भारत में सबसे अधिक क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के मामले में दिल्ली सबसे आगे: रिपोर्ट
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
ने हाल ही में अपनी एनुअल इन्वेस्टर रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली में भारत में सबसे अधिक क्रिप्टोकरंसी को अपनाया गया है. इसके बाद राजस्थान की राजधानी और गुलाबी नगरी के नाम से मशहूर जयपुर का नंबर आता है.बुधवार को प्रकाशित India’s Portfolio 2022 रिपोर्ट,जो इस बात की जानकारी देती है कि देश ने बढ़ती मुद्रास्फीति, बाजार में गिरावट और एथेरियम मर्ज जैसी ऐतिहासिक घटनाओं के एक वर्ष में कैसे प्रतिक्रिया दी.
CoinSwitch के सीईओ और को-फाउंडर आशीष सिंघल ने कहा, “2022 में आर्थिक, भू-राजनीतिक और बाजार की कठिनाइयों रही है. ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत के निवेशकों ने बदली हुई परिस्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया दी."
रिपोर्ट से एक अंतर्दृष्टि यह थी कि पुरुषों और महिलाओं द्वारा अपनाए जाने वाले निवेश पैटर्न भारत में काफी हद तक समान थे, हालांकि, 8% पर, महिलाएं भारत के क्रिप्टो निवेशकों के बढ़ते हुए छोटे हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं.
सिंघल ने कहा, “कोई सूचना विषमता नहीं है; CoinSwitch पर सभी के लिए बुद्धिमान निवेश निर्णय लेने के लिए ज्ञान और उपकरणों तक पहुंच समान है."
इससे पहले, बीते नवंबर महीने में CoinSwitch ने अपने मल्टी-एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म CoinSwitch Pro के लॉन्च की घोषणा की थी. ऐसा माना जाता है कि प्लेटफॉर्म केवाईसी-अनुपालन है, और उपयोगकर्ताओं को एक ही लॉगिन के साथ कई एक्सचेंजों में भारतीय रुपये में क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स की ट्रेडिंग करने की अनुमति देगा.
इसी साल, जून महीने की शुरुआत में क्रिप्टो यूनिकॉर्न CoinSwitchने भारतीय रुपये में देश का पहला क्रिप्टो इंडेक्स CRE8 लॉन्च किया था. क्रिप्टो एक्सचेंज का दावा है कि भारतीय रुपये के हिसाब से क्रिप्टो बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए यह भारत का पहला बेंचमार्क इंडेक्स है.
CoinSwitch की शुरुआत साल 2017 में आशीष सिंघल, गोविंद सोनी (सीटीओ), और विमल सागर (सीओओ) ने मिलकर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के ग्लोबल एग्रीगेटर के रूप में की थी. बेंगलुरु स्थित BitCipher Labs LLP, कॉइनस्विच की पैरेंट कंपनी है. जून 2020 में इसने अपना इंडिया-एक्सक्लूसिव INR-क्रिप्टो ऑन-रैंप प्लेटफॉर्म, CoinSwitch Kuber लॉन्च किया था. यह यूजर्स को भारतीय रुपये का उपयोग करके खरीदने और बेचने के लिए सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन करता है.
वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह चेतावनी दी है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसे सट्टेबाजी के साधनों को अगर बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकते हैं. उन्होंने साथ ही बिटकॉइन जैसे साधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की. दास ऐसे साधनों के प्रबल विरोधी रहे हैं और आरबीआई इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय तक गया है.