ऐक्टर का स्टार्टअप हर शुक्रवार लॉन्च होता है: राणा डग्गुबाती
सबसे चर्चित फिल्म 'बाहुबली' में भल्लादेव का किरदार निभाने वाले राणा डग्गुबाती ने योरस्टोरी के कार्यक्रम टेकस्पार्क्स के दौरान सीईओ श्रद्धा शर्मा से बात की आर्ग्युमेंटेड और वर्चुअल रिऐलिटी के बारे में...
टेकस्पार्क्स 2017 के मौके पर मूवी बिजनेस के विकास के बारे में बात करते हुए राणा ने बताया कि जब राजाओं का राज हुआ करता था तो कलाकारों को काफी पैसे मिलते थे क्योंकि उन्हें चमक-धमक काफी पसंद थी। आज वे अपना गुजारा करने के लिए काम करते हैं।
राणा ने अपने किरदार को कलाकार से लेकर स्टार्टअप फाउंडर बनने तक जोड़ा और कहा कि ऐक्टर तो हर शुक्रवार को एक स्टार्टअप की नींव रखता है।
तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में एक प्रसिद्ध फैमिली से ताल्लुक रखने वाले राणा ने आज से लगभग 12 साल पहले अपना करियर स्टार्ट किया था। उन्होंने विजुअल इफेक्ट कंपनी स्पिरिट मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की थी।
हाल-फिलहाल सबसे चर्चित फिल्म 'बाहुबली' में भल्लादेव का किरदार निभाने वाले राणा डग्गुबात ने योरस्टोरी के कार्यक्रम टेकस्पार्क्स के दौरान सीईओ श्रद्धा शर्मा से आर्ग्युमेंटेड और वर्चुअल रिऐलिटी के बारे में बात की। ऐक्टिंग करने के साथ ही प्रोड्युसर का काम देखने वाले राणा अपनी अगली फिल्म पर काम करने के लिए तैयार हैं। हाल ही में उनकी फिल्म 'क्वान' आई थी। राणा ने हंसते हुए चर्चा की शुरुआत की और कहा, 'आप सभी लोग मेरे और मेरी जिंदगी के बारे में सारी जानकारी अखबारों के कॉलम में छपने वाली गॉसिप से जानते होंगे।' उन्होंने आगे कहा कि उस पर यकीन मत कीजिए, क्योंकि कोई जरूरी नहीं है कि वह सच हो। उन्होंने कहा कि उन्हें उनके काम से जाना जाए न कि अखबारों में छपने वाली गॉसिप से।
उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग जो यह समझते हैं कि अखबारों और न्यूज चैनलों पर चलने वाली गॉसिप काफी इंपॉर्टेंट है, वे दरअसल भ्रम में जीते रहते हैं। उन्होंने कहा कि यहां हम कहानी कहने के लिए काम करते हैं गॉसिप करने के लिए नहीं है। तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में एक प्रसिद्ध फैमिली से ताल्लुक रखने वाले राणा ने आज से लगभग 12 साल पहले अपना करियर स्टार्ट किया था। उन्होंने विजुअल इफेक्ट कंपनी स्पिरिट मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की थी। इस कंपनी ने अब तक 80 फिल्में बनाई हैं जिसमें रजनीकांत अभिनीत शिवाजी और कमल हासन की दशावतारम भी शामिल है। अब वह अपना अगले वेंचर ऐपस्टार पर काम कर रहे हैं।
मूवी बिजनेस के विकास के बारे में बताते हुए राणा ने समझाया कि जब राजाओं का राज हुआ करता था तो कलाकारों को काफी पैसे मिलते थे क्योंकि उन्हें चमक-धमक काफी पसंद थी। आज वे अपना गुजारा करने के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमा एक माध्यम है जहां कई सारे कलाकार मिलकर तकनीक की मदद से कहानी कहते हैं। राणा ने कहा, 'आज हर कोई कहानीकारी है, सबके पास कहने के लिए कोई न कोई कहानी है। स्टोरीटेलिंग ही मेरा काम है। मैं फिल्म, वेब, टेलीविजन, एनिमेशन, वीआर और एआर के जरिए कहानी कहता हूं। हम किसी भी माध्यम के लिए काम करें, हमारा मकसद सिर्फ स्टोरीटेलिंग होता है।'
राणा ने अपने किरदार को कलाकार से लेकर स्टार्टअप फाउंडर बनने तक जोड़ा और कहा कि ऐक्टर तो हर शुक्रवार को एक स्टार्टअप की नींव रखता है। बॉक्स ऑफिस पर लोगों का रिस्पॉन्स उसके स्टार्टअप की सफलता या असलफलता को निर्धारित करता है। राणा ने बताया, 'हमने बाहुबली के लिए हमने वीआर का इस्तेमाल किया जो कि मेरी जिंदगी का सबसे शानदार अनुभव था। लेकिन यह टेक्नॉलजी काफी महंगी है। तो हम कैसे रोजमर्रा की जिंदगी को सिनेमा से जोड़ दिया था। यह वो वक्त था जब हमने होलोग्राम टेक्नॉलजी और थ्री जी मिलाकर एआर के लिए काम करने के बारे में सोचा था।' आज हर किसी के पास स्मार्टफोन है तो हम क्यों न एआर का इस्तेमा करें।
राणा ने 2005 में जब अपना करियर शुरू किया था तो सारा काम विजुअल इफेक्ट के जरिए होता था। लेकिन उसके बाद उन्होंने गेमिंग पर एफएक्स लैब के लिए काम किया।
कार्यक्रम में राणा ने सारे सवालों का जवाब बड़ी आसानी से दिया। उन्होंने बाहुबली फिल्म की सफलता और टेक्नॉलजी दोनों पर काफी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा ,'यह मेरे लिए ऑफिस के काम के जैसा था। यह एक ऐसी इंडस्ट्री है जहां कभी भी कुछ भी हो सकता है। अनिश्चितताएं हर वक्त आपके सामने खड़ी रहती हैं, तो हम कैसे ग्रोथ को मैनेज करें, लेकिन यह ऐसी इंडस्ट्री है जिसका हर कोई हिस्सा बनना चाहता है।' उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में सफलाता का प्रतिशत सिर्फ 5 प्रतिशत है। हो सकता है कि कोई शानदार कलाकार या डायरेक्टर हो लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उसकी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे ही गाड़ेगी। कई बार ऐसा भी होता है कि फिल्म अपनी लगाई हुई रकम ही नहीं कमा पाती।
राणा ने कहा कि आखिर में आपकी कहानी ही मायने रखती है आप चाहे सिंपल सी कोई फिल्म बनाएं या फिर एआर, वीआर का इस्तेमाल करके कोई महान फिल्म बनाएं। उन्होंने कहा कि सिनेमा में कुछ भी संभव है। राणा ने 2005 में जब अपना करियर शुरू किया था तो सारा काम विजुअल इफेक्ट के जरिए होता था। लेकिन उसके बाद उन्होंने गेमिंग पर एफएक्स लैब के लिए काम किया। आज उनका पूरा फोकस वीआर और एआर पर होता है। स्टोरीटेलिंग का बिजनेस किसी एक पैटर्न पर काम नहीं करता। यहां कोई फॉर्म्यूले के जरिए सफलता हासिल नहीं कर सकता। फिल्ममेकिंग एक सामूहिक कला है जहां हर किसी को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है, तब जाकर एक अच्छी फिल्म का निर्माण होता है।
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