक प्रकाशन हाउस में काम कर रहे थे। म्यूजि़क का शौक उन्हें स्कूल व कॉलेज के समय से ही रहा है। कॉलेज के दिनों में आशुतोष गिटार बजाया करते थे। उनका एक म्यूजि़कल बैंड भी था। प्रकाशन हाउस की जॉब से वे खुश नहीं थे। फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न भारत वापस जाकर कुछ नया किया जाए। यहीं से उन्हें ख्याल आया कि जब उन्हें म्यूजि़क का इतना शौक है तो क्यों न म्यूजि़क के क्षेत्र में ही कुछ किया जाए। इस प्रकार आशुतोष ने सन 2005 में 'बजाओ डॉटकॉम' की शुरुआत की।
शुरुआत में अपना काम जमाने में आशुतोष को काफी दिक्कतें भी आईं। एक व्यक्ति ने उनके साथ अस्सी हजार रुपए का फ्रॉड किया। लेकिन आशुतोष ने अपनी सूझबूझ से उस धोखेबाज का पता लगा लिया और अपना सामान वापस ले लिया। धीरे-धीरे इनका काम चलने लगा। जो एक बार इनसे सामान लेता वह अगली बार भी इन्हीं के पास आता। साथ में बाकी लोगों को भी इन्हीं से सामान खरीदने के लिए बोलता। क्योंकि उस जमाने में ई-कॉमर्स का बहुत स्कोप नहीं था न ही लोगों को इसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी ही थी। इसलिए आशुतोष को लोगों को समझाने में और उनका विश्वास जीतने में काफी दिक्कतें भी आ रही थीं।
आज की तारीख में बजाओ डॉटकॉम पर औसत खरीदारी आठ हजार रुपए की है। यह कंपनी भारत के लगभग ढ़ाई हजार शहरों में सक्रीय रूप से काम कर रही है। केवल बड़े शहरों से ही नहीं बल्कि छोटे शहरों से भी बजाओ डॉटकॉम को काफी ऑडर्स आ रहे हैं जोकि अपने आप में हैरान करने वाली बात है।
शुरुआत के पांच सालों तक आशुतोष ने कंपनी को बिना किसी बाहरी मदद के खुद से चलाया। सन 2010 में जेएमबी टेलीफिल्म ने इन्हें बाहर से फंड दिया और 51 प्रतिशत स्टेक ले ली। आशुतोष कहते हैं कि हम जिस बाजार के लिए काम कर रहे हैं वह बहुत बड़ा नहीं है और एक खास वर्ग तक सीमित है। ऐसे में खुद को बाजार में बनाए रखने के लिए आपको ग्राहकों को बेस्ट चीज़ें ही देनी होंगी।
हाल ही में दो इंवेस्टर्स ने बजाओ डॉटकॉम पर 18 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह आंकड़ा बजाओ डॉटकॉम पर बढ़ रहे विश्वास और व्यापार को भी बताता है।
बजाओ डॉटकॉम शुरुआत में केवल म्यूजि़कल इंस्टूमेंट ही बेचा करता था लेकिन अब ये म्यूजिक बिजनेस में भी आ गए हैं। सन 2008 में इन्होंने स्टूडियो उपकरणों के बिजनेस में भी कदम रखा। इसके अलावा सन 2009 में यह पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग के बिजनेस में भी उतरे। साथ ही यह कई म्यूजिकल इंवेंट्स भी आयोजित करते हैं। जैसे कि जैक डेनिल्स रॉक अवॉर्ड जोकि मार्च 2014 में हुआ। इसके अलावा इंटरनेशनल जैज फेस्टिवल, रेड बुल टूर बस। इन्होंने पिछले दिनों आई फिल्म आशिकी 2 से भी करार किया था। बजाओ डॉटकॉम ने सन 2006 में 24/7 जैम रूम की शुरुआत की। मार्च 2014 इनके लिए बहुत खास रहा क्योंकि इस दौरान इन्होंने वॉल्ट नाम का एक म्यूजिकल ब्रांड लॉच किया है। यह इनका अपना ब्रांड है।
आशुतोष अपने इस सफर से बहुत खुश हैं और भविष्य में इस प्रकार कई और नए प्रोजेक्ट्स पर काम करना चाहते हैं।