Delhi-NCR Air Pollution: 1 अक्टूबर से लागू होगा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, वर्क फ्रॉम होम पर हो सकता विचार

Delhi-NCR Air Pollution: 1 अक्टूबर से लागू होगा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, वर्क फ्रॉम होम पर हो सकता विचार

Wednesday September 21, 2022,

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प्रदूषण स्तर कम करने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) अक्सर अक्टूबर के मध्य में लागू किया जाता है, जब दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण (air pollution) का स्तर बिगड़ने लगता है. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) प्रदूषण स्तर कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) में कई बड़े बदलाव कर इस साल अक्टूबर के पहले हफ्ते से ही लागू करने का फैसला लिया है. इन बदलावों के तहत अलग-अलग श्रेणी में कई प्रतिबंध लगाए गए हैं जिसमें निर्माण कार्य से लेकर वर्क फ्रॉम होम व दिल्ली में डीजल वाहनों के चलाने पर पाबंदी तक शामिल है.


बताते चलें कि पिछले दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीएक्यूएम को दिल्ली-एनसीआर में 'वायु प्रदूषण के खतरे का स्थायी समाधान खोजने' के लिए आम जनता और विशेषज्ञों से सुझाव लेकर एक नीति तैयार करने को कहा गया था. जनवरी 2022 में इस समिति का गठन किया गया था और सुझावों के आधार पर समिति ने ग्रैप में बदलाव किया है. इस नीति में उद्योगों, वाहनों, निर्माण और विध्वंस, सड़कों और खुले क्षेत्रों से धूल, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के कारण एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने, नियंत्रित करने और कम करने के लिए केंद्र सरकार, एनसीआर राज्यों और दिल्ली की एजेंसियों और विभागों के लिए क्षेत्रवार सिफारिशें शामिल हैं.


वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पाबंदियों को चार श्रेणी में बांटा है.

पहला स्तर 'खराब' (एक्यूआई 201 से 300 के बीच) है

दूसरा स्तर 'बहुत खराब' (एक्यूआई 301 से 400 के बीच) है

तीसरा स्तर 'गंभीर' (एक्यूआई 401 से 450 के बीच) है

चौथा स्तर 'अति गंभीर' (एक्यूआई 450 से अधिक) है


नई कार्ययोजना के अनुसार दूसरे श्रेणी में एक्यूआई 301 से ऊपर जाते ही दिल्ली एनसीआर में पाबंदियां लागू कर दी जाएंगी. सबसे पहले रेस्तरां, खुले भोजनाओं में तंदूर व कोयले व लकड़ी जलाने पर पाबंदी लग जाएगी. जरूरी सेवाओं को छोड़कर जेनरेटर पर भी पाबंदी होगी. जैसे ही एक्यूआई 400 के ऊपर जाएगा इसे गंभीर श्रेणी मानते हुए एनसीआर में निर्माण व तोड़फोड़ गतिविधियों पर पाबंदी लग जाएगी. हालांकि इस दौरान आवश्यक परियोजनाओं जैसे रेलवे, महानगरों, हवाई अड्डों, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा/ राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित परियोजनाओं पर कोई रोक लागू नहीं होगी.


एक्यूआई के गंभीर श्रेणी (तीसरे चरण) में आते ही निजी वाहनों पर पाबंदी लगेगी. बहुत गंभीर यानि आपातकाली श्रेणी जिसमें एक्यूआई 450 से ऊपर होगा उस श्रेणी में जरूरी सामानों से लदे ट्रक को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक होगी, दिल्ली मे रजिस्टर्ड डीजल चालित हल्के व्यवसायिक वाहनों पर पाबंदी लग जाएगी. यही नहीं बीस चार श्रेणी वाले चार पहिया डीजल वाहनों के उपयोग पर भी दिल्ली और एनसीआर के सीमावर्ती जिलों में प्रतिबंध रहेगा. चौथे चरण में गंदे ईंधन पर चलने वाले उद्योगों और राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज और पाइपलाइनों जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं पर भी प्रतिबंध लगेगा.

नए ग्रैप व्यवस्था में राज्य सरकार चाहे तो प्रदूषण के गंभीर श्रेणी में पहुंचने पर सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे सकता है. शैक्षणिक संस्थान बंद करने के साथ दिल्ली एनसीआर में सम-विषम आधार पर वाहन चलाने का फैसला कर सकती है.