लॉकडाउन में कोचिंग ने नौकरी से निकाला, फिर शुरू किया खुद का यूट्यूब चैनल, आज लाखों में हैं फॉलोवर
महाराष्ट्र में कोविड-19 के दौरान अपनी नौकरी गंवाने वाले कोचिंग टीचरों में से एक मुंबई के घाटकोपर के 27 वर्षीय पार्थ मोमाया भी थे. वह एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाते थे. हालांकि, कोविड-19 की शुरुआत के बाद मई, 2020 में उनकी नौकरी चली गई थी.
कोविड-19 महामारी ने दुनियाभर में एजुकेशन सेक्टर को प्रभावित किया है. भारत में, लंबे समय तक ऑफलाइन एजुकेशन सेंटर्स के शटडाउन रहने से इस क्षेत्र में रोजगार पर भारी असर पड़ा, टीचर्स की नौकरी चली गई और वेतन में कटौती का सामना करना पड़ा.
महाराष्ट्र कोचिंग क्लास ओनर्स एसोसिएशन (MCOA) के एक अनुमान का दावा है कि राज्य में लगभग 20,000 कोचिंग संस्थानों को महामारी के दौरान दुकान बंद करनी पड़ी थी.
महाराष्ट्र में कोविड-19 के दौरान अपनी नौकरी गंवाने वाले कोचिंग टीचरों में से एक मुंबई के घाटकोपर के 27 वर्षीय पार्थ मोमाया भी थे. वह एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाते थे. हालांकि, कोविड-19 की शुरुआत के बाद मई, 2020 में उनकी नौकरी चली गई थी.
इसके बाद उन्होंने अपने रिकॉर्डेड लेक्चर्स को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया. आज उनके यूट्यूब चैनल पर 4 लाख 19 हजार सब्सक्राइबर्स हैं. उन्होंने अपने चैनल पर 500 से अधिक वीडियोज पब्लिश किए हैं. मोमाया आज एक ऐसे ब्रांड बन चुके हैं जिन्हें कई बड़ी एडटेक कंपनियां अपने साथ जोड़ना चाहती हैं.
मोमाया एसएससी की तैयारी करने वाले और महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड के क्लास-10 के छात्रों को साइंस पढ़ाते हैं. अब उन्होंने हायर सेकेंडरी बोर्ड की 11वीं और 12वीं क्लास की भी तैयारी करानी शुरू कर दी है.
वह अपने बेडरूम से ही अपने वीडियो लेशंस तैयार करते हैं. वह अपने वीडियो में एनिमेशन का यूज करते हैं जो कि उन्हें यूट्यूब पर मौजूद बाकी एजुकेटर्स से अलग करते हैं.
उदाहरण के तौर पर आनुवांशिकता को बढ़ाते हुए जब वह डीएनए के बारे में बात करते हैं तब वह डीएनए का पूरा एनिमेशन बनाते हैं और उनमें क्रोमोजोम्स को समझाते हैं.
Edited by Vishal Jaiswal