Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

अपनी रसोई से शुरू करते हुए, कैसे इन मॉमप्रेन्योर ने D2C ब्रांड रूटिंग बैक बनाया

अपनी रसोई से शुरू करते हुए, कैसे इन मॉमप्रेन्योर ने D2C ब्रांड रूटिंग बैक बनाया

Thursday October 14, 2021 , 7 min Read

अदिति सिंह और करिश्मा जसरा अपने बच्चों की सेहत को लेकर हमेशा चिंतित रहती थीं। वे डिटर्जेंट से लेकर साबुन तक ऐसे विभिन्न उत्पादों पर चर्चा करती थीं जो उनके बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते थे।


करिश्मा कहती हैं, "मैंने अपने पूरे जीवन में हार्मोनल असंतुलन का अनुभव किया है, जिसे न केवल बाहरी रूप पर काम करके संभालना था, बल्कि शरीर में जाने वाली चीजों से भी निपटना था। एक अध्ययन से पता चलता है कि हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले डिओडोरेंट और डिटर्जेंट से भी हमारी त्वचा पर खुजली और जलन हो सकती है। मैंने जिन एक्सपर्ट कोर्स की पढ़ाई की, उन्होंने मुझे सिर्फ स्किनकेयर के दायरे से परे सोचने के लिए प्रोत्साहित किया है।”


करिश्मा कहती हैं कि इसने दोनों को ऐसे सुरक्षित उत्पादों को विकसित करने के वास्ते और अधिक की तलाश करने के लिए प्रेरित किया, जिसे वयस्कों के साथ-साथ बच्चों द्वारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अदिति सिंह और करिश्मा, दोनों ही न्यूट्रिशन बैकग्राउंड से आती हैं। 


अदिति और करिश्मा दोनों अपने बच्चों के कारण एक दूसरे मिली थीं। दोनों ने 2019 में केवल नैचुरल और ऑर्गेनिक उत्पादों की पेशकश करने के लिए रूटिंग बैक लॉन्च करने का फैसला किया। मुंबई स्थित स्टार्टअप स्किनकेयर और आंत स्वास्थ्य सुधार (gut health fixes) की एक पूरी रेंज ऑफर करता है।


दोनों मॉमप्रेन्योर का दावा है कि वे अपने ग्राहकों को उनके ट्रांसफॉर्मेशन और उपचार यात्रा के दौरान सावधानीपूर्वक समर्थन दे रहे हैं।

मूल बातों से परे देखना

क


अदिति कहती हैं, "हमारा उद्देश्य लोगों को महंगे स्किनकेयर उत्पादों और बोटोक्स, फिलर्स आदि जैसे चिकित्सा उपचारों का सहारा लेने से रोकना और उनकी त्वचा और समग्र स्वास्थ्य के लिए अवयवों के सही संयोजन का उपयोग करके प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखना था।"


वह कहती हैं कि हम जो भी खाते हैं वह हमेशा हमारी त्वचा, बालों, नाखूनों पर दिखता है और हमारे संपूर्ण आंत स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। रूटिंग बैक के उत्पादों का उद्देश्य इन चिंताओं को एक बहुउद्देशीय समाधान के साथ हल करना है, जो इन सभी को नियंत्रण में रखेगा।


वह कहती हैं, "हमने महसूस किया कि समस्या को उसकी जड़ से हल करना ही इसे पूरी तरह से मिटाने का एकमात्र तरीका है। हमारे सामने आने वाली चुनौतियों में से एक हमारे उत्पादों को प्रमाणित करने और इसे उपभोग के लिए सुरक्षित बनाने के लिए लैब टेस्टिंग कराना। हमें जिस तरह के टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन की आवश्यकता थी, महामारी ने उसके लिए सही लैब को ढूंढ़ना दोगुना मुश्किल बना दिया, जिसने वास्तव में हमारी प्रक्रिया को धीमा कर दिया। हालांकि, हम अंततः उस बाधा को पार करने में कामयाब रहे, और हमारे एडिबल्स रेंज के लिए एफएसएसएआई प्राप्त करने में सफल रहे।"


अदिति कहती हैं, "हम अपनी रसोई में उपलब्ध चीजों का उपयोग ऐसे उत्पाद तैयार करने और बनाने के लिए करते हैं जो त्वचा, बाल, नाखून और आंत द्वारा स्वाभाविक रूप से अवशोषित होते हैं। और अब तक हमें जो परिणाम मिले हैं वो वाकई चमत्कारी हैं।”

छोटी शुरुआत

जहां रूटिंग बैक 2019 में शुरू किया गया था, लेकिन काम बहुत पहले शुरू हो गया था। उन्होंने 2018 में एंटी-एजिंग पर एक वर्कशॉप आयोजित की और जल्द ही उन्हें 2019 में मिसेज इंडिया यूनिवर्स पैनल का हिस्सा बनने का मौका मिला।


करिश्मा कहती हैं, “हमने प्रतियोगियों के लिए पोषण और त्वचा के स्वास्थ्य पर एक वार्ता का आयोजन किया, और कुछ प्रतियोगियों ने इसके बाद हमारे साथ प्राइवेट कंसल्टिंग करने का विकल्प भी चुना। हमारे पास आज भी उनमें से कुछ वफादार ग्राहक हैं।” करिश्मा वर्तमान में टोरंटो, कनाडा से अपना कलिनरी न्यूट्रिशन कोर्स कर रही है।


दोनों ने शुरुआत में अपने स्वयं के सामाजिक दायरे के बीच कुछ कंसल्टेशन के साथ शुरुआत की, और वर्कशॉप्स का आयोजन किया, जिससे उन्हें अपने उत्पादों को लॉन्च करने में मदद मिली।


पहले वर्ष का इस्तेमाल मुख्य रूप से प्रोडक्ट लाइन के विकास, वेबसाइट को सेटअप करने और वर्ड ऑफ माउथ कम्युनिकेशन के लिए किया गया था। यह दूसरे वर्ष में था कि उन्होंने नए ग्राहकों तक पहुंचने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग चैनलों का उपयोग करना शुरू किया।


सह-संस्थापक कहते हैं कि कोविड एक ऐसा समय था जिसने छोटे व्यवसायों को बुलंद होने का मौका दिया, और इसने उन्हें प्रोडक्ट लाइन का विस्तार करने, अधिक ऑनलाइन परामर्श लेने पर काम करने का समय दिया।


करिश्मा कहती हैं, "इसके अलावा, जब कोविड के मामलों की बढ़ती संख्या के कारण प्रतिरक्षा संबंधी चिंताएँ सामने आईं, तो लोगों ने हमारे उन उत्पादों को खरीदना शुरू कर दिया, जिनमें प्राकृतिक प्रतिरक्षा सामग्री होती है।"

बाजार और दूसरों से अलग

एवेंडस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का डी2सी कारोबार अगले पांच वर्षों में 100 अरब डॉलर का होने जा रहा है। भारत में 600 डी2सी ब्रांड हैं - यह एक ऐसी संख्या है जो अगले पांच वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगी, और इसके 16 से अधिक ऐसे ब्रांड हैं जिनका वार्षिक कारोबार $60 मिलियन से अधिक है। इस सेगमेंट में काम करने वाले कुछ अन्य स्टार्टअप में जूसी केमिस्ट्री, मामाअर्थ, पिलीग्रिम, प्लम आदि शामिल हैं।


अदिति और करिश्मा के अनुसार, रूटिंग बैक को जो चीज सबसे अलग रखती है वह यह है कि यह थोक कारखाने में बने उत्पादन में विश्वास नहीं करता है। करिश्मा कहती हैं कि उनका मानना है कि एक बार जब कोई चीज फैक्ट्री में बन जाती है और थोक में उत्पादित हो जाती है, तो यह उत्पाद और फॉर्मूलेशन की प्रामाणिकता को प्राकृतिक तरीके से दूर ले जाती है जिसे हम बनाए रखना चाहते हैं।


वे हर प्रकार की त्वचा के लिए प्रोडक्ट्स को कस्टमाइज करते हैं और कंसल्टेशन भी हर एक की लाइफस्टाइल हिसाब से ही दी जाती है। 


वह कहती हैं, "हम अपने उत्पादों को पहले से तैयार नहीं रखते हैं, क्योंकि हर कॉम्बिनेशन हर व्यक्ति की व्यक्तिगत चिंताओं के लिए काम नहीं करता है।"


इसके अलावा, अदिति कहती हैं कि उनके द्वारा तैयार किया गया प्रत्येक प्रोडक्ट व्यावहारिक रूप से खाद्य (edible) है, और वे किसी भी कच्चे माल या उत्पादों को आउटसोर्स नहीं करते हैं।


वह कहती हैं, "प्रत्येक प्रोडक्ट को एक केस स्टडी की तरह माना जाता है - हम ग्राहकों की लाइफस्टाइल, आंत संबंधी मुद्दों, जलवायु परिस्थितियों, जिसमें वे रहते हैं, आदि पर अध्ययन और शोध करते हैं। हम प्रत्येक की अलग-अलग जरूरतों के लिए इन प्रोडक्ट्स को तैयार करने में समय लेते हैं, और हम रन-ऑफ-द-मिल उत्पाद बनने की आकांक्षा नहीं रखते हैं जो आपको आमतौर पर शेल्फ से मिलते हैं। हम पूरी प्रामाणिकता और आश्वासन सुनिश्चित करने के लिए एडिबल्स + स्किनकेयर फर्स्ट-हैंड की अपनी रेंज को सावधानीपूर्वक तैयार और विकसित करना सुनिश्चित करते हैं।"

राजस्व और भविष्य

फूड प्रोडक्ट्स का औसत टिकट साइज 1,200 रुपये है, और ब्यूटी के लिए यह 1,500 रुपये और 2,000 रुपये के बीच है। सह-संस्थापकों का कहना है कि व्यवसाय स्थापित करने की लागत 5 लाख रुपये से 8 लाख रुपये के बीच थी, और व्यवसाय को स्थापित करने में लगभग चार से छह महीने लग गए।


भविष्य के बारे में बोलते हुए, अदिति कहती हैं, वे अपनी टीम को विकसित करना चाहती हैं और इन्वेंट्री कंट्रोल, डिलीवरी आदि जैसे डिपार्टमेंट्स को सौंपना चाहती हैं, ताकि वह सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पादों को विकसित करने और ठोस परिणाम देखने के लिए प्रत्येक केस स्टडी और परामर्श पर ध्यान केंद्रित कर करें। 


शुरुआत में, उन्होंने ग्राहक आधार और जागरूकता बढ़ाने के लिए लाभ मार्जिन को कम रखा। वर्तमान में लगभग 20 प्रतिशत पर, वे बढ़ी हुई मात्रा के साथ इसे लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।


वह कहती हैं, “हम लोगों को उनकी जीवन शैली में बदलाव करने के लिए सशक्त बनाना चाहते हैं और चाहते हैं कि वे जीवन भर हमारे जैसे कोचों पर निर्भर न रहें। हम जल्द ही मुंबई के बाहर के बाजारों में भी कदम रखना चाहते हैं। हमारे पास पाइपलाइन में एक नई ब्यूटी/मेकअप लाइन है, जो रूटिंग बैक की प्रामाणिकता को बरकरार रखते हुए "माइंडफुल ब्यूटी" पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी।"


महिला उद्यमियों को सलाह देते हुए अदिति कहती हैं, ''खुद के प्रति सच्चे रहें और जो करती हैं उस पर विश्वास करें। अन्यथा आप दूसरों को अपने प्रयासों पर विश्वास करने के लिए मनाने और शिक्षित करने में सक्षम नहीं होंगे।"


करिश्मा आगे कहती हैं, “सभी व्यवसायों को कुछ ट्रायल और गलतियों की आवश्यकता होती है, इसलिए कोशिश करने से न डरें। यदि कोई निर्णय आपकी अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं करता है, तो उससे सीखें। आप पाएंगे कि आपकी खुद की स्किल्स आपके व्यवसाय के साथ बढ़ती जाती हैं। सामान्य तौर पर, धैर्य रखें, अपने सिद्धांतों पर दृढ़ रहें, और खुद पर भरोसा रखें।”


Edited by Ranjana Tripathi