कोरोनावायरस: 16 लाख रोगियों के ठीक होने से भारत की रिकवरी दर हुई 70 प्रतिशत
केस मृत्यु दर (सीएफआर) घटकर 2 प्रतिशत से कम हुई।
प्रभावी नियंत्रण नीति, आक्रामक और व्यापक परीक्षण के सफल कार्यान्वयन के साथ-साथ देखभाल के दृष्टिकोण पर आधारित गंभीर रोगियों के मानकीकृत नैदानिक प्रबंधन के परिणामस्वरूप रिकवरी दर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। रिकवरी दर आज लगभग 70 प्रतिशत आंकी गई है।
अधिक-से-अधिक रोगियों के ठीक होने और अस्पतालों से छुट्टी होने तथा घर में आइसोलेशन (हल्के और मध्यम रोगियों के मामले में) से कुल रिकवरी बढ़कर 15,83,489 तक पहुंच गई है। इसमें पिछले 24 घंटों में अस्पतालों से छुट्टी दे दिए गए कोविड-19 के 47,746 रोगी भी शामिल हैं।
देश में सक्रिय मामलों की वास्तविक संख्या 6,39,929 है जो कुल पॉजिटिव मामलों की केवल 28.21 प्रतिशत है। ये रोगी सक्रिय चिकित्सा देख-रेख में हैं।
रिकवरी में लगातार और निरंतर बढ़ोतरी होने से ठीक हुए रोगियों और सक्रिय कोविड-19 मामलों के बीच अंतर लगभग 9.5 लाख हो गया है। भारत की टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट रणनीति इच्छित परिणाम दर्शा रही है। इसलिए प्रतिशत रिकवरी और प्रतिशत सक्रिय मामलों के मध्य अंतर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।
अस्पतालों में बेहतर और प्रभावी नैदानिक उपचार पर ध्यान दिए जाने, शीघ्र और समय पर मरीजों को अस्पतालों में लाने के लिए एंबुलेंसों की नॉन-इनवेसिव, बेहतर और समन्वित सेवाओं के उपयोग से कोविड-19 रोगियों का सहज कुशल रोगी प्रबंधन करने में मदद मिली। इसके परिणामस्वरूप मामला मृत्यु दर (सीएफआर) वैश्विक औसत की तुलना में कम रही। यह दर आज 2 प्रतिशत से घटकर 1.99 प्रतिशत पर आ गई है।