कोरोना वायरस से चीन में मरने वालों की संख्या 2592 हुई, संसद का वार्षिक सत्र स्थगित
बीजिंग, चीन में घातक कोरोना वायरस से 150 और लोगों की मौत के बाद इससे मरने वालों की संख्या 2,592 हो गई, जबकि पुष्टि किए गए मामलों की संख्या 77,000 से अधिक हो गई है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों ने इससे सबसे अधिक प्रभावित हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में अस्पतालों का दौरा किया।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनो वायरस की चपेट में आए वुहान शहर ने सोमवार को एक महीने के बंद को आंशिक रूप से खत्म करने के अपने फैसले को घोषणा को महज तीन घंटे में ही वापस ले लिया।
वुहान के स्थानीय प्रशासन ने पहले घोषणा की थी कि जो लोग संक्रमित नहीं हैं या शहर में फंसे हुए हैं, वे जत्थों में शहर से जा सकते हैं।
गौरतलब है कि 1.1 करोड़ की आबादी वाला वुहान शहर कोरोना वायरस का केंद्र है और इस शहर को पृथक किया गया है। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए शहर 23 जनवरी से बंद पड़ा है। यहां आवाजाही भी बंद कर दी गई है।
इसके बाद तेजी से यह प्रकोप पूरे हुबेई प्रांत में फैल गया, जिसकी आबादी पांच करोड़ से अधिक है। वुहान शहर हुबेई प्रांत की राजधानी है। राज्य के 18 से अधिक शहरों को सील कर दिया गया है। तब से कई सौ विदेशियों, मुख्य रूप से छात्रों सहित किसी भी निवासी को शहर छोड़ने की अनुमति नहीं है।
भारत ने दो विशेष उड़ानें संचालित करके 647 भारतीयों और मालदीव के सात नागरिकों को यहां से निकाला है। भारत को अपने 100 से अधिक नागरिकों को वापस ले जाने के लिए उड़ान संचालित करने की अनुमति मिलने का इंतजार है।
हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, नोटिस जारी होने के महज तीन घंटे बाद, सरकार ने घोषणा की कि यह निर्णय वापस ले लिया गया क्योंकि यह शहर के रोग नियंत्रण कमान के अधीनस्थ काम करने वाले समूह द्वारा बिना उसके प्रमुख निकाय की मंजूरी के जारी किया गया था।
रोग नियंत्रण कमान ने कहा कि वह उन अधिकारियों को फटकार लगाएगा जिन्होंने बिना मंजूरी के आदेश जारी किया था।
निकासी के इस फैसले ने कई लोगों के लिए उम्मीद जगा दी थी क्योंकि लोगों को शहर छोड़ने की अनुमति नहीं है, जिनमें कई सौ विदेशी, मुख्य रूप से छात्र शामिल हैं।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि 31 प्रांत स्तरीय क्षेत्रों में रविवार को इसके 409 मामले सामने आए हैं और 150 लोगों की मौत हुई ।
एनएचसी ने कहा कि चीन में इसके कुल 77,150 मामलों की पुष्टि हो गई है और रविवार तक इससे 2,592 लोगों की मौत हुई है।
उसने बताया कि 150 में से 149 लोगों की मौत हुबेई प्रांत में हुई है, जहां इस वायरस का सबसे अधिक प्रकोप है, जबकि एक व्यक्ति की मौत हैनान प्रांत में हुई है।
एनएचसी ने हालांकि कहा कि मामलों की संख्या में गिरावट आ रही है।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार रविवार को 1,846 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह संख्या उसी दिन सामने आए 409 नए मामलों से काफी अधिक है।
एनएचसी ने बताया कि रविवार तक कुल 24,734 संक्रमित लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
चीन ने घातक कोरोना वायरस के कारण पांच मार्च से शुरू हो रहे अपनी संसद के वार्षिक सत्र को स्थगित करने का सोमवार को निर्णय किया।
चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क टीवी ने कहा कि देश की शीर्ष विधायिका, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति की यहां बैठक हुई और कोरोनोवायरस के कारण एनपीसी के वार्षिक सत्र को स्थगित करने के मसौदे को मंजूरी दे दी।
सरकारी मीडिया के अनुसार 13वीं एनपीसी के तीसरे सालाना सत्र की शुरुआत पांच मार्च से बीजिंग में होनी थी।
एनपीसी और शीर्ष सलाहकार निकाय चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) में पांच हजार से अधिक सदस्य हैं। दोनों निकाय बजट समेत सरकार के वार्षिक एजेंडे को मंजूरी देने के लिये मार्च के दौरान बैठक करते हैं।
इस बीच, डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की एक टीम ने इस वायरस के बारे में विस्तृत जांच के लिए हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान का दौरा किया। ऐसा माना जाता है कि वायरस गत वर्ष दिसंबर में कथित तौर पर एक ‘सीफूड’ बाजार से फैला।
उसने बताया कि इस दल ने तोंग्जी अस्पताल, अस्थायी अस्पताल बनाए गए वुहान स्पोर्ट्स सेंटर और रोग नियंत्रण और रोकथाम के प्रांतीय केन्द्रों का दौरा किया और चिकित्सीय जांच के अलावा इसको नियंत्रित करने और रोकने के तरीकों के बारे में जानकारी ली।
इसके अलावा, चीन ने कोरोना वायरस के चलते सोमवार को जंगली जानवरों के व्यापार और उनके उपभोग पर व्यापक रोक लगाने की घोषणा की है। जंगली जानवरों के व्यापार और उपभोग को जानलेवा कोरोना वायरस के लिये जिम्मेदार माना जा रहा है।
देश की शीर्ष विधायी समिति नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने 'जंगली जानवरों के अवैध व्यापार, अत्यधिक उपभोग की खराब आदत पर रोक लगाने और लोगों के जीवन तथा स्वास्थ्य के प्रभावी संरक्षण' से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन को फिर से शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को कहा था कि कोरोना वायरस देश का सबसे बड़ा जन स्वास्थ्य आपातकाल है।
शी ने कोविड-19 प्रकोप की रोकथाम और नियंत्रण के लिये प्रयास तेज करने को लेकर बुलाई गई एक उच्च-स्तरीय बैठक में कहा था, 'यह तेजी से और दूर तक फैलने वाला वायरस है और इस पर नियंत्रण पाना तथा इसे रोकना बहुत मुश्किल काम है।'
उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिये संकट की घड़ी है और यह बड़ी परीक्षा है।'
शी ने कहा कि महामारी से 'निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था और समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।