बाइक टैक्सी में चलेंगे केवल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर? दिल्ली सरकार का प्लान...
तो क्या दिल्ली सरकार की योजना केवल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को बाइक टैक्सी के रूप में चलाने की अनुमति देने की है?
दिल्ली सरकार (Delhi government) द्वारा अंतिम रूप दी जा रही एग्रीगेटर नीति (aggregator policy) में केवल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (electric two-wheelers) को बाइक टैक्सी (bike taxi) के रूप में चलाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को कहा कि दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए एग्रीगेटर नीति अपने अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा, "एग्रीगेटर पॉलिसी, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है, इन वाहनों को नियमित करने के लिए मानदंड लाने की योजना बना रही है. पॉलिसी एग्रीगेटर्स के लिए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को ऑन-बोर्ड करना अनिवार्य बनाएगी और टिकाऊ परिवहन को प्रोत्साहित करेगी, जिस पर हमारा ध्यान है."
उन्होंने आगे कहा, "नीति को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाना चाहिए लेकिन निश्चित रूप से आगे एक लंबा रास्ता तय करना होगा."
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे निजी पंजीकरण चिह्न वाले दोपहिया वाहनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है.
एक सार्वजनिक नोटिस में, विभाग ने बाइक टैक्सी को दिल्ली में चलने के प्रति आगाह किया है और चेतावनी दी है कि उल्लंघन करने वालों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
कार्रवाई के बारे में बात करते हुए, वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसे वाहनों की पहचान करना मुश्किल है क्योंकि कोई विशिष्ट चिह्न नहीं होता है.
उन्होंने कहा, "फिलहाल, हमारी टीमें नकली पैसेंजर बनकर कार्रवाई को अंजाम देते हुए चालान काट रही हैं."
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सोमवार शाम पांच बजे तक पांच बाइक टैक्सियों के चालान काटे गए. मंगलवार को ऐसी 23 बाइक टैक्सियों का चालान किया गया.
परिवहन विभाग ऐसे दोपहिया वाहनों को नहीं चलाने के लिए एग्रीगेटर्स को भी लिखेगा.
स्थिति की व्याख्या करते हुए, वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एग्रीगेटर्स यह जांच नहीं करते हैं कि वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) है या वे अधिक उम्र के हैं.
"ज्यादातर बाइक टैक्सी ऐसी होती हैं जो सेकंड या थर्ड हैंड खरीदी जाती हैं. इसलिए इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि वे दिल्ली की सड़कों पर चलने के लिए अनुपयुक्त हैं. राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण में दोपहिया वाहनों का बहुत बड़ा योगदान है." उन्होंने कहा.
2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में क्रमशः 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त करने का भी निर्देश दिया था.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का 2014 का एक आदेश 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने पर रोक लगाता है.
बता दें कि, दो दिन पहले ही दिल्ली सरकार ने
, और बाइक टैक्सी सेवाओं पर रोक लगाई थी.