जब बॉलिवुड में एक ही कहानी पर बनी दो फिल्में
कुछ घटनाएं कुछ किरदार ऐसे होते हैं, जिन पर बारहा साहित्य लिखा जाता रहता है, फिल्में बनती रहती हैं। वो विशेष घटना या चरित्र इतने उदात्त होते हैं कि एक बार में किसी रील में उन्हें समेटा नहीं जा सकता। तब उनको दिखाने के लिए कई प्रयास होते हैं, ऐसे में बॉलीवुड में विषयों की कमी खलती है और एक ही कहानी अलग-अलग चेहरों के साथ कई बार देखने को मिल जाती है...
बॉलीवुड इस तरह की आवृत्ति वाले प्रयोग से अछूता नहीं है। यहां एक ही घटना पर कई सारी फिल्में बन जाती हैं। आईये जानें उन्हीं फिल्मों के बारे में...
कुछ ऐतिहासिक घटनाएं, किरदार ऐसे होते हैं जिनपर बारहा साहित्य लिखा जाता रहता है, फिल्में बनती रहती हैं। वो विशेष घटना या चरित्र इतने उदात्त होते हैं कि एक बार में किसी रील में उन्हें समेटा नहीं जा सकता। तब उनको दिखाने के लिए कई प्रयास होते हैं, परत दर परत अलग-अलग कहानियां निकल आती हैं। कई दृष्टिकोण सामने आते हैं। बॉलीवुड भी इस तरह की आवृत्ति वाले प्रयोग से अछूता नहीं है।
एक ही तरह की घटनाओं को बॉलीवुड ने अपनी कई फिल्मों में उकेरा है। उन विषयों को फिल्मों के माध्यम से दिखाकर बॉलीवुड ने समाज में नई चेतना को उजागर करने का प्रयास किया है। बॉलीवुड में कई बार विषयों की कमी खलती है लेकिन इस तरह के विषय कभी नहीं खत्म होते जो हमारे आसपास घटते रहते हैं या घट चुके हैं। चलिए बात उन्हीं विषयों, किरदारों, घटनाओं की जिनपर बॉलीवुड में कई फिल्में बन गईं।
भगत सिंह
भगत सिंह क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी बहादुरी की कहानियों ने छह से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों को प्रेरित किया है। भगत सिंह के जीवन पर बनी पहली फिल्म शहीद-ए-आजाद भगत सिंह जो 1954 में बनी थी। इसके बाद शहीद 1965 मे आई थी मनोज कुमार की मुख्य भूमिका में। भगत सिंह पर तीन और फिल्में भी बनीं, जिनमें से दो 2002 में रिलीज हुईं। इन फिल्मों की प्रमुख भूमिकाओं में सोनू सूद, बॉबी देओल और अजय देवगन शामिल थे।
देवदास
शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की लिखी दिग्गज प्रेम कहानी देवदास को कई भाषाओं में फिल्माया गया है। देवदास पर आधारित फिल्में बॉलीवुड में 5 बार बनाई गई है। देवदास का पहला हिंदी संस्करण 1936 में बनाया गया था। इसमें प्रमुख भूमिका में थे के.एल. सहगल। दूसरा संस्करण 1955 में बनाया गया था, इसमें अभिनेता दिलीप कुमार हीरो थए। 2002 में संजय लीला भंसली ने आखिरी पारंपरिक हिंदी संस्करण बनाया था, जिसमें शाहरुख खान ने प्रमुख किरदार निभाया था। अनुराग कश्यप और सुधीर मिश्रा ने देव डी और और देवदास में कहानी की अपनी व्याख्याएं की थीं।
आरुषि मर्डर केस
आरुषि तलवार की मौत एक त्रासदी थी और साथ ही एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना भी। इस मामले को मीडिया ने सनसनीखेज बनाकर कर दुनिया के सामने पेश किया। आरुषि की मौत के आसपास की परिस्थितियां अभी भी संदेह से भरे हुई हैं और उसके माता-पिता अब भी हत्या के आरोप में जेल के चक्कर काट रहे हैं। इस घटना पर आधारित दो फिल्में बनाई गईं है। पहली मेघना गुलजार निर्देशित तलवार थी और दूसरी मनीष गुप्ता की रहस्य थी।
अरुणाचलम मुरुगनथम
अक्षय कुमार की पैडमैन और शरीफ अली हाशमी के अभिनय वाली फुलू, ये दोनों ही फिल्में तमिलनाडु के अरुणाचलम मुरुगनथम की कहानी पर आधारित है। मुरुगनथम ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए सस्ते सैनिटरी नैपकिन बनाए थे। अक्षय कुमार की पैडमैन रिलीज नहीं हुई है अब तक और फुलू 16 जून, 2017 को रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म को आलोचकों से चमकदार समीक्षा भी मिली।
सबगढ़ी की लड़ाई
1897 में ब्रिटिश भारतीय सेना और पश्तून कस्बे के सिख सैनिकों के बीच हुई सबगढ़ी की लड़ाई, अब तक लड़ी गई सबसे पुरानी एकतरफा लड़ाइयों में से एक है। रिपोर्टों के मुताबिक, 21 सिखों के एक दल ने दस हजार पश्तों के खिलाफ बहादुरी से लड़कर उन्हें हरा दिया था। वर्तमान में रणदीप हुड्डा इस विषय पर एक फिल्म पर काम कर रहे हैं। फिल्म अजय देवगन की सन ऑफ सरदार में भी इस लड़ाई का जिक्र था। कुछ खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि करण जौहर और अक्षय कुमार इसी कहानी पर एक फिल्म बना रहे हैं।
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