जल्द ही पढ़ सकेंगे कोरोना काल में लिखी गईं दुनिया भर के 100 से अधिक कवियों की रचनाएँ
पुस्तक के प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस ने बताया कि इसका विमोचन इस साल बाद में किया जायेगा।
नयी दिल्ली, दुनिया भर में कोरोना वायरस से उपजी महामारी ने जिस तरह से मानव जीवन को झकझोरा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ था। इस दौर में अब जल्द ही एक ऐसा संग्रह आने वाला जिसकी कविताएं हमारे जीवन में आस का इन्द्रधनुष सजाने का प्रयास करेंगी।
इस पुस्तक का शीर्षक 'सिंगिंग इन द डार्क' दिया गया है। यह कविताओं का एक अंतरराष्ट्रीय संकलन है। इसमें सभी छह महाद्वीपों के 100 से अधिक कवियों की 20 भाषाओं में लिखी कविताओं को संकलित किया गया है। इस पुस्तक का संपादन प्रख्यात कवि के सच्चिदानंदन और विद्वान तथा लेखक निशी चावला ने किया है।
पुस्तक के प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस ने बताया कि इसका विमोचन इस साल बाद में किया जायेगा।
सच्चिदानंदन ने बताया,
'पहले इस संकलन की शुरूआत सामान्य रूप से भारत और अमेरिका के कुछ कवियों की कविताओं के साथ की गयी थी, लेकिन धीरे-धीरे महामारी के विविध पहलुओं से संबंधित काव्य प्रतिक्रियाओं का यह एक अंतरमहाद्वीपीय संग्रह के रूप में विकसित हुआ।’’
प्रकाशक के अनुसार ये कविताएं पृथक—वास की चिंता और आंदोलन, प्रकृति के पुनरुद्धार के साक्षी की अद्वितीय खुशियां और एक विषम दुनिया की क्रूर वास्तविकताओं को अपने में समेटे है ।
उन्होने बताया कि इस पुस्तक में विजय शेषाद्रि, ग्रेस कावेलेएरी, अरूंधति सुब्रह्मण्यम, चंद्रकांत पाटिल, अनामिका फ्रांसिस कोंब्स, अशोक वाजपेयी आदि की रचनाओं को शामिल किया गया है।