टेकस्पार्क्स 2018: गिरिराज सिंह ने स्टार्टअप्स से किया स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल का आग्रह
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार टेकस्पार्क्स कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि देश के विकास और सामाजिक प्रभाव पैदा करने में भारतीय स्टार्टअप को बड़ी भूमिका निभानी है।

कार्यक्रम में बोलते गिरिराज सिंह
मंत्री ने उद्यमियों को सामाजिक कारणों में इनोवेशन लाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने उद्यमियों से स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल करने और इसे दुनिया में ले जाने का भी आग्रह किया।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार टेकस्पार्क्स कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि देश के विकास और सामाजिक प्रभाव पैदा करने में भारतीय स्टार्टअप को बड़ी भूमिका निभानी है। योरस्टोरी टेकस्पार्क्स के नौवें संस्करण में 'द इंडियन एमएसएमई ग्रोथ स्टोरी' पर बोलते हुए सिंह ने बताया कि सरकार ने माइक्रो और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना को 8,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है और पिछले चार वर्षों में एमएसएमई मंत्रालय द्वारा विभिन्न पहलों के लिए लगभग 18 लाख नए उद्यमियों को फंड किया गया है।
उन्होंने कहा, "सूक्ष्म उद्यमों के लिए, हम बिना किसी कोलेटरल (collateral) के 25 लाख से दो करोड़ रुपये तक दे रहे हैं। भारत सरकार इसकी गारंटी ले रही है।" उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई को सुचारु रूप से ऋण देने को सुविधाजनक बनाने के लिए पिछले 50 प्रतिशत के मुकाबले इस तरह के ऋणों की गारंटी स्तर 75 प्रतिशत तक बढ़ाने का भी फैसला किया है। सिंह ने कहा, "इस तरह की पहलों के साथ, सरकार सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से दो करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करने में सक्षम रही है।"
मंत्री ने उद्यमियों को सामाजिक कारणों में इनोवेशन लाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने उद्यमियों से स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल करने और इसे दुनिया में ले जाने का भी आग्रह किया।
एक उदाहरण का हवाला देते हुए सिंह ने कहा, "आज, हम पॉलिथिन बैग को बैन कर रहे हैं। एक डच स्टार्टअप गाय के गोबर से कपड़े बनाने की एक तकनीक के साथ आया था। मैंने अपने वैज्ञानिकों से भी कुछ ऐसा करने के लिए कहा और उन्होंने गाय के गोबर से पेपर बैग बनाया। हमने अपनी स्वदेशी तकनीक से दिखा दिया कि हम पॉलीथीन बैग के विकल्प को दे सकते हैं।" उन्होंने कहा कि सामाजिक उद्यमिता भारतीय स्टार्टअप के लिए एक बड़ा अवसर है।
अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, एमएसएमई मंत्रालय ने हाल ही में एक ई-न्यूजलेटर लॉन्च किया जिसका उद्देश्य सेक्टर और एमएसएमई के बीच नियमित रूप से दो-तरफा प्रवाह की सुविधा प्रदान करना है।
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