"पैकेजिंग में स्टार्टअप्स आएंगें तो बढ़ेगा निर्यात"
पीटीआई
वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि निर्यात बढ़ाने की पहल के तौर पर पैकेजिंग प्रौद्योगिकी में नवोन्मेष को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
सीतारमण ने पैकेजिंग को कला, सौंदर्य-शास्त्र, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का मिश्रण बताया और कहा कि इस उद्योग का आर्थिक विकास में उल्लेखनीय योगदान है।
उन्होंने कहा ‘‘एशिया पैकेजिंग उत्पादों के लिहाज से सबसे बड़ा बाजार है जिसकी इस क्षेत्र में 41 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि यूरोप की 22 प्रतिशत और अमेरिका का 21 प्रतिशत योगदान है। आईआईपी से स्नातक शिक्षा लेकर निकलने वाले छात्रों के लिए यह क्षेत्र व्यापक अवसर प्रदान करता है।’’ सीतारमण ने यहां से स्नातक बनकर निकलने वालों छात्रों से स्टार्ट-अप शुरू करने और नए पैकेजिंग डिजाइन का नवोन्मेष करने की अपील की।
उन्होंने कहा ‘‘आज स्टार्टअप का दौर है। छात्र स्टार्ट-अप शुरू कर सकते हैं और सरकार से कुछ मदद के साथ उद्यमी बन सकते हैं।’’ मंत्री ने कहा कि केंद्र नवोन्मेष को बहुत महत्व देता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा है कि सरकार स्टार्ट-अप के लिए शुरुआती मदद मुहैया कराएगी।
उन्होंने कहा कि हर उत्पाद के लिए पैकेजिंग आवश्यक है और पैकेजिंग से जुड़ी चीजों की बर्बादी पर्यावरण के लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि जहां भी संभव हो पैकेजिंग के लिए जूट का उपयोग किया जाना चाहिए न कि मानव-निर्मित फाइबर का।
सीतारमण ने कहा कि उनका मंत्रालय आईआईपी को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाने के लिए प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करेगा।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी के मद्देनजर सरकार निर्यात के समक्ष चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।