नहीं होने दिया था अपना बाल विवाह, आज दूसरे बच्चों को इस दलदल से बचा रही हैं 16 साल की राधा
खुद को बाल विवाह से बचाने वाली 16 साल की राधा पांडेय झारखंड के कोडरमा जिले के टिकैत टोला गाँव की रहने वाली हैं। नाबालिग राधा की शादी इसी साल जून महीने में होनी तय थी, लेकिन इसी दौरान राधा द्वारा उठाए गए साहसिक कदम ने देश भर में बाल विवाह के खिलाफ एक नए आंदोलन को जन्म देने का काम किया है।
बाल विवाह भारत में भले ही कानूनन अपराध हो लेकिन आज भी देश के तमाम हिस्सों से बाल विवाह होने की खबरें समय-समय पर सामने आती रहती हैं। इस बीच बाल विवाह को जड़ से खत्म करने के लिए सरकारों के साथ ही तमाम गैर-सरकारी संगठन और समाजसेवी भी लगातार प्रयास कर रहे हैं। बाल विवाह प्रथा को खत्म करने के लिए एक 16 साल की लड़की भी इस दिशा में सक्रिय योगदान दे रही है, गौरतलब है कि इसी साल इस लड़की ने खुद को बालविवाह के चुंगल से बचाया था।
खुद को बाल विवाह से बचाने वाली 16 साल की राधा पांडेय झारखंड के कोडरमा जिले के टिकैत टोला गाँव की रहने वाली हैं। नाबालिग राधा की शादी इसी साल जून महीने में होनी तय थी, लेकिन इसी दौरान राधा द्वारा उठाए गए साहसिक कदम ने देश भर में बाल विवाह के खिलाफ एक नए आंदोलन को जन्म देने का काम किया है।
राधा को थी अपने अधिकारों की जानकारी
मीडिया को दिये अपने एक इंटरव्यू में राधा ने बताया है कि जब उन्हें यह पता चला कि उनकी शादी होने वाली है तब वे परेशान हो गईं और उन्होंने अपने माता-पिता को समझाने की कोशिश भी की लेकिन परिवार की बदहाल आर्थिक स्थिति और पितृसत्ता के चलते उनकी यह कोशिश विफल रही।
राधा 12वीं की छात्रा हैं और उन्होंने बचपन से ही एक सपना देखा है कि उन्हें आगे चलकर शिक्षक बनना है। राधा चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट और नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित चिल्ड्रेन फाउंडेशन की भी सक्रिय सदस्य हैं और इसी के चलते वे बाल विवाह से जुड़े कानून के बारे में पहले से ही जानती थीं।
और नहीं मानी हार
राधा ने अपनी शादी के विषय में चिल्ड्रेन फाउंडेशन के अन्य सदस्यों को भी जानकारी दी जिसके बाद फाउंडेशन के सदस्यों ने राधा के घर आकर उनके माता-पिता को भी समझाने की कोशिश की, हालांकि इसके बाद भी उनके माता-पिता अपने निर्णय से पीछे हटने के लिए राज़ी नहीं हुए। राधा ने आगे बढ़ते हुए खुद लड़के के परिजनों से बात की और उनसे इस शादी को न करने का अनुरोध भी किया लेकिन वहाँ से भी राधा को निराशा ही हाथ लगी।
इस दौरान राधा के परिजनों का मानना था कि शादी को निरस्त करने के बाद उनकी बदनामी होगी और इसी के चलते वे अपने निर्णय से पीछे नहीं हटना चाहते थे। हालांकि राधा द्वारा उठाए गए कदमों के बाद आखिरकार राधा के परिजनों को उनकी शादी निरस्त करनी पड़ी और यहीं से राधा के लिए एक नई यात्रा शुरू हो है। राधा के इस कदम के बाद उन्हें प्रशासन से भी काफी सराहना हासिल हुई है।
अब जागरूकता फैला रही हैं राधा
राधा के अनुसार वे बाल विवाह प्रथा को जड़ से खत्म करना चाहती हैं ताकि ऐसा किसी के साथ ना हो सके और उन बच्चों को भी अपने जीवन में कुछ करने का मौका मिल सके। आज राधा बाल विवाह के खिलाफ मुखर होकर आवाज़ उठा रही हैं वहीं दूसरी ओर वे अन्य लड़कियों को इस बारे में शिक्षित करने का भी काम कर रही हैं।
मीडिया के अनुसार बीते 2-3 महीनों में राधा ने क्षेत्र में 21 बाल विवाह को रोकने का सराहनीय काम किया है, हालांकि इस दौरान राधा को स्थानीय लोगों द्वारा विरोध भी झेलना पड़ा है लेकिन वे अपने इस काम को लगातार जारी रखे हुए हैं।
राधा कहती हैं कि ‘दुनिया को बदलने से पहले हमें खुद को बदलना होगा ऐसे में अगर हम खुद को ही नहीं बदल पाएंगे तो लोगों को कैसे जागरूक करेंगे।’ मालूम हो कि आंकड़ों के अनुसार बीते साल साल 2020 में देश भर में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत 758 मामले दर्ज़ किए गए थे।
YourStory की फ्लैगशिप स्टार्टअप-टेक और लीडरशिप कॉन्फ्रेंस 25-30 अक्टूबर, 2021 को अपने 13वें संस्करण के साथ शुरू होने जा रही है। TechSparks के बारे में अधिक अपडेट्स पाने के लिए साइन अप करें या पार्टनरशिप और स्पीकर के अवसरों में अपनी रुचि व्यक्त करने के लिए यहां साइन अप करें।
TechSparks 2021 के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए यहां क्लिक करें।
Edited by रविकांत पारीक