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'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बेचने के लिए OLX पर डाला ऐड, लिखा- कोरोना से लड़ने के लिए सरकार को पैसों की जरूरत, केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बेचने के लिए OLX पर डाला ऐड, लिखा- कोरोना से लड़ने के लिए सरकार को पैसों की जरूरत, केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी

Tuesday April 07, 2020 , 3 min Read

साल 2018 में गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया में पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्टैच्यू का अनावरण किया था। इसका नाम 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' रखा गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू है। पहले यह अपनी ऊंचाई के कारण पूरी दुनिया में चर्चा में आया। अब कोरोना के दौरान लॉकडाउन के दिनों में यह फिर से चर्चा में आया है। इस बार अपनी ऊंचाई के लिए नहीं बल्कि एक विज्ञापन के लिए। किसी शख्स ने इसे बेचने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन पोस्ट कर दिया है। इसने बड़े-बड़े अधिकारियों के होश उड़ा दिए।


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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (फोटो क्रेडिट: india today)



दरअसल किसी शख्स ने शैतानी करने के लिए ऑनलाइन मार्केट प्लेस OLX पर 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को बेचने के लिए विज्ञापन पोस्ट कर दिया और कीमत रख दी 30,000 करोड़ रुपये। शख्स ने बेचने के कारण बताया कि कोरोना से लड़ने के लिए सरकार को हेल्थकेयर उपकरण और मेडिकल सुविधाओं के लिए पैसों की जरूरत है। इसके लिए 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बेच रहे हैं। सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन यह सच है। ऐड डालने वाले शख्स ने लिखा,

'इमर्जेंसी! हॉस्पिटल और हेल्थ केयर उपकरणों के लिए अर्जेंट में पैसों की जरूरत है। इसलिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बेच रहे हैं।'

हालांकि ऐड पोस्ट होने के कुछ ही देर बाद हटा लिया गया लेकिन तब तक लोगों ने इसका स्क्रीनशॉट लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस मामले के संज्ञान में आते ही पुलिस और बड़े अधिकारी हरकत में आ गए। स्थानीय पुलिस ने बताया,

'गुजरात में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इस व्यक्ति ने सरकार की हॉस्पिटल और मेडिकल उपकरणों की जरूरत पूरा करने के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को 30,000 करोड़ में बेचने के लिए ऐड पोस्ट किया था।'

इस ऐड के बारे में ओएलएक्स पर भी केस हो सकता है। डिप्टी कमिश्नर नीलेश दूबे ने बताया, 'ओएलएक्स ने बिना वेरिफाई किए ही विज्ञापन अपनी साइट पर पब्लिश कर दिया। इस बाबत हमने एक पुलिस कंपलेन दर्ज की है।

मालूम हो, 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती (31 अक्टूबर) पर किया था। इसे बनाने का काम 31 अक्टूबर 2013 से शुरू हुआ और 30 अक्टूबर 2018 को पूरे 5 साल में खत्म हुआ। इसके लिए 3000 वर्करों और 250 इंजीनियरों ने लगातार काम किया। विकिपीडिया के मुताबिक इसे बनाने में कुल 2,989 करोड़ रुपये की लागत आई।