दिल्ली HC: "फ्रैपुचिनो" चिह्न पर स्टारबक्स का अधिकार, मिलेगा 13 लाख का अदालती खर्च भी
“Frappuccino" चिह्न पर स्टारबक्स के अधिकार और जयपुर स्थित एलओएल कैफे (LOL cafe) की अदालती लड़ाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने स्टारबक्स के अधिकार को मान्यता देते हुए ट्रेडमार्क उल्लंघन के लिए जयपुर कैफे को स्टारबक्स को अदालती खर्च के 13 लाख रुपये देने के लिए कहा है.
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने LOL कैफे को अपने उत्पादों को बेचने के लिए "Frappuccino" चिह्न का उपयोग करने से स्थायी रूप से रोक दिया और कहा कि स्टारबक्स कॉर्पोरेशन "सूट की लागत" का भी हकदार है, जिसका भुगतान कैफे और उसके मालिक द्वारा किया जाएगा.
न्यायाधीश ने कहा कि स्टारबक्स न केवल अपना अधिकार साबित करने में सक्षम रहा बल्कि कैफे द्वारा उक्त ट्रेडमार्क का उल्लंघन और इस्तेमाल को भी साबित करने में भी सफल रहा. अदालत ने स्टारबक्स को मुकदमे के खर्चे का हकदार भी ठहराया क्योंकि अदालत शुल्क के अलावा, स्टारबक्स ने वकील द्वारा कानूनी शुल्क के रूप में ली गई 13,38,917.85 रुपये की राशि दिखाते हुए एक 'अधिवक्ता शुल्क प्रमाणपत्र' दायर किया था. अदालत ने स्टारबक्स को मुकदमे के खर्चे का हक़दार ठहराते हुए जयपुर कैफे को स्टारबक्स को 13 लाख रुपये देने को कहा है.
आदेश में, अदालत ने कहा कि स्टारबक्स "फ्रैपुचिनो" चिह्न का पंजीकृत मालिक था, जिसकी "विश्वव्यापी प्रतिष्ठा" है, और प्रतिवादियों द्वारा इसका उपयोग बेईमानी था. "प्रतिवादियों द्वारा 'फ्रैपुचिनो' चिह्न को अपनाना, इसलिए बेईमानी है और इसका उद्देश्य एक अनजान उपभोक्ता को धोखा देना है. यह स्टारबक्स के ट्रेडमार्क के उल्लंघन के समान है.
स्टारबक्स ने अदालत को बताया था कि वह 80 देशों और क्षेत्रों में 30,626 स्टारबक्स स्टोर्स में अपने ट्रेडमार्क "फ्रैपुचिनो" का उपयोग करता है, साथ ही एक बोतलबंद कॉफी पेय का उपयोग करता है जो विश्व स्तर पर कई तृतीय-पक्ष किराना, खुदरा और थोक स्टोरों में वितरित किया जाता है. स्टारबक्स ने कहा कि ट्रेडमार्क के संबंध में दुनिया भर में बिक्री के आंकड़े अरबों अमेरिकी डॉलर में चलते हैं और "फ्रैपुचिनो" में इसके अमूल्य बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल हैं.
गौरतलब है कि स्टारबक्स ने जयपुर कैफे द्वारा उसकी अनुमति या लाइसेंस के बिना "ब्राउनी चिप्स फ्रैपुचिनो" के नाम से एक पेय पदार्थ बेचने को लेकर अदालत का रुख किया था. स्टारबक्स ने दावा किया कि उसे 2018 में पता चला कि जयपुर स्थित एलओएल कैफे (LOL cafe) उसकी अनुमति, प्राधिकरण या लाइसेंस के बिना ‘ब्राउनी चिप्स फ्रैपुचिनो’ नामक पेय बेच रहा था. साथ ही साथ इलेक्ट्रिक मेन्यू कार्ड पर पेय नाम “फ्रैपुचिनो” का भी संदर्भ दे रहे थे जिसे प्रचार और विज्ञापन के लिए ‘ज़ोमैटो’और ‘ईज़ीडायनर’ जैसे तीसरे पक्ष के लिस्टिंग पोर्टल पर भी अपलोड किया जा रहा था. स्टारबक्स ने दावा किया कि एलओएल कैफे के निदेशक के साथ एक टेलीफोनिक बातचीत पर, उसके वकील को आश्वासन दिया गया था कि वे “फ्रैपुचिनो” चिह्न के सभी उपयोग को बंद कर देंगे और अपने इलेक्ट्रॉनिक मेनू कार्ड अपडेट करेंगे. स्टारबक्स ने कैफे को 1 दिसंबर, 2018 को एक संघर्ष विराम नोटिस दे उनके पंजीकृत चिह्न “फ्रैपुचिनो” का उपयोग बंद करने के लिए कहा. पर कैफे की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया. 8 जनवरी, 2019 को एक स्मरण पत्र भेजा गया, जिसका भी कोई जवाब नहीं आया. हालांकि, एक आंतरिक जांच के माध्यम से यह पाया गया कि एलओएल कैफे ने कैफे के निदेशक के उपक्रम के बावजूद अपने उत्पादों को विवादित व्यापार चिह्न के तहत बेचना जारी रखा.