पाबंदियों में ढील देने के फैसले के खिलाफ अदालत पहुंचा बच्चा
नयी दिल्ली, एक बच्चे ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर दिल्ली सरकार द्वारा पाबंदियों में ढील देने और कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मरीजों की जांच नहीं करने के कारण उसे और अन्य बच्चों के समक्ष खतरे को रेखांकित किया।
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सांकेतिक चित्र (फोटो साभार: shutterStock)
दो साल के बच्चे ने अपने पिता के जरिए दायर याचिका में कहा है कि बिना लक्षण वाले मरीजों की जांच बंद करने और अस्पतालों में बेड तथा वेंटिलेटर की कमी के कारण स्थिति बिगड़ गई है।
बच्चे ने कहा कि वह एक संयुक्त परिवार में रहता है जिसके सदस्य काम पर जाते हैं। वे दिल्ली सरकार द्वारा सोमवार से प्रभावी "अन-लॉकडाउन" के कारण नियमित दफ्तर जाएंगे जिससे उसे और अन्य बच्चों को तथा दिल्ली के निवासियों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का काफी खतरा है।
याचिका को मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की एक पीठ के समक्ष मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।