जरूरी है मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर और इसकी चेतावनी देने वाले संकेतों को समझना
ब्रेस्ट कैंसर की यात्रा में मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर एक डरावनी अवस्था होती है. जल्दी पता लगाने और तुरंत चिकित्सा के लिये मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर की चेतावनी के संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है. इन 6 संकेतों का ध्यान रखना चाहिये:
हर व्यक्ति का शरीर अपनी आवश्यकताएं व्यक्त करता है और अपने ही तरीके से हमें स्वास्थ्य की संभावित समस्याओं पर सचेत करता है. अपने शरीर की भाषा के प्रति जागरूक होकर आप समझ सकते हैं कब कुछ अलग या असामान्य लगता है.
ब्रेस्ट या स्तन कैंसर ऐसी बीमारी है, जो विभिन्न संकेतों और लक्षणों से व्यक्त हो सकती है और इन बदलावों को समझने से इसका शुरूआती अवस्था में पता लगाने में मदद मिल सकती है. हालांकि ऐसे मामले हैं, जब पहली बार डायग्नोस करने के समय ही कैंसर मेटास्टेसाइज़ हो चुका था और शरीर के दूसरे भागों में फैल चुका था, यानि कि कैंसर चौथे स्टेज में जब कोई मरीज यह जानता है कि डॉक्टर ने उसमें ‘ब्रेस्ट कैंसर’ का पता लगाया है, तब उसे अपने शरीर और जीवन पर इसके प्रभाव की कठोर सत्यता का सामना करने के लिये विवश होना पड़ता है.
हालांकि यदि मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर हो, तो चुनौतियाँ, अनिश्चितताएं और भावनाएं पूरी तरह से अलग होती हैं, जो उनके भविष्य की सच्चाई को और भी तीव्र बना देती हैं. इस बीमारी को सावधानी, सही उपचार और निगरानी के साथ संभालने की समझ महत्वपूर्ण होती है. इस प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर के उपचार का लक्ष्य केवल फैलाव को रोकने और लक्षणों से राहत देने तक ही सीमित नहीं होना चाहिये, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और उत्तरजीविता को बढ़ाने के लिये भी होना चाहिये. इसलिये मरीजों का अपने डॉक्टर से विस्तारपूर्वक बात करना जरूरी होता है, ताकि उपचार के विभिन्न उपलब्ध विकल्पों को समझा जा सके.
इस क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है और एंडोक्राइन थेरैपी के साथ-साथ उन्नत सहायक थेरैपीज समेत ऐसे उपचार आए हैं, जो अपने जीवन की गुणवत्ता बनाये रखने में मरीजों की मदद कर सकते हैं.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. श्याम अग्रवाल के अनुसार, “अपने अनुभव में मैंने लगभग 50 % महिलाओं को शुरूआती जाँच में ही मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर का पीड़ित पाया है. यह उतना आम नहीं है, लेकिन लोगों का ब्रेस्ट कैंसर की चेतावनी के संकेतों और लक्षणों से परिचित होना महत्वपूर्ण है, ताकि संभावित खतरों को पहचाना जा सके. मेटास्टेटिक का पता चलना मरीजों की सहनशक्ति के लिये बहुत कठिन हो सकता है. इसलिये मरीजों को डॉक्टरों के साथ विस्तृत बातचीत के लिये प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है, ताकि उपचार के उपलब्ध विकल्पों को समझा जा सके.”
ब्रेस्ट कैंसर की यात्रा में मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर एक डरावनी अवस्था होती है. जल्दी पता लगाने और तुरंत चिकित्सा के लिये मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर की चेतावनी के संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है. इन 6 संकेतों का ध्यान रखना चाहिये:
1. लगातार ऐसा दर्द, जो समझाया न जा सके: मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर में अक्सर लगातार दर्द होता है और हो सकता है कि यह दर्द आम उपायों से ठीक न हो. मरीजों को विशेष जगहों, जैसे कि हड्डियों, जोड़ों, कमर या पेडू में असहजता या पीड़ा हो सकती है.
2. असामान्य गांठें या सूजन: शरीर के विभिन्न हिस्सों पर नई गांठें या सूजन आ सकती है. हो सकता है कि यह स्तन तक ही सीमित न रहे और गर्दन, कांख, कॉलरबोन या दूसरी जगहों पर दिखे. किसी असामान्य वृद्धि या सूजन का ध्यान रखें, क्योंकि यह मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर का संभावित संकेत हो सकती है.
3. सांस लेने में कठिनाई और छाती में दर्द: फेफड़ों में मेटास्टेसिस से सांस लेने में कठिनाई और छाती में दर्द हो सकता है. सांस लगातार छोटी होना, जोर से सांस चलना या छाती में अकारण कोई असहजता होने पर तुरंत चिकित्सा लेना महत्वपूर्ण है.
4. अचानक वजन कम होना और भूख न लगना: अगर आपको अचानक या अकारण ही वजन में कमी के साथ भूख लगना बंद हो जाए, तो यह मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर समेत स्वास्थ्य की किसी निहित समस्या का संकेत हो सकता है.
5. लगातार थकान और कमजोरी: पर्याप्त आराम के बावजूद लगातार थकान और कमजोरी रहना मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर की चेतावनी का संकेत हो सकता है. आमतौर पर होने वाली थकान और पर्याप्त नींद के बावजूद बने रहने वाले लंबे समय तक के थकावट के अनुभव के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण है.
6. न्यूरोलॉजिकल लक्षण: ब्रेस्ट कैंसर की यह अवस्था मस्तिष्क तक फैल सकती है और कई न्यूरोलॉजिकल लक्षणों वाली हो सकती है. इनमें बार-बार सिरदर्द, दौरे, समन्वय या संतुलन में कठिनाई, याददाश्त की समस्याएं या देखने अथवा बोलने में बदलाव, शामिल हो सकते हैं.
मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर का पता चलने के बाद मरीजों का अपनी हेल्थकेयर टीम के साथ मिलकर काम करना और डॉक्टर के साथ विस्तार से बातचीत करना महत्वपूर्ण है, ताकि व्यक्तिगत उपचार योजना बनाई जा सके. स्टेज 4 के ब्रेस्ट कैंसर का पता चलना बड़ी निराशा दे सकता है, लेकिन ऐसे उपचार उपलब्ध हैं, जो लंबा और बेहतर जीवन जीने में मरीजों की मदद करेंगे. इसके अलावा, स्वास्थ्यरक्षा पेशेवरों, सहयोगी समूहों और प्रियजनों से मिल रहा सहयोग मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली भावनात्मक और शारीरिक चुनौतियों से उभरने में मरीजों की सहायता कर सकता है.
Edited by रविकांत पारीक