कश्मीरियों का सहारा बने सीआरपीएफ जवान, 'मदद हेल्पलाइन' के जरिए मिली राहत
बीते सप्ताह पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में रोष और आक्रोश फैला। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे कश्मीरियों के साथ कथित उत्पीड़न की खबरें आईं। ऐसे में सीआरपीएफ द्वारा जारी की गई हेल्पलाइन कश्मीरियों का सहारा बनी। सीआरपीएफ ने इस हेल्पलाइन के जरिए लगभग 250 स्टूडेंट्स को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचने में मदद की।
सीआरपीएफ की तरफ से ट्वीट कर बताया गया कि 250 से अधिक कश्मीरी छात्रों को जम्मू में खाने पीने और रहने का प्रबंध किया गया। सीआरपीएफ ने बताया कि ये छात्र दिल्ली, देहरादून, चंडीगढ़ और अन्य जगहों से जम्मू पहुंचे। सीआरपीएफ के आईजी (ऑपरेशन) जुल्फिकार हसन ने मंगलवार को बताया कि हमारी हेल्पलाइन 14411 इस आतंकी हमले के संबंध में देशभर में कश्मीरियों की मददद कर रही है। हम कश्मीर से बाहर पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सब कुछ नियंत्रण में है और अगर किसी छात्र को किसी तरह की परेशानी हो रही है तो वह हेल्पलाइन के जरिए मदद पा सकता है।
सीआरपीएफ के साथ ही खालसा ऐड नामक गैर सरकारीसंस्था भी कश्मीरी छात्रों को सुरक्षित कश्मीर भेजने में मदद कर रही है। इस संस्था के वॉलंटियर जीवनजोत ने बताया कि देहरादून में कुछ छात्र फंसे हुए थे जिन्होंने संस्था से संपर्क किया, जिसके बाद चंडीगढ़ से टीम भेजी गई और उन्हें सुरक्षित लाया गया। इतना ही नहीं 8 लड़कियों को फ्लाइट के जरिए भेजा गया। इसका पूरा खर्चा खालसा ऐड ने उठाया।
'मददगार' सीआरपीएफ की एक 24X7 हेल्पलाइन है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में मुसीबत में फंसे कश्मीरी नागरिकों की मदद के लिए आगे आती है। 'मददगार' ने ट्विटर पर जानकारी दी कि ये स्टूडेंट्स देहरादून, चंडीगढ़, दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में रह रहे थे।
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरियों को कथित तौर पर दी जा रही धमकियों की खबरों के मद्देनजर श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने शनिवार को उनसे कहा कि वे किसी भी तरह के उत्पीड़न के मामले में उनसे संपर्क करें। सीआरपीएफ ने कहा है कि वह प्रदेश के लोगों की हरसंभव मदद को पूरी तरह तैयार हैं।
आपको बता दें कि 16 जून 2017 को सीआरपीएफ की तरफ से मददगार हेल्पलाइन की शुरुआत की गई थी। इस हेल्पलाइन के माध्यम से शुरुआती दौर में जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों की मदद शुरू की गई थी। चाहे पानी की समस्या हो या फिर बिजली की, घरेलू हिंसा की समस्या हो या फिर मेडिकल संबंधी कोई दिक्कत, दहेज प्रताड़ना हो या किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा, 'मददगार' के जरिए हर तरह के मामलों में सीआरपीएफ जवान मदद करने पहुंच जाते हैं।
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