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शेल ग्लोबल की नौकरी छोड़ IIT पासआउट ने शुरु किया डीज़ल होम डिलिवरी स्टार्टअप

बेंगलुरु में शुरु हुआ एक ऐसा स्टार्टअप, जो करेगा डीज़ल की होम डिलिवरी...

शेल ग्लोबल की नौकरी छोड़ IIT पासआउट ने शुरु किया डीज़ल होम डिलिवरी स्टार्टअप

Monday June 26, 2017 , 4 min Read

अभी तक लोग पेट्रोल पंप पर कार में डीजल भरवाने के लिए जाते थे, लेकिन अब डीजल की होम डिलिवरी की शुरुआत हो गई है। 'माई पेट्रोल पंप' नाम के एक स्टार्टअप ने यह सर्विस बेंगलुरु में शुरू की है, जिसके जरिए अब डीजल के लिए ऑर्डर देना होगा और आपके घर के दरवाजे पर डीजल उपलब्ध होगा। आपको इसके लिए कॉल करना होगा।

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'माइ पेट्रोल पंप' नाम के एस स्टार्टअप ने अपना एक एप भी बनाया है 'माई पेट्रोल' नाम से, जिसकी मदद से भी आप पेट्रोल मंगवा सकते हैं।

अभी तक लोग पेट्रोल पंप पर कार में डीजल भरवाने के लिए जाते थे, लेकिन अब डीजल की होम डिलिवरी की शुरुआत हो गई है। 'माई पेट्रोल पंप' नाम के एक स्टार्टअप ने यह सर्विस बेंगलुरु में शुरू की है, जिसके जरिए अब डीजल के लिए ऑर्डर देना होगा और आपके घर के दरवाजे पर डीजल उपलब्ध होगा। आपको इसके लिए कॉल करना होगा। लोगों को घर बैठे डीजल उपलब्ध कराने के लिए कंपनी ने तीन डिलीवरी वाहन रखे हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित और वैध हैं। इन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय से अनुमति भी मिली है।

डीजल की डिलिवरी करने वाली गाड़ी की क्षमता 950 लीटर है। अब तक इसके जरिए 5,000 लीटर से ज्यादा डीजल डिलीवर किया जा चुका है। कुछ ही हफ्ते पहले पेट्रोलियम मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केंद्र सरकार देश में इस तरह का सिस्टम शुरू करने पर विचार कर रही है।

माईपेट्रोलपंप के फाउंडर आशीष कुमार गुप्ता ने कहा कि वे अपने आइडिया को लेकर काफी समय से पेट्रोलियम मिनिस्ट्री से संपर्क कर रहे थे। अधिकारीयों की स्वीकृति के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ मुलाकात हुई। उन्होंने आशीष की इस खोज की सराहना की।

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IIT धनबाद से पढ़ाई कर चुके 32 वर्षीय आशीष ने बताया, कि "इन वाहनों को पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन से अनुमति भी मिल चुकी है। इसके अलावा इन वाहनों में एक ऐसा सिस्टम भी लगा है, जो ईंधन चोरी और मिलावट से बचाएगा।"

बेंगलुरु में इस स्टार्ट अप के माध्यम से फ्यूल की डिलिवरी उस दिन की कीमत में फिक्स डिलिवरी चार्ज जोड़कर की जा रही है। 100 लीटर तक की डिलिवरी पर वन टाइम चार्ज 99 रुपये है, जबकि 100 लीटर से ऊपर की डिलिवरी पर डीजल प्राइस के साथ-साथ प्रति लीटर एक रुपया चार्ज किया जा रहा है। स्टार्टअप को 20 बड़े ग्राहक मिल चुके हैं जिनमें 16 स्कूल (जिनकी 250 से 300 बसें चलती हैं) और कुछ अपार्टमेंट्स भी शामिल हैं जहां जेनरेटर चलाने के लिए डीजल की जरूरत पड़ती है।

'माइ पेट्रोलपंप' के फाउंडर आशीष कुमार गुप्ता ने इस स्टार्टअप की शुरुआत करने के लिए शेल ग्लोबल सॉल्यूशन की अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी थी। उनसे जब पूछा गया, कि उनकी कंपनी सिर्फ डीजल की डिलिवरी क्यों करती है, तो उन्होंने कहा 'पेट्रोल सिर्फ बाइक और कारों के लिए इस्तेमाल होता है, जबकि डीजल का उपोग बिजली के अलावा उद्योगों, बड़े वाहनों और कृषि कार्यों में भी होता है। इसलिए वे डीजल की सप्लाई कर रहे हैं।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा, कि 'आने वाले समय में हम पेट्रोल की भी डिलिवरी करेंगे।'

हालांकि देश में नियमों के मुताबिक पेट्रोल पंप के अलावा कोई भी एक सीमा से ज्यादा न तो पेट्रोल-डीजल स्टोर कर सकता है और न ही उसे बेच सकता है। लेकिन यह स्टार्टअप इसलिए काम कर रहा है क्योंकि 'माई पेट्रोल पंप' सिर्फ एक डिलिवरी एजेंट है। जो न तो डीजल खरीदता है, न स्टोर करता है और न ही बेचता है। ये ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से अपनी गाड़ी में तेल भरवाकर उसे सिर्फ डिलिवर करने का काम करते हैं।

'माई पेट्रोल पंप' कंपनी को पूरे बेंगलुरु में अपनी सर्विस बढ़ाने के लिए लगभग 20 से 30 करोड़ रुपये की फंडिंग की जरूरत पड़ेगी। इसलिए कंपनी फ्रेश फंडिंग की संभावनाएं खोज रही है।

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