चार्जिंग पॉइंट सहित कई सुविधाएं होंगी 'इलेक्ट्रिक हाइवे' में, जानिये कैसे अलग होगा 'एक्सप्रेस-वे' से
देश में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक व्हीकल (electric vehicle) के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. इलेक्ट्रिक बस, गाड़ी और बाइक, स्कूटी के बाद अब देश में इलेक्ट्रिक हाइवे (electric highway) भी बनाया जा रहा है. जल्द ही देश में भारी वाहन जैसे ट्रक और बस के लिए इलेक्ट्रिक हाइवे बनकर तैयार हो जायेगा. ये ट्रक और बस इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरह होंगे, जिन्हें हाइवे पर ओवरहेड लगे बिजली के तारों से चार्ज करके संचालिय किया जाएगा.
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल के मार्केट की बात करें तो भारत ने 3 लाख से भी ज्यादा यूनिट इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री की है. आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2020 से 2022 तक भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रदर्शन और बिक्री में 168 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. भारत में फिलहाल टाटा मोटर्स (Tata Motors) इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की अग्रणी कंपनी है. इसके बाद महिंद्रा और कई कंपनियां बड़ी तैयारी के साथ आने वाले समय में कई नई इलेक्ट्रि्क कारें और दूसरे वाहन पेश करने वाली हैं.
दिल्ली-जयपुर (Delhi-Jaipur electric highway) इलेक्ट्रिक हाइवे दुसरे चरण के ट्रायल में है. बता दें, पहला ट्रायल दिसंबर 2020 में दिल्ली-आगरा (210 कि.मी.) यमुना एक्सप्रेसवे पर किया गया था, जो सफल रहा था. इस सफलता से उत्साहित हो दूसरा ट्रायल बीते 9 सितम्बर को दिल्ली जयपुर इलेक्ट्रिक हाइवे (278 कि.मी.) पर किया गया जहां से कई संतोषजनक परिणाम सामने आए हैं. भविष्य में दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयपुर हाइवे एक ई-हाइवे के रूप में विलय कर दिए जाएंगे और इसके साथ ही यह दुनिया का सबसे लंबा (500 कि.मी.) हाइवे हो जाएगा. एक ई-हाइवे के रूप में विलय होने पर इसका नाम बदलकर अटल हरित विद्युत राष्ट्रीय महामार्ग (AHVRM) कर दिए जाने की योजना है.
'ई-हाइवे' (E-Highway) ‘एक्सप्रेस-वे' (Express-way) से कैसे होंगे अलग
इलेक्ट्रिक हाइवे का मतलब ऐसी सड़क से है जो उस पर यात्रा करने वाले वाहनों की बिजली आपूर्ति को पूरा करता है. इसमें ओवरहेड बिजली की लाइन के जरिए ऊर्जा की सप्लाई की जाती है. इलेक्ट्रिक हाइवे एक ऐसा हाइवे है जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बहुत सारी फैसिलिटी उपलब्ध होती हैं.
इस हाइवे पर चार्जिंग स्टेशन होंगे, गाडी खराब होने की कंडीशन में सर्विस स्टेशन की भी सुविधा होगी. यानी जहां आपको जरूरत हो वहां आप ई व्हीकल चार्ज कर सकेंगे साथ ही यदि इस रास्ते पर आपकी गाड़ी खराब हो या कोई आपातकालीन जरूरत हो तो वहां फ़ौरन तौर पर सहायता भेजी जा सकेगी.
प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिजीत सिन्हा ने बताया कि उनके द्वारा चलाई जाने वाली सभी बसों और कारों में लगे ट्रेकिंग सिस्टम जानकारी देगा कि गाड़ी कौन से चार्जिंग स्टेशन को पार कर कितने किलोमीटर आगे पहुंची है ताकि दूसरी गाड़ी के जरिये 30 मिनट में फ़ौरन तौर पर सहायता पहुंचा दी जाए. आमतौर पर अन्य गाड़ियों के खराब होने पर किसी तरह की सहायता पहुंचने में घंटों लग जाते हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक हाइवे में ट्रेकिंग सिस्टम की बदौलत जीआईएस मैपिंग के जरिए काम लिया जाएगा और आपातकालीन स्थिति होने पर इसकी सहायता से मदद भेजी जा सकेगी. इन सारी सुविधाओं से लैस ई-हाइवे पर यात्रा करना सफर की परिभाषा को ही बदल देगी.
अगर कोई इलेक्ट्रिक कैब बुक करके ई-हाइवे पर सफर कर रहा है और उसकी गाड़ी खराब हो जाती है तो महज 30 मिनट में सहायता पहुंचाई जाएगी. वहीं, अगर कोई व्यक्ति अपनी प्राइवेट इलेक्ट्रिक कार में इसे लगवाना चाहेगा तो उसका अनुमानित खर्च 6-7 हजार के आसपास आएगा.
नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनी गाड़ियों के ड्राइवर पर भी पूरी निगरानी रखेगी. अभिजीत सिन्हा ने बताया कि जिस तरह किसी बैंक में खाताधारक का सिविल स्कोर होता है, उसी तरह उनके ड्राइवर का भी सिविल स्कोर मैनेज किया जाएगा. कोई भी ड्राइवर गलत तरीके से गाड़ी चलाता है, या यात्री से अभद्रता करता है, तो एक राडार सिस्टम के जरिए वीडियो, वॉइस नोट और लोकेशन से सभी चीजें कंट्रोल रूम में दर्ज हो जाएंगी.
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सफर कर रहे यात्री का डेटा भी कंपनी के सर्वर में 5 साल तक रखा जा सकता है. हालांकि यह भी कहा गया है कि ये डेटा बिना यात्री की अनुमति के किसी तीसरे व्यक्ति को नहीं दिया जाएगा. वहीं ये भी बताया गया है कि आज देश मे कितनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां चल रही हैं, इसका सही सही आंकड़ा मौजूद नहीं है. इसके लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक व्हीकल रजिस्ट्रेशन सिस्टम भी इसी ई-हाइवे के साथ शुरू किया जा रहा है, ताकि असली आंकड़ा मौजूद रहे.
'ई-हाइवे' में सौर और पवन ऊर्जा आधारित चार्जिंग स्टेशन पर जोर
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार देश की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बिजली चालित बनाना चाहती है. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सौर और पवन ऊर्जा आधारित चार्जिंग व्यवस्था के विकास को बढ़ावा दे रही है और उस पर खासा ध्यान दे रही है. गडकरी ने कहा, 'हम इलेक्ट्रिक राजमार्ग के विकास पर भी काम कर रहे हैं. यह सौर ऊर्जा के जरिये संचालित होंगे. इससे भारी माल ढुलाई क्षमता वाले वाले ट्रकों और बसों को यात्रा के दौरान चार्ज करने में सुविधा होगी.' इसके अलावा, सड़क मंत्रालय टोल प्लाजा को सौर ऊर्जा से चलाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है.