सहायक ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGSSD) को 31 मार्च 2023 तक बढ़ाया गया
पूर्व में, सरकार ने संकटग्रस्त सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्यमों की इकाइयों को सहायता प्रदान करने का मार्ग खुला रखने के उद्देश्य से इस योजना को 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया था।
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 13 मई, 2020 को ‘संकटग्रस्त परिसंपत्ति निधि – संकटग्रस्त सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए सहायक ऋण’ (डिस्ट्रेस्ड एसेट्स फंड- सबॉर्डनेट डेट फॉर स्ट्रेस्ड एमएसएमई) बनाने की घोषणा की थी।
इस घोषणा के अनुरूप, सरकार द्वारा 1 जून, 2020 को एक योजना यानी ‘सहायक ऋण के लिए ऋण गारंटी योजना’ को स्वीकृति दी गई थी और 24 जून, 2020 को इसकी शुरुआत ऋण देने वाली संस्थाओं के माध्यम से संकटग्रस्त सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्यमों यानी उधार देने वाले संस्थानों के बही – खातों से संबंधित भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार पुनर्गठन के पात्र एसएमए-2 और एनपीए खाते वाले उद्यमों के प्रमोटरों को ऋण की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। आरंभ में, इस योजना का कार्यकाल 31.03.2021 तक था।
पूर्व में, सरकार ने संकटग्रस्त सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्यमों की इकाइयों को सहायता प्रदान करने का मार्ग खुला रखने के उद्देश्य से इस योजना को 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया था।
अब, सरकार ने इस योजना के विभिन्न हितधारकों से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर इस योजना को 31 मार्च 2023 तक आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
Edited by Ranjana Tripathi