दुनिया में पहली बार होगा ड्रोन से ज़मीन का सर्वे: भारत सरकार का प्रस्ताव
रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defense) ने कहा है कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस - सैटेलाइट और मानवरहित रिमोट व्हीकल इनिशिएटिव (Centre of Excellence – Satellite and Unmanned Remote Vehicle Initiative - CoE – SURVEI) ने ड्रोन से खीचीं गई तस्वीरों की क्वालिटी के मूल्यांकन (drone image quality) के लिए तकनीकी मानकों का प्रस्ताव दिया है, जो ज़मीन का सर्वे करने के लिए दुनिया के पहले स्टैंडर्ड हो सकते हैं.
ड्रोन कम्यूनिटी और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार और परामर्श लेने के लिए प्रकाशित ड्राफ्ट स्टैंडर्ड्स, सेंपल बेंचमार्किंग का संकेत देने के अलावा, ड्रोन आउटपुट की क्वालिटी का मूल्यांकन करने के लिए 19 पैरामीटर और इमेज क्वालिटी का अनुमान लगाने के लिए 8 एक्सटेंशन मेट्रिक्स / तकनीकों को निर्धारित करता है.
मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में, ज़मीन का सर्वे करने के उद्देश्य से ड्रोन द्वारा ली गई तस्वीरों के मूल्यांकन के लिए कोई समान मानदंड मौजूद नहीं है.
यह ड्रोन इमेजरी आउटपुट पर पोस्ट-प्रोसेसिंग एनालिसिस करने में एक "चुनौती" है, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) टूल का उपयोग करके ड्रोन डेटा से अहम जानकारी निकालने की क्षमता को प्रतिबंधित करता है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "दुनिया में पहली बार ड्रोन का उपयोग करके ज़मीन का सर्वे करने को लेकर मानदंड स्थापित करते हुए, रक्षा मंत्रालय के CoE – SURVEI ने तकनीकी मानकों को निर्धारित करते हुए एक ड्राफ्ट कॉन्सेप्ट पेपर पब्लिश किया है जो ड्रोन सर्वे आउटपुट की इमेज क्वालिटी का अनुमान लगाने के लिए रेफरेंस स्टैंडर्ड के रूप में काम कर सकता है.”
CoE – SURVEI ने इस संबंध में स्टेकहोल्डर्स से "ज़मीन का सर्वे करने के उद्देश्य से ड्रोन से खींची गई तस्वीरों की क्वालिटी का मूल्यांकन करने के लिए समान मानकों को निर्धारित करने के लिए" टिप्पणियों का अनुरोध किया है.
आगे कहा गया है, "अपने नॉलेज पार्टनर्स के सहयोग से, CoE – SURVEI ने ड्रोन सर्वे आउटपुट के लिए स्टैंडर्ड्स का ड्राफ्ट तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, और ड्रोन कम्यूनिटी और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार और परामर्श प्राप्त करने के लिए इसे प्रकाशित किया है."
गौरतलब हो कि एक साल पहले आत्मनिर्भर भारत के हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट्स के लिए उत्पादन से सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी.
इसके बाद, इसी साल जुलाई महीने के पहले हफ्ते में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन और ड्रोन पुर्ज़ों के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम के तहत 23 लाभार्थियों की दूसरी अस्थायी सूची जारी की थी. इनमें 12 ड्रोन निर्माता और 11 ड्रोन पुर्ज़े निर्माता शामिल हैं.