कोई बना पीसीएस तो कोई जज, गांव की लड़कियों के सफलता पाने की कहानियां
श्वेता चौबे ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन राजकीय पालीटेक्निक संस्थानों के तहत अर्थशास्त्र विषय के लेक्चरर पद के लिए सफलता प्राप्त की है।
बलिया के बैरिया तहसील के जमालपुर गांव के रिटायर शिक्षक दयाशंकर सिंह की पौत्री अंकिता सिंह ने यूपी पीसीएस जे में 80 वां रैंक हासिल करके जिले का नाम रौशन किया है।
बेटियों के सफलता के परचम लहराने की कहानी में एक और नाम स्वर्णमाला सिंह का भी है। बलिया में दीपावली से पहले अपने घर-परिवार वालों को अनूठा तोहफा देने का काम घोड़हरा गांव की स्वर्णमाला सिंह ने किया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में छात्राएं अपनी मेधा का परचम लहरा रही हैं। हाल ही में घोषित हुए यूपी पीसीएस-जे के परिणामों में कई लड़कियों ने सफलता हासिल कर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। इन लड़कियों ने साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत गांव में पढ़कर भी नाम रोशन किया जा सकता है। सबसे पहले कहानी श्वेता चौबे की। बलिया जिले के फेफना थाना के चेरूइयां गांव के ओमप्रकाश चौबे की बेटी श्वेता चौबे ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके जहां जिले का ही नहीं यूपी का नाम रौशन किया है वहीं इसी जिले के घोड़हरा गांव की एक बेटी ने झारखंड पीसीएस में सफलता पाने के साथ यूपी पीसीएस-जे में 26 वां स्थान हासिल किया है।
श्वेता चौबे ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन राजकीय पालीटेक्निक संस्थानों के तहत अर्थशास्त्र विषय के लेक्चरर पद के लिए सफलता प्राप्त की है। इतना ही नहीं उन्होंने केन्द्रीय विद्यालय में पीजीटी अध्यापक के लिए भी अखिल भारतीय स्तर पर हुई परीक्षा में 15वीं रैंक प्राप्त की है। अभी वह नवोदय विद्यालय गोरखपुर में टीचर हैं। श्वेता ने अपने बाबा मेजर शंकर शरण चौबे के सानिध्य में प्राथमिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त करने के बाद सेंट्रल हिन्दू स्कूल वाराणसी से इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की। उनकी सफलता पर परिवार के लोग काफी खुश हैं।
बेटियों के सफलता के परचम लहराने की कहानी में एक और नाम स्वर्णमाला सिंह का भी है। बलिया में दीपावली से पहले अपने घर-परिवार वालों को अनूठा तोहफा देने का काम घोड़हरा गांव की स्वर्णमाला सिंह ने किया है। उनके पिता अक्षय कुमार सिंह सामाजिक कार्यकर्ता हैं। स्वर्णमाला सिंह ने झारखंड पीसीएस में सफलता पाने के बाद शुक्रवार को घोषित उप्र लोक सेवा आयोग (जे)-2016 की फाइनल परीक्षा में भी 26वां स्थान प्राप्त कर अपनी मेधा का परचम लहराया है। पीसीएस (जे) की परीक्षा में झारखंड के बाद यूपी में भी बिटिया के चयनित होने की खबर सुनकर परिवार सहित गांव के सभी लोग खुशियों से झूम उठे।
स्वर्णमाला ने प्राथमिक से इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा अमृतपाली बलिया स्थित हॉली क्रॉस कान्वेंट स्कूल से पूरी करने की। इसके बाद उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। अभी वह हैदराबाद स्थित स्विट्जरलैंड की मेडिसिन कंपनी नोवार्टिस में लीगल ऐडवाइजर के तौर पर काम कर रही हैं। वहीं बलिया के बैरिया तहसील के जमालपुर गांव के रिटायर शिक्षक दयाशंकर सिंह की पौत्री अंकिता सिंह ने यूपी पीसीएस जे में 80 वां रैंक हासिल करके जिले का नाम रौशन किया है। लखनऊ के मार्डन इंटर कालेज के 12 वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अंकिता ने भी एमिटी यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की थी। खास बात यह है कि उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है।
अंकिता के पिता पुलिस में इंस्पेक्टर हैं वहीं मां अरुणा सिंह घर का कामकाज संभालती हैं। उनका भाई प्रखर पुणे से इंजिनियरिंग कर रहा है। अंकिता कहती हैं कि मुझे यही सिखाया गया है कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता है। इनका मानना है कि मन लगाकर तैयारी करने पर सफलता जरूर मिलती है। वहीं बीएचयू में पढ़ने वाली बस्ती की पूजा त्रिपाठी को इन्दिरा गाँधी गोल्ड मैडल अवार्ड 2017" के लिए चुना गया है। यह अवॉर्ड दीपावली के दिन यानी 19 नवम्बर 2017 को भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी के जन्मदिन पर बेंगलुरु (कर्नाटक) में प्रदान किया जाएगा। यह अवॉर्ड ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रोग्रेस एन्ड रिसर्च एसोसिएशन द्वारा दिया जाता है।
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