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82 साल की ये वृद्ध महिला 15 सालों से बेच रही हैं मात्र 1 रूपये में पेट भर इडली, आनंद महिंद्र भी हुए इनके फैन

82 साल की ये वृद्ध महिला 15 सालों से बेच रही हैं मात्र 1 रूपये में पेट भर इडली, आनंद महिंद्र भी हुए इनके फैन

Monday September 16, 2019 , 3 min Read

खाना बनाना लोगों में विभिन्न भावनाओं को जागृत करता है। कुछ के लिए ये एक रोजगार है, जबकि कुछ के लिए एक जिम्मेदारी और कुछ ऐसे भी हैं जो शौक के लिए खाना बनाते हैं। मिलिए कोयंबटूर (Coimbatore) स्थित वडिव्लमपलायम गांव की 82 वर्षीय वृद्धा एम. कमलाथल से जिनके लिए खाना पकाना एक जुनून है। खासकर इडली बनाना जो कि वह पिछले 30 सालों से बना रही हैं।


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लेकिन क्या आप जानते हैं कि एम. कमलाथल की और भी ज्यादा आकर्षित करने वाली बात क्या है? इन गर्म उबली हुई इडलियों  का दाम मात्र 1 रुपये पर प्लेट है,  जिसमें कि पिछले 15 सालों से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। कमलाथल सारा काम खुद से करती हैं, उन्हें अपने पोते की पत्नी पी.आरती का  सानिध्य मिलता है।


द हिंदू ने सूचित किया कि वह सुबह 5:00 बजे उठकर 8 किलो चावल से इडली बनाने के लिए लेई बनाना शुरु कर देती है और चक्की पाट से चटनी तैयार करती हैं। वह अपनी दुकान को सुबह 6:00 बजे खोलती हैं और जब सारी लेई खत्म हो जाती है तब बंद कर देती हैं। ग्राहक सुबह 7:00 बजे से आना शुरू हो जाते हैं और कमलाथल अपने पारंपरिक इडली के बर्तनों में एक मिट्टी के चूल्हे और जलावन की लकड़ी की मदद से इडली बनाना शुरु कर देती हैं।


जब उनसे पूछा गया है कि वह गैस के चूल्हे का उपयोग क्यों नहीं करती हैं। तब उन्होंने कहा कि

"मुझे मालूम नहीं है कि गैस के चूल्हे का इस्तेमाल कैसे करते हैं।"


लेकिन चीजें तब बदल गई जब आनंद महिंद्रा (जोकि महिंद्रा समूह के अध्यक्ष हैं) ने उनके बारे में एक वीडियो देखा और इसको ट्विटर पर ले गए। अपने ट्वीट में आनंद महिंद्रा ने यह भी जोड़ा कि उन्हें कमलाथल के एलपीजी का खर्च वहन करने पर हार्दिक प्रसन्नता होगी। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार यह करने से कमलाथल रातों-रात एक सनसनी बन गईं।


कुछ ही समय में यह ट्वीट वायरल हो गया और भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड कोयंबटूर ने कमलाथल को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया। इस खबर ने ट्विटर पर खूब वाहवाही बटोरी जिसमें केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल हैं।


जानकारी के मुताबिक, कमलाथल के परिवार में कोई नहीं है, वो अकेली हैं और रोजाना सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक वो काम करती हैं। वो रोजाना करीब 400-500 इडली बनाकर बेचती हैं और इसी से अपनी आजीविका चलाती हैं। इडली वाली अम्मा की कहानी के बारे में लोगों को तब पता चला जब किसी ने उनकी दुकान के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और जब उनकी कहानी वायरल हो गई जिसके बाद कमलाथल पर आनंद महिंद्रा की नज़र पड़ी।


शुरुआती दिनों में कमलाथल 25 पैसे में इडली बेचती थीं, लेकिन चावल, उड़द और नारियल की बढ़ती कीमत के कारण उन्होंने इडली की कीमत बढ़ाकर 1 रुपए कर दी। उनका यह काम मुनाफे से अधिक लोगों की सेवा भाव से जुड़ा हुआ है और यही वजह है कि उनकी दुकान पर छात्रों, सरकारी और निजी कंपनियों के कर्मचारियों, ड्राइवरों और दिहाड़ी मजदूरों की भीड़ रहती हैं।


एम. कमलाथल से जब इडली का दाम बढ़ाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,

"यह सब पुण्य कमाने के लिए है। कुछ लोग 10 रुपये में खाना पसंद करते हैं और कुछ लोग 25 रुपये में। उनको खाने दो।"