Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकती है प्राइवेट किप्टोकरेंसी: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बताते हैं. इनमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज FTX का धराशायी होना शामिल है, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक है.

अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकती है प्राइवेट किप्टोकरेंसी: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

Thursday December 22, 2022 , 3 min Read

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) जैसे सट्टेबाजी के साधनों को अगर बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट (financial crisis) की वजह बन सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने यह चेतावनी दी. उन्होंने साथ ही बिटकॉइन (bitocin) जैसे साधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की. दास ऐसे साधनों के प्रबल विरोधी रहे हैं और आरबीआई इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय तक गया है.

दास ने एक इवेंट में कहा, "क्रिप्टोकरेंसी... में व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से जुड़े बड़े जोखिम शामिल हैं और हम इस बारे में हमेशा बताते रहे हैं."

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बताते हैं. इनमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज FTX का धराशायी होना शामिल है, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक है.

दास ने कहा, "इतना सब होने के बाद, मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है." प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन 190 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 140 अरब डॉलर रह गया है.

RBI गवर्नर महंगाई पर काबू पाने को लेकर प्रयासों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि महंगाई पर काबू के लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक द्वारा ‘समन्वित रुख' अख्तियार किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को लेकर रिजर्व बैंक के साथ सरकार भी 'समान रूप से गंभीर' है. रिजर्व बैंक कुछ सप्ताह पहले ही सरकार को लिखित रूप से मुद्रास्फीति को संतोषजनक दायरे में लाने से चूकने की वजह बताई है. इसके बाद अब गवर्नर का यह बयान आया है.

दास ने कहा, "मैं कहूंगा कि महंगाई पर काबू के लिए केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच ‘समन्वित रुख' अपनाया गया है." उन्होंने दोनों द्वारा महंगाई पर अंकुश के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए यह बात कही.

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने महंगाई के मोर्चे पर नीतिगत दर, मौद्रिक समीक्षा और तरलता जैसे उपाय किए हैं वहीं सरकार ने आपूर्ति पक्ष के कदम उठाए हैं. इनमें पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती, आयातित खाद्य सामान पर शुल्कों में कटौती जैसे कदम शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार भी महंगाई को लेकर समान रूप से गंभीर है. दास ने कहा, "हर कोई महंगाई को नीचे लाना चाहता है. मुझे विश्वास है कि सरकार भी महंगाई पर काबू चाहती है."

वहीं, इस महीने की शुरुआत में हुई मौद्रिक नीति समिति यानी MPC की बैठक का ब्‍यौरा बुधवार को जारी किया गया. जिससे पता चला है कि RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ब्याज दरों में वृद्धि रोकने के खिलाफ थे. MPC की बैठक में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. दिसंबर में हुई इस बढ़ोतरी से पहले RBI ने चार बार में रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की थी.

MPC के ब्योरे में कहा गया, "मेरा... विचार है कि मौद्रिक नीति कार्रवाई में समय से पहले ठहराव का फैसला इस समय एक महंगी गलती साबित होगा. अनिश्चित परिदृश्य को देखते हुए, यह एक ऐसी स्थिति पैदा कर सकता है, जहां बढ़ी हुई मुद्रास्फीति के दबाव को दूर करने के लिए हम खुद को बाद की बैठकों में मजबूत नीतिगत कार्रवाई करते हुए पा सकते हैं."

यह बैठक 5-7 दिसंबर के दौरान हुई थी. RBI गवर्नर दास ने कहा कि एक सख्त वातावरण में, खासतौर पर तब, जब दुनिया भारी अनिश्चितता का सामना कर रही है, मौद्रिक नीति के भविष्य को लेकर स्पष्ट मार्गदर्शन देना सही नहीं होगा.

यह भी पढ़ें
Meesho पर दिल्ली के 1300 करोड़पति और 24,000 लखपति विक्रेता