Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

गर्मी से बेहोश हुई सवारी तो अॉटोवाले ने बना डाला 'कूलर वाला ऑटो'

दिल्ली के दिनेश भंडारी ने अपने अॉटो को दिया एक अनोखा रूप। अब उनकी सावारियां नहीं परेशान होंगी गर्मी में...

गर्मी से बेहोश हुई सवारी तो अॉटोवाले ने बना डाला 'कूलर वाला ऑटो'

Thursday June 22, 2017 , 4 min Read

दिल्ली के दिनेश भंडारी पहले दुकान चलाते थे, लेकिन दिल्ली सरकार की पहल से उन्हें एक ऑटोरिक्शा मिल गया। उस ऑटो रिक्शा ने उनकी जिंदगी बदल दीस क्योंकि उन्होंने उस ऑटो को ही बदलकर रख दिया। ऐसा बना दिया कि आज उनकी चर्चा हर जगह है। आप भी जानें कि ये चर्चा है क्यों...!

image


गर्मी की मजबूरी से जूझते हुए दिल्ली के अॉटोवाले ने निकाला गजब का जुगाड़, अपने अॉटो में लगा दिया कूलर। उन्होंने टुकड़ा-टुकड़ा जोड़कर ये भानमती का कुनबा जोड़ा है, मतलब इस कूलर वाले ऑटो को बनाने के लिए उन्होंने छोटी सी आरी से लेकर टिन की चादर को इधर-उधर से जोड़ते हुए अपने अनोखे प्रयोग को अंजाम दिया है।

भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है। यहां जमकर कर सर्दी भी पड़ती है और जला देने वाली गर्मी भी। अगर आप बड़े शहरों में रहते हैं, बड़े से मतलब क्षेत्रफल में बड़े तो आपको एक जगह से दूसरे जगह में जाने के लिए ऑटोरिक्शा का सहारा लेना पड़ता है। हां, अब एसी वाली कैब सर्विसेज भी खूब आ गई हैं, लेकिन कई बार वो काफी मंहगी होती हैं या समय पर नहीं मिल पातीं। ऐसे में कहीं आने-जाने के लिए ऑटो रिक्शा ही आपके लिए अंतिम विकल्प बच जाता है।

आसमान जब आग बरसा रहा हो, पारा चालीस के भी पार चला गया हो और आप दिल्ली में रहते हैं तो गर्मी आपके लिए जानलेवा साबित हो जाती है और ऑटो में लू के थपेड़े खाते हुए सफर करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक अटेम्ट बन जाता है। लेकिन इसी गर्मी और मजबूरी के बीच दिल्ली के एक ऑटोवाले ने गजब का जुगाड़ निकाला है। इस ऑटोवाले का नाम है दिनेश भंडारी

दिल्ली के दिनेश भंडारी ने अपनी ऑटो को इस तरह मॉडीफाई किया है, कि वो एक कूलरवाला ऑटो बन गया। दिनेश पहले एक दूकान चलाते थे। लेकिन दिल्ली सरकार की एक पहल से उन्हें ऑटो रिक्शा मिल गया। उस ऑटो रिक्शा ने उनकी जिंदगी बदल दी, क्योंकि उन्होंने उस ऑटो को ही बदलकर रख दिया। अॉटो ऐसा बना दिया कि आज उनकी चर्चा हर जगह है।

ये भी पढ़ें,

श्वेतक ने बनाई एक ऐसी डिवाईस जो स्मार्ट फोन के माध्यम से करेगी स्वास्थ्य परीक्षण

योरस्टोरी से बातचीत में दिनेश बताया, 'मुझे जुलाई 2015 में सरकार की तरफ से ऑटो मिला था। मैं 1 दिन अपना ऑटो रिक्शा लेकर दिल्ली में चला रहा था, मुझे एक सवारी मिली। मुझे उसे उसके घर पर छोड़ना था। उस वक्त सूरज मानो आग उगल रहा था। अचानक से सवारी की तबीयत खराब हो गई। मैंने जल्दी-जल्दी सवारी को उसके घर पर छोड़ा। घर आकर मैंने निश्चय किया कि कोई ऐसा तरीका निकालूंगा, कोई ऐसा कूलर बनाऊंगा जिससे सवारी और ड्राइवर दोनों को ठंडी हवा लग सके। सो मैंने उसका सामान जुटाना शुरू किया। काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। किसी ने भी मेरी मदद तक नहीं की। सब मेरा मजाक उड़ाते थे। मेरे पड़ोसी ताने मारते थे और कहते थे कि ऐसा ना कभी हुआ है न कभी होगा, लेकिन एक दिन मेरी मेहनत रंग लाई। मैंने अपनी ऑटो रिक्शा को कूलर वाला ऑटो रिक्शा बना ही डाला।'

कबाड़ से जुगाड़

दिनेश ने टुकड़ा टुकड़ा जोड़कर ये भानमती का कुनबा जोड़ा है, मतलब इस कूलर वाले ऑटो को बनाने के लिए उन्होंने छोटी सी आरी से लेकर टिन की चादर को इधर-उधर से जुगाड़ा है। कहीं से एक मोटर ले आए, कहीं से एक पंखा। टिन की चादर को काटकर कूलर की बॉडी बनाई। जुगाड़ से उसे ड्राइवर और सवारी की सीट पर फिट किया जिससे दोनों को ही ठंडी हवा लगती रहे। कूलर में पानी की आवाजाही के लिए उन्होंने प्लास्टिक का डिब्बा काटकर उसमें पाइप लगा दिया और इस पाइप को कूलर से जोड़ दिया।

कूलर के पानी को बार-बार बदलना पड़ता था। इसलिए दिनेश ने अपनी इस कूलर वाले ऑटो को दोबारा मॉडीफाई करने की ठानी। अब उनके ऑटो में लगा हुआ कूलर भी बाहर से नहीं दिखता और पानी की व्यवस्था भी बिल्कुल उनके मनमुताबिक हो गई है। साथ ही सबसे अच्छी बात ये है, कि दिनेश के अॉटो में पानी की खपत काफी कम होती है और पानी बरबाद नहीं होता।

दिनेश बताते हैं, 'ऑटो रिक्शा में लगे कूलर से सवारी और ड्राइवर दोनों को ठंडी हवा लगती है जिससे उन्हें गर्मी का एहसास कम होता है। पानी टंकी से होता हुआ कूलर तक आता है नीचे लगे बॉक्स में जमा हो जाता है। जमा पानी जैसे ही भरता है उसमें लगा अलार्म बज जाता है। जिसके द्वारा पानी वापस टंकी में चला जाता है पानी बेकार नहीं जाता।'

-प्रज्ञा श्रीवास्तव

ये भी पढ़ें,

आतंकी हमले के शिकार जावेद व्हील चेयर पर आने के बावजूद संवार रहे हैं दिव्यांग बच्चों की ज़िंदगी