कोरोनावायरस : आवश्यक सामान की डिलीवर करने के लिए रैपिडो ने बिगबास्केट, बिग बाजार और स्पेंसर्स रिटेल के साथ किया टाई-अप
ऑनलाइन बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो ने बिगबास्केट, बिग बाजार और स्पेंसर्स रिटेल के साथ हाथ मिलाया है। बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप COVID-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के दौरान इन ब्रांडों को जरूरी सामान की डिलीवरी करने में मदद करेगा।
स्टार्टअप ने पहले पुष्टि की थी कि उसने अस्थायी रूप से अपने कार्यों को निलंबित कर दिया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनोवायरस महामारी के बीच 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी।
अब एक बयान में, रैपिडो ने कहा, “हम COVID-19 के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान आवश्यक चीजों की आपूर्ति के लिए हमारी मौजूदा रैपिडो-डिलीवरी सेवाओं में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। देश के 90 से अधिक शहरों में ग्राहकों को ऑर्डर के लास्ट-मील डिलीवरी में सहायता के लिए हम बिगबास्केट, बिग बाजार और स्पेंसर के रिटेल के साथ हाथ मिला कर खुश हैं।"
इसने यह भी पुष्टि की है कि सप्लाई की पूर्ति के लिए रैपिडो के 70 प्रतिशत राइडर पार्टनर्स ऑन ग्राउंड हैं। स्टार्टअप ने कोरोनोवायरस से अपने राइडर पार्टनर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही उपाय और सावधानी बरती है। इसके अलावा, यह अपने राइडर्स को COVID-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने के मामले में वित्तीय बोझ से बचाने के लिए 10 लाख रुपये के ग्रुप बीमा कवर की पेशकश कर रहा है।
रैपिडो ने इस पर आगे कहा, "इसके अलावा, हम वर्तमान में ग्रोफर्स, डंज़ो, फ्रेशटोहोम जैसी कई कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि हम उन्हें जरूरी ऑर्डर को डिलीवर करने में उनकी मदद कर सकें।" स्टार्टअप ने यह भी पुष्टि की कि वह अपने राइडर पार्टनर्स से आवश्यक वस्तुओं को डिलीवर करने के लिए की गई यात्राओं के लिए कोई कमीशन नहीं लेगा।
रैपिडो ने 2015 में अपना ऑपरेशन शुरू किया था, और उसका दावा है कि उसके लगभग 15 लाख राइडर पार्टनर हैं और Google Play Store पर एक करोड़ से अधिक डाउनलोड्स हैं। वर्तमान में, यह भारत के 100 शहरों में कार्यरत है। स्टार्टअप को वेस्टब्रिज एआईएफ और नेक्सस वेंचर्स जैसों से फंडिंग भी मिली है।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के पास दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, रेपिडो ने वित्त वर्ष 2019 में राजस्व में 13 गुना वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वित्तीय वर्ष के लिए 79.90 लाख रुपये थी।
Edited by रविकांत पारीक