World EV Day 2022: Delhi-Jaipur इलेक्ट्रिक हाइवे पर शुरू हुआ आखिरी फेज़ का ट्रायल

World EV Day 2022: Delhi-Jaipur इलेक्ट्रिक हाइवे पर शुरू हुआ आखिरी फेज़ का ट्रायल

Saturday September 10, 2022,

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दुनिया के सबसे लंबे दिल्ली जयपुर (Delhi-Jaipur electric highway) इलेक्ट्रिक हाईवे का ट्रायल का दूसरा फेस कल 9 सितंबर को किया गया. यह ट्रायल एक महीने तक दिल्ली के इंडिया गेट से जयपुर के अल्बर्ट हाल संग्रहालय तक ई-हाईवे पर किया जाएगा.


पहला ट्रायल दिसंबर 2020 में दिल्ली-आगरा (210 कि.मी.) यमुना एक्सप्रेसवे पर किया गया था, जो सफल रहा. इस सफलता से उत्साहित हो दूसरा ट्रायल कल 9 सितम्बर को दिल्ली जयपुर इलेक्ट्रिक हाईवे (278 कि.मी.) पर किया गया.


भविष्य में दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयपुर हाईवे एक ई-हाईवे के रूप में विलय कर दिए  जाएंगे और इसके साथ ही यह दुनिया का सबसे लंबा (500 कि.मी.) हाईवे हो जाएगा. एक ई-हाईवे के रूप में विलय होने पर इसका नाम बदलकर अटल हरित विद्युत राष्ट्रीय महामार्ग (AHVRM) कर दिया जाएगा.


ट्रायल रन के जरिए इलेक्ट्रिक बस और कार को महीने भर के लिए लगे चार्जर और तकनीक के साथ ट्राय किया जाएगा. 30 दिनों के दौरान यह जानकारी मिल सकेगी कि सड़कों पर वास्तविक स्थित में इलेक्ट्रिक व्हीकल का प्रदर्शन कैसा रहता है. बारिश जैसी परिस्थितियों में यह कितनी कारगर रहती है.


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उनका लक्ष्य पेट्रोल और डीजल के इस्तेमाल को समाप्त करना और बसों और ट्रकों जैसे सार्वजनिक परिवहन को जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना है. इसी प्रयास के तहत यह परियोजना चालु की गई है. यह देश के ईवी मोबिलिटी सेक्टर में बड़ी पहलों में से एक है. 2070 तक देश में कार्बन न्यूट्रैलिटी के अपने तय किए लक्ष्य को पूरा करने के लिए, इलेक्ट्रिक वाहनों को आम जन जीवन तक पहुंचाने या उसका हिस्सा बनाए जाने की जरुरत को समझते हुए भविष्य में दिल्ली-जयपुर स्ट्रेच के अलावा, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक हाईवे स्ट्रेच के लिए स्वीडिश फर्म के साथ भी बातचीत की जा रही है.


साथ ही ट्रायल में प्रत्येक स्तर के भागीदारों के हितों को सुरक्षित किये जाने की कोशिश की जा रही है. जिसके तहत ईवी के यूजर बसों और इलेक्ट्रिक कार के यात्री, स्टेशन और कैब सर्विस के आपरेटर, स्टेशन और इंफ़्रा के निवेशक तथा बैंक और राज्य एवं केंद्र सरकार प्रमुख है. पिछले ट्रायल में सुनिश्चित किया गया था की 30 मिनट में ईवी को हाइवे पर आपातकालीन तकनीकी सहायता मिले, वाहन ऑपरेटर खरीद सकेंगे 30 फीसदी कम कीमत पर वाहन, और चार्जिंग स्टेशन में लगे इंफ़्रा की लागत 3 साल में वसूल की जा सकेगी.

दिल्ली-जयपुर इलेक्ट्रिक हाईवे के इस ट्रायल के 4 प्रमुख आयाम हैं- इलेक्ट्रिक बस में एक सीट का किराया, एक ईवी कार या एसयूवी का एक दिन का किराया, एक किमी नेशनल हाईवे को इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की लागत और 1 साल में इसपर चलने वाले प्रत्येक इलेक्ट्रिक वाहन से होने वाली बचत और प्रदूषण में कमी.