दिल्ली में होगी 'नाइट लाइफ,' समझें रोजगार-इकोनॉमी के लिए कितना जरूरी है 'नाइट लाइफ कल्चर'
दिल्ली की ‘नाइट लाइफ’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने ऑनलाइन खरीदारी और डिलीवरी दुकानों, होटल, रेस्तरां तथा परिवहन सुविधाओं समेत 300 से अधिक प्रतिष्ठानों को चौबीसों घंटे संचालित करने की अनुमति दे दी है. उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि सक्सेना ने 314 आवेदनों को मंजूरी दी है. इनमें से कुछ आवेदन 2016 से पेंडिंग थे. इस संबंध में नोटिफिकेशन सात दिन के भीतर जारी की दी जाएगी. हो सकता है अगले सप्ताह तक इसे लागू किया जा भी कर जाए.
इस खबर पर दिल्ली के चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने खुशी ज़ाहिर करते हुए इसे ‘नाइट लाइफ’ कल्चर को बढ़ाना देने संबंधी अनुमति बताया है. हालांकि उन्होंने कहा कि नोटिफिकेशन आने के बाद देखना पड़ेगा कि किन-किन सेवाओं को शामिल किया गया है और क्या, इसमें दिल्ली के रिटेल बाजारों की दुकानों को भी छूट दी गई है.
यह निर्देश न लेवल दिल्ली की इकॉनमी में इजाफा करेगा बल्कि दिल्ली जैसे शहर को महिलाओं के लिए सुरक्षित भी बनाएगा. होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी, कैब वालों का बिजनेस बढ़ेगा साथ ही दिल्ली के लोगों को अपनों के साथ वक़्त बिताने के लिए ज्यादा अवसर लेकर आएगा क्योंकि बहुत से परिवारों में लोग देर शाम को ही जुटते है.
इन सब पहलूओं के बारे में बात करते हुए बृजेश गोयल ने कहा कि छोटे बड़े सभी तरह का व्यवसाय चलने से दिल्ली का कारोबार बढ़ेगा. लेकिन कारोबार बढाने के लिए हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि दिल्ली की नाइट इकॉनमी में केवल महंगी गतिविधियां ही शामिल ना हों, बल्कि समाज का हर वर्ग उसका हिस्सा बन सके ताकि सभी को लाभ मिल सके. इसलिए नाइट लाइफ में स्ट्रीट वेंडरों को भी शामिल किया जाना जरूरी है. साथ ही साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी ध्यान देना होगा कि महिलाएं भी ज्यादा से ज्यादा निकल सकें. अभी रात में दिल्ली मेट्रो बंद हो जाती है. डीटीसी और कलस्टर बसें भी सीमित संख्या में चलती हैं. सड़कों पर सुरक्षा की कमी रहती है. इन सभी बातों को ध्यान में रखकर प्लानिंग करनी होगी.
24 घंटे काम होगा तो टूरिज्म बढ़ेगा
सीटीआई अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि हमारी तो 20 सालों से मांग रही है कि दिल्ली में नाइट लाइफ कल्चर को बढ़ावा मिले. इससे दिल्ली का टूरिज्म भी बढ़ेगा. रात में होने वाले क्राइम पर अंकुश लगेगा. दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर आधी रात में लंबी दूरी की बहुत से ट्रेनें, एयरपोर्ट पर दूसरे शहरों और विदेशों से अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स, बस अड्डों पर कई राज्यों की बसें रात-बिरात आती हैं. इनकी सवारियों को आधी रात के बाद दिल्ली में कहीं भी कुछ अच्छा खाने-पीने को नहीं मिलता है. स्थानीय ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी धीमा हो जाता है, मनमाना भाड़ा वसूला जाता है. कई गेस्ट हाउस में किचन नहीं है. आधी रात में कोई अतिथि छोटे बच्चों के साथ आता है, तो उन्हें दूध तक देने का इंतजाम नहीं होता है. होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट्स, गेस्ट हाउस में दो से तीन शिफ्टों में काम होगा तो अर्थव्यवस्था उठेगी. रोजगार बढ़ेगा.
दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सोनी का कहना है कि दिल्ली में सारी रात दुकानें, होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे खुलेंगे, तो दिल्ली पुलिस को सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा. खास तौर से दिल्ली में महिला सुरक्षा अहम विषय है. महिलाएं रात में ऑटो और टैक्सी में चलेंगी, तो सुरक्षा का अहसास होना चाहिए. अभी दिल्ली में दिन के समय 90 से 95 प्रतिशत ऑटो और टैक्सी चलते हैं, वहीं रात में 30 से 35 प्रतिशत ही ऑटो टैक्सी चलती हैं. रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट पर 24 घंटे ऑटो और टैक्सी मिल जाती है. रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक 25 प्रतिशत किराया अतिरिक्त नाइट चार्ज के रूप में वसूला जाता है. यदि रात में दिल्ली के बाजार खुलने लगेंगे, तो ऑटो और टैक्सी वालों को भी काम मिलेगा.
इन शहरों में भी ‘नाइट लाइफ’ कल्चर
मुंबई की नाइट लाइफ से हम सब वाकिफ हैं. मुंबई में अंधेरी, बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स, ब्रांद्रा वेस्ट, वर्ली, जूहु, मलाड, शांताक्रूज, कांदीवली, कोलाबा, पवई, नवी मुंबई और लोअर परेल जैसे कई इलाकों में देर रात तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट हमेशा उपलब्ध होता है, पुलिस मुस्तैद रहती है. बेंगलुरु में भी कई सालों से नाइट लाइफ का कल्चर है. यहां कई जगहों पर 24 घंटे, सातों दिन दुकानें और बाकी दूसरे प्रतिष्ठान खुले रहते हैं. कर्नाटक ने नवंबर 2019 और फिर जनवरी 2021 में नोटिफिकेशन जारी कर उन सभी प्रतिष्ठानों को रातभर खोलने की अनुमति दे दी, जहां 10 से ज्यादा लोग काम करते हैं. इसके अलावा कोलकाता में भी नाइट लाइफ कल्चर की रौनक दिखाई पड़ती है. और गोवा में तो देशभर के लोग नाइट लाइफ का लुत्फ लेने जाते हैं.