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एक ऐसा एेप जो रक्तदान के बाद करेगा जरूरतमंद को खून पहुंचाने का काम सुनिश्चित

ऐप में हैं देशभर के 50,000 रक्तदाताओं के डेटाबेस...

एक ऐसा एेप जो रक्तदान के बाद करेगा जरूरतमंद को खून पहुंचाने का काम सुनिश्चित

Tuesday September 26, 2017 , 3 min Read

यह उन तमाम गरीबों और जरूरतमंदों की मुश्किल का समाधान करता है जो किसी कारणवश ब्लड का पैसा नहीं वहन कर पाते या खून का खर्च सहने में समर्थ नहीं होते। 

सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)


दिल्ली में कई सारे गरीब परिवार अपना इलाज के लिए आते हैं और उनके पास इतना पैसा ही नहीं होता कि वे खून तो दूर दवाई भी खरीद सकें।

इस ऐप में देश भर के 50,000 रक्तदाताओं का डेटाबेस है जो रेग्युलरली रक्तदान के काम में शामिल रहते हैं। इस ऐप के 1000 से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर भी हैं।

समय-समय पर कई सारी समाजसेवी संस्थाओं और सरकारी अस्पताल द्वारा रक्तदान का आयोजन किया जाता है और काफी सारे लोग बेहिचक रक्तदान करने के लिए भी आगे आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो ब्लड आपने डोनेट किया है वह सही व्यक्ति तक मुफ्त में पहुंच रहा है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि आपके कीमती खून को बाजार में बेचा जा रहा हो? ऐसा ही सवाल किरन वर्मा के मन में भी उठा था। किरन की मां का ब्लड कैंसर की वजह से देहांत हो गया तो उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि रक्तदान करना कितना जरूरी है। वह रेग्युलर ब्लड डोनर हैं। जब भी मौका मिलता है वह जरूर रक्तदान करने के लिए जाते हैं।

लेकिन एक बार उन्हें पता चला कि ऐसे कैंपों में दान किया जाने वाले खून का व्यापार होता है तो उन्होंने सरकारी अस्पतालों से इस बारे में सवाल पूछना शुरू कर दिया कि क्या वाकई मरीजों को खून फ्री में दिया जाता है या फिर उसका दुरुपयोग किया जाता है। मेडिकल नियमों के मुताबिक कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति साल में अधिकतम चार बार ही रक्तदान कर सकता है। इसलिए किरण ने रक्तदान करने वाले ऐक्टिव लोगों का एक ग्रुप बनाया है जो जरूरत पड़ने पर रक्तदान करने के लिए तुरंत हाजिर रहते हैं। 2016 दिसंबर की बात है। किरन ने एक सरकारी अस्पताल में ब्लड डोनेट किया। जब वह रक्तदान करके वापस आ रहे थे तो वे मरीज की पत्नी से मिले जिसने उन्हें बताया कि उन्होंने तो इस खून को 1500 रुपये में खरीदा है।

दरअसल जिस व्यक्ति के जरिए वह अक्सर रक्तदान करते थे वह एक एजेंट था जो खून का धंधा करता था। दिल्ली में कई सारे गरीब परिवार अपना इलाज के लिए आते हैं और उनके पास इतना पैसा ही नहीं होता कि वे खून तो दूर दवाई भी खरीद सकें। यह व्यक्ति ऐसे ही लोगों को रक्तदान कैंप से मिलने वाला खून बेचता था। इस घटना से व्यथित होकर किरण ने इसी साल 'सिंपली ब्लड' नाम का एक ऐप लॉन्च किया। इस ऐप में देश भर के 50,000 रक्तदाताओं का डेटाबेस है जो रेग्युलरली रक्तदान के काम में शामिल रहते हैं। इस ऐप के 1000 से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर भी हैं।

यह ऐप सीधे जरूरतमंद को रक्तदाता से जोड़ता है और उन्हें रक्तदान करने के लिए नजदीक जगह का पता भी बताता है, जहां पर रक्तदाता जाकर रक्तदान कर सकते हैं। किरण का दावा है कि यह दुनिया का इकलौता वर्चुअल ब्लड डोनेशन प्लेटफॉर्म है। दरअसल यह सिर्फ रक्तदाताओं का डेटाबेस ही नहीं है, बल्कि ब्लड डोनर्स का अच्छा-खासा नेटवर्क है। यह उन तमाम गरीबों और जरूरतमंदों की मुश्किल का समाधान करता है जो किसी कारणवश ब्लड का पैसा नहीं वहन कर पाते या खून का खर्च सहने में समर्थ नहीं होते। किरण इस नेटवर्क को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। वह 2020 तक 10 लाख लोगों को इससे जोड़ना चाहते हैं। अगर आप उनसे जुड़ना चाहते हैं तो इस लिंक के जरि ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।

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