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कोविड-19 के बाद बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने की देश के पहले 'वन हेल्थ' सहायता संघ की शुरूआत

वन हेल्थ सहायता संघ में AIIMS दिल्ली, AIIMS जोधपुर, IVRI बरेली, GADVASU लुधियाना, TANUVAS चेन्नई, MAFSU नागपुर, असम कृषि और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय और ICAR, ICMR के अनेक केन्‍द्र और वन्य जीव एजेंसियां ​​​​शामिल हैं।

कोविड-19 के बाद बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने की देश के पहले 'वन हेल्थ' सहायता संघ की शुरूआत

Thursday October 14, 2021 , 3 min Read

कोविड-19 ने संक्रामक रोगों के नियंत्रण में ‘एक स्‍वास्‍थ्‍य (वन हेल्‍थ)’ सिद्धांतों, खासतौर से पूरे विश्व में पशुजन्‍य रोगों की रोकथाम और उन्‍हें नियंत्रित करने के प्रयास की प्रासंगिकता दिखा दी। ऐसे संक्रामक कारकों का खतरा बढ़ रहा है जहां एक संक्रमित नस्‍ल दूसरी नस्‍ल को संक्रमित करने सक्षम है।


ऐसा मुख्‍य रूप से इसलिए है क्‍योंकि बढ़ती यात्रा, भोजन की आदतों और सीमाओं के पार व्यापार के कारण नए संक्रामक कारक दुनिया भर में तेजी से फैल रहे हैं। इस तरह की बीमारियों का जानवरों, मानव, स्वास्थ्य प्रणालियों और अर्थव्यवस्थाओं पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है, जिसके लिए सामाजिक और आर्थिक सुधार की वर्षों आवश्यकता होती है।


इसकी तत्‍काल आवश्यकता को महसूस करते हुए, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology - DBT), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने 'एक स्‍वास्‍थ्‍य' (One Health) पर एक जबरदस्‍त सहायता संघ का समर्थन किया। जैव प्रौद्योगिकी विभाग, सरकार में सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीबीटी की पहली 'वन हेल्थ' परियोजना का शुभारंभ किया।

One Health

इस कार्यक्रम में देश के पूर्वोत्‍तर भाग सहित भारत में एक नस्‍ल के दूसरी नस्‍ल को संक्रामित करने वाले जीवाणु संबंधी, वायरल और परजीवी से होने वाले महत्वपूर्ण संक्रमणों की निगरानी करने की परिकल्पना की गई है। जरूरत पड़ने पर मौजूदा नैदानिक ​​परीक्षणों का उपयोग और अतिरिक्त पद्धतियों का विकास निगरानी और उभरती बीमारियों के प्रसार को समझने के लिए अनिवार्य है।


डॉ. रेणु स्वरूप ने कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान अपने संबोधन में टिप्पणी की कि डीबीटी-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनीमल बायोटेक्नोलॉजी, हैदराबाद की अगुवाई में 27 संगठनों से युक्त यह सहायता संघ कोविड-19 के बाद भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है।


वन हेल्थ सहायता संघ में AIIMS दिल्ली, AIIMS जोधपुर, IVRI बरेली, GADVASU लुधियाना, TANUVAS चेन्नई, MAFSU नागपुर, असम कृषि और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय और ICAR, ICMR के अनेक केन्‍द्र और वन्य जीव एजेंसियां ​​​​शामिल हैं।


डीबीटी सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से "एक स्वास्थ्य के महत्‍व" (Essentials of One Health) पर एक अंतर्राष्ट्रीय मिनी-संगोष्ठी का उद्घाटन किया। डॉ. स्वरूप ने अपने उद्घाटन भाषण में भविष्य की महामारियों से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए मानव, जानवरों और वन्यजीवों के स्वास्थ्य को समझने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय वक्ताओं ने 'एक स्वास्थ्य' की अवधारणा को शुरू करने और उसे विकसित करने पर अपने विचार साझा किए, जहां सभी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मनुष्य, पशु, पौधों और पर्यावरण को एक दूसरे के लिए पूरक माना जाना चाहिए।


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