1,000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ED की रडार पर है 10 क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफार्म
भारत में इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) काफी सुर्खियों में है. आए दिन छापेमारी होने के साथ बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं. हाल ही में इसने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX के डायरेक्टर के ठिकानों पर छापेमारी कर 64.67 करोड़ रुपये की बैंक एसेट्स को फ्रीज कर दिया था.
इस मामले के बाद से अब ईडी कम से कम 10 क्रिप्टो एक्सचेंजों की जांच कर रही है. ईडी का मानना है कि ये एक्सचेंज क्रिप्टो एसेट्स की खरीद / ट्रांसफर के जरिए चीन की इंस्टंट लोन ऐप्लीकेशन की सहायता से कथित तौर पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे हैं.
ईडी की जांच के दायरे में आने वाली फर्मों की चीन के लोन ऐप मामले से कुछ लिंक होने के लिए पहचान की गई है. जांच से यह भी पता चला है कि इन फर्मों ने क्रिप्टो एक्सचेंजों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की एसेट्स खरीदने के लिए संपर्क किया, इसे विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ने कहा कि विचाराधीन एक्सचेंज संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट को चिह्नित करने में विफल रहे, उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई भी फीस नहीं ली. ईडी संदेह के घेरे में एक्सचेंजों के अधिकारियों से संपर्क करेगा.
क्रिप्टो एक्सचेंजों के खिलाफ जारी जांच एजेंसी द्वारा Zanmai Labs Private Limited के निदेशकों के बैंक जमा को फ्रीज करने के बाद आती है, वही कंपनी जो भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX को चीन स्थित Binance के साथ जोड़ती है.
हालांकि, Zanmai Labs ने स्पष्ट किया कि ईडी कुछ यूजर्स के ट्रांजेक्शन की जांच कर रहा है, जिनके बारे में Zanmai का कहना है कि कंपनी का कोई संबंध नहीं है. कंपनी ने यह भी बताया कि वे KYC/AML (नो योर कस्टमर/एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग) का अनुपालन करते हैं और प्रक्रियाएं सार्वजनिक रूप से प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं. इसलिए, प्रत्येक ट्रांजेक्शन के लिए, संबंधित यूजर की KYC डिटेल्स का जांच के दौरान एक्सेस दिया जा सकता है.
हालांकि, इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में इस विवाद से परिचित एक एजेंसी स्टैकहोल्डर के हवाले से कहा गया है कि कई मामलों में कलेक्ट की गई KYC डिटेल्स संदिग्ध पाई गई. जब KYC का पता लगाया गया तो पाया कि ट्रांजेक्शन के सिलसिले में टियर-2 या टियर-3 शहरों के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोग रहते हैं.
WazirX तब सुर्खियों में आया जब ईडी ने उन पर इंस्टंट लोन ऐप कंपनियों की सहायता करने के कथित संबंधों के कारण उन पर वित्तीय अपराध का आरोप लगाया. बाद में, ईडी ने Zanmai Labs के निदेशकों की वित्तीय संपत्ति को जब्त कर लिया, जो एक्सचेंज का संचालन करते हैं.
ईडी ने कुछ दिनों पहले एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि Zanmai Labs ने क्रिप्टो एक्सचेंज के स्वामित्व को अस्पष्ट करने के लिए Crowdfire Inc. (अमेरिका), Binance (केमैन आइलैंड्स) और Zettai Pte Ltd (सिंगापुर) के साथ समझौता किया है.
प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि, "पहले, उनके मैनेजिंग डायरेक्टर, निश्चल शेट्टी ने दावा किया था कि WazirX एक भारतीय एक्सचेंज है जो सभी क्रिप्टो-क्रिप्टो और आईएनआर-क्रिप्टो ट्रांजेक्शन को कंट्रोल करता है और केवल Binance के साथ एक आईपी और तरजीही समझौता है. लेकिन अब, Zanmai का दावा है कि वे हैं केवल आईएनआर-क्रिप्टो ट्रांजेक्शन में शामिल है, और दूसरे सभी ट्रांजेक्शन Binance द्वारा WazirX पर किए जाते हैं."
ईडी ने यह भी बताया कि कैसे ये जवाब "विरोधाभासी और अस्पष्ट" हैं.