एक ऐसा मोमो वाला जिसके यहाँ सिर्फ व्यव्हार और उम्दा क्वालिटी के लिए लगती है लम्बी लाइन
एक ऐसा मोमो वाला जिसके यहाँ सिर्फ व्यव्हार और उम्दा क्वालिटी के लिए लगती है लम्बी लाइन। 25 – 30 किलोमीटर दूर से ड्राइव करके या ऑटो में मोटा किराया खर्च कर आते हैं कस्टमर।
अक्सर ही हमने अपने बड़े बुजुर्गों से सुना है कि किसी भी व्यक्ति के लिए मीठी जुबान बेहद फायदेमंद है, जो व्यक्ति को रंक से राजा बना सकती है। व्यक्ति की जुबान में वो तासीर होती है कि वो उसे सफलता के उस मुकाम पर पहुंचा सकती है जिसकी कल्पना हर वो व्यक्ति करता है जो कामयाब होना चाहता है। तो इसी क्रम में आज हम आपको अवगत करा रहे हैं एक ऐसी जुबान यानी एक ऐसे व्यक्ति से जो है तो एक आम मोमो बेचने वाला छोटा सा व्यापारी, मगर इसके बात करने का लहजा इतना मनमोहक इतना जिंदादिल है कि दूर – दूर से लोग तीन से चार गुना किराया खर्च करके इसका 60 रुपए में बिकने वाला मोमो खाने आते हैं।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं बैंगलोर के कोरामंगला स्थित ज्योति निवास कॉलेज के सामने हॉट दार्जलिंग स्टाइल मोमो बेचने वाले दावा की। आज से कोई 10 – 12 साल पहले काम की तलाश में दावा दार्जलिंग से बैंगलोर आया था और कई जगहों पर काम करने के बाद जिसने कुछ साल पहले कोरामंगला स्थित ज्योति निवास कॉलेज के सामने अपनी छोटी सी दुकान खोली। आज आलम ये है कि 5 बजे से ही दावा की छोटी सी दुकान के सामने लाइन लगना शुरू हो जाती है। मज़े की बात ये है कि यहाँ मोमो खाने वाले सिर्फ़ आस पास के कॉलेज के लड़के लड़कियां नहीं हैं बल्कि 25 – 30 किलोमीटर दूर से ड्राइव करके या ऑटो में मोटा किराया खर्च कर आने वाले लोग भी हैं।
ना सिर्फ मोमो और उसकी चटनी का टेस्ट बल्कि ये दावा का हंसमुख चेहरा, उसका व्यवहार और बात करने का लहजा ही वो कारण हैं जिसके चलते शाम पांच बजे से लेके रात 9 बजे तक दावा को सांस लेने की फुर्सत नहीं मिलती।
इतनी भीड़ को मैनेज करने के विषय में पूछे जाने पर दार्जलिंग के दावा ने हँसते हुए बताया कि दुनिया में पैसा तो कोई भी कमा सकता है लेकिन व्यक्ति को व्यव्हार कमाना चाहिए ताकि लोग उसे याद रख सकें। भीड़ के विषय पर दावा ने कहा है कि उसके व्यव्हार के अलावा यहाँ लोगों के ज्यादा आने का कारण उसके द्वारा परोसे जाने वाले मोमो की शुद्धता और चटनी की गुणवत्ता है। दावा ने बताया कि मोमो बनाने के बाद वो पहले खुद उसे चखता है और यदि कोई कमी रह गयी तो उसका निवारण किया जाता है अथवा नया माल तैयार किया जाता है। दावा ने ये भी कहा कि चूँकि हमारी चटनी हमारी पहचान है अतः हम उसके साथ भी कोई समझौता नहीं करते और आज भी हम अपनी चटनी के लिए ख़ास दार्जलिंग मिर्चों का इस्तेमाल करते हैं।
अंत में आपको बताते चलें कि आज ये दावा का व्यव्हार और कड़ी मेहनत ही है जिसके चलते वो शहर भर में अपने आउटलेट खोलने पर विचार कर रहे हैं और साथ ही शहर के लोग भी उनके इस काम में उनकी मदद करने को आतुर हैं। इस पर पूछे जाने पर दावा ने बताया कि यदि ईश्वर की मर्ज़ी और भाग्य में लिखा होगा तो इसे कोई रोक नहीं सकता लेकिन हमेशा की तरह वो क्वालिटी और मान सम्मान को प्राथमिकता देंगे।
बहरहाल, यदि आप दावा के बेहतरीन व्यक्तित्त्व और उनके ज़ायकेदार मोमो का लुत्फ़ लेना चाहते हैं और अगर बैंगलोर में हैं तो अवश्य ही एक बार कोरामंगला स्थित ज्योति निवास कॉलेज के सामने हॉट दार्जलिंग स्टाइल दावा मोमो कार्नर का रुख करें।
तस्वीरें - साभार https://desitraveltadka.wordpress.com/