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मिसकैरिज की रात स्‍मृति ईरानी के पास फोन आया- “कल शूटिंग पर आ जाइए”

हाल ही में एक इंटरव्‍यू में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी ने कई चौंकाने और हैरान करने वाली बातें कहीं.

मिसकैरिज की रात स्‍मृति ईरानी के पास फोन आया- “कल शूटिंग पर आ जाइए”

Monday March 27, 2023 , 4 min Read

हाल ही में एक इंटरव्‍यू में भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी ने बहुत सारे चौंकाने वाले खुलासे किए. नीलेश मिसरा के शो द स्‍लो इंटरव्‍यू के लिए बातचीत के दौरान उन्‍होंने अपने बचपन, जवानी और राजनीतिक जीवन से जुड़ी बहुत सारी ऐसे चीजों के बारे में बात की, जो उन्‍होंने इसके पहले कभी सार्वजनिक रूप से नहीं कही थीं.   

तकरीबन ढ़ाई घंटे की इस बेहद सरल और अनौपचारिक बातचीत में हमें पूर्व एक्‍ट्रेस, मॉडल और वर्तमान में देश के राजनीतिक परिदृश्‍य में अपना एक मजबूत मुकाम रखने वाली स्‍मृति ईरानी के बारे में बहुत सारी बातें जानने को मिलती हैं.

बातचीत के दौरान एक जगह  स्‍मृति बताती हैं कि कैसे परिवार में आर्थिक दिक्‍कतों का असर उनके माता-पिता के संबंधों पर पड़ा, जिन्‍होंने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर प्रेम विवाह किया था. पिता अजय कुमार मल्‍होत्रा पंजाबी हिंदू थे और मां शिबानी बागची बंगाली. प्रेम से शुरू हुआ रिश्‍ता आखिरकार अलगाव पर जाकर खत्‍म हुआ. स्‍मृति कहती हैं कि मैं पहली बार सार्वजनिक रूप से यह बात कह रही हूं. इसके पहले अपने माता-पिता के सेपरेशन की बात मैंने कभी पब्लिकली नहीं की.

स्‍मृति दिल्‍ली के जिस महंगे पब्लिक स्‍कूल में पढ़ी हैं, वहां एडमिशन मिलने की कहानी भी बड़ी रोचक है. यूं तो वो एक साधारण स्‍कूल में पढ़ती थीं, लेकिन उस बड़ी सी इमारत को देखकर उनके मन में हमेशा उस बड़े स्‍कूल में पढ़ने की इच्‍छा होती थी.

वो रोज उस स्‍कूल के सामने खड़े होकर बिल्डिंग को देखती रहतीं. एक दिन एक नन बाहर आई और वहां खड़े रहने की वजह पूछी तो स्‍मृति ने कहा कि इस स्‍कूल में पढ़ना है. कैसे पढ़ सकते हैं. नन ने कहा कि अपने मम्‍मी-पापा को बोलो, तुम्‍हारे एडमिशन कराएं. नन ने किसी एडल्‍ट के साथ आने को कहा.

अगले दिन वो फिर वहां पहुंच गईं और बोली कि कोई एडल्‍ट नहीं है. वो माता-पिता के उन्‍होंने अकेले ही उस स्‍कूल में एडमिशन का टेस्‍ट दिया और टेस्‍ट पास भी कर लिया. उन्‍होंने मां को तब बताया, जब पैसों की बात आई. मां उस वक्‍त ताज होटल की हाउस कीपिंग में काम करती थीं. उन्‍होंने कहा कि टाटा ट्रस्‍ट से स्‍कॉलरशिप मिल सकती है, लेकिन तभी जब 60 पर्सेंट से ज्‍यादा नंबर आएं. स्‍मृति ने मां से वादा किया कि वह इससे ज्‍यादा नंबर लेकर आएगी और इस तरह उस स्‍कूल में उसका एडमिशन हो गया.     

इस बातचीत में उन्‍होंने अपने मुंबई के अपने कड़वे अनुभवों को भी विस्‍तार से बताया है. जब वह सास भी कभी बहू थी सीरियल में काम कर रही थीं तो एक बार उनका मिसकैरिज हो गया. उन्‍हें पता नहीं था कि वह प्रेग्‍नेंट हैं, लेकिन काम के दौरान उनकी तबीयत ठीक नहीं रह रही थी.

एक दिन शूटिंग के दौरान जब उन्‍हें अपनी तबीयत काफी खराब लग रही थी तो उन्‍होंने काम से छुट्टी लेनी चाही. उन्‍होंने कहा कि मेरा हिस्‍सा पहले शूट कर लो क्‍योंकि मेरी तबीयत खराब हो रही है. फिर भी उन्‍हें छुट्टी नहीं मिली. जब तक वह काम से फारिग हुईं, शाम हो चुकी थी. रास्‍ते में उन्‍होंने डॉक्‍टर से बात की तो डॉक्‍टर ने सोनोग्राफी कराने को कहा लेकिन अस्‍पताल पहुंचने से पहले रास्‍ते में ही उन्‍हें ब्‍लीडिंग शुरू हो गई.

रात को उनके पास फोन आया कि अगले दिन काम पर आ जाओ. उन्‍होंने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मुझे मिसकैरिज हुआ है, मैं अस्‍पताल में हूं तो भी उन्‍हें कहा गया कि वो दोपहर की शिफ्ट में आ जाएं.

उस दौरान वो एक साथ दो सीरियल्‍स में काम कर रही थीं. सुब‍ह की शिफ्ट में रवि चोपड़ा के सीरियल ‘रामायण’ में, जिसमें वह सीता की भूमिका निभा रही थीं और दोपहर की शिफ्ट में एकता कपूर के सीरियल ‘क्‍योंकि सास भी कभी बहू थी’ में.  

उन्‍होंने रवि चोपड़ा को जब फोन करके बताया कि क्‍या हुआ है, उन्‍होंने उन्‍हें काम से छुट्टी लेकर आराम करने को कहा. जबकि एकता कपूर के यहां उन्‍हें उस दोपहर भी शूटिंग के लिए जाना ही पड़ा. वह बताती हैं कि जब अगले दिन वो शूटिंग के लिए गईं तो किसी को-एक्‍टर ने एकता कपूर से कह दिया कि यह सब तो ढोंग है. स्‍मृति झूठ बोल रही है. अगले दिन जब वह शूट के लिए गईं तो अपने साथ मेडिकल रिपोर्ट भी लेकर गईं और कहा, ये रहा सुबूत. फीटस बचा नहीं है, वरना वो भी दिखा देती.  

स्‍मृति कहती हैं कि वह घटना उनके लिए मनुष्‍यता का बहुत बड़ा सबक थी. वह रवि चोपड़ा को कभी नहीं भूल पाएंगी, जिन्‍होंने इतने मुश्किल समय में उनके साथ इतनी मनुष्‍यता बरती. यह सारे जीवन के सबक हैं. वो कहती हैं कि मैं कब कहां, कैसे, कितनी टूटी हूं, मरी हूं, यह सब मिलकर ही स्‍मृति ईरानी बनती है.