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मिलें 70 साल की इस सोलो ट्रैवलर से, करियर बदल कर की दुनिया भर की यात्रा

मिलें 70 साल की इस सोलो ट्रैवलर से, करियर बदल कर की दुनिया भर की यात्रा

Thursday October 21, 2021 , 3 min Read

यात्रा के पैशन को पूरा करने के लिए सुधा ने अपना करियर तक बदल डाला और आज वे दुनिया के तमाम हिस्सों की यात्रा कर चुकी हैं। 70 साल की डॉ. सुधा महालिंगम को बचपन से ही यात्रा करना बेहद पसंद था और अपने माता-पिता के साथ वे देश के तमाम हिस्सों की यात्रा पर जाया करती थीं। हालांकि सुधा की शादी हुई और फिर वे लंदन शिफ्ट हो गईं। सुधा के पति प्रशासनिक अधिकारी थे और उनका तबादला होता रहता था जिसके चलते सुधा को यूरोप की अलग-अलग जगह रहने का मौका भी मिला।


इस दौरान सुधा रूस और पोलैंड जैसे देशों में भी रहीं और ऐसे में वे इन देशों के शहरों की यात्रा करती रहती थीं। अपने एक इंटरव्यू में सुधा ने बताया है कि वे इन शहरों में एक पर्यटक के तौर पर नहीं जाती थीं बल्कि वे इन शहरों को डीटेल में एक्सप्लोर करना चाहती थीं और इस तरह उन्होने यात्रा में अपनी रुचि को विकसित किया।

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70 साल की डॉ. सुधा महालिंगम ने यात्रा के पैशन को पूरा करने के लिए अपना करियर तक बदल डाला और आज वे दुनिया के तमाम हिस्सों की यात्रा कर चुकी हैं। फोटो साभार: footloose indian

करियर बदलने से मिली मदद

सुधा को अलग-अलग जगहों की यात्रा पर जाना बेहद पसंद था लेकिन वे इसके लिए अपनी परिवार की बचत को खर्च नहीं करना चाहती थीं। अपने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सुधा ने बतौर पत्रकार अपने करियर को छोड़ने का निर्णय लिया था। सुधा के अनुसार बतौर पत्रकार वे ऊर्जा के क्षेत्र पर काम किया करती थीं और बाद में उन्होने बतौर ऊर्जा अर्थशास्त्री के तौर पर आगे बढ़ने का निर्णय किया।


दुनिया घूमने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सुधा अपने करियर के क्षेत्र में ही महारत हासिल की और इसका फायदा भी उन्हें मिला। सुधा के अनुसार ऊर्जा को लेकर दुनिया भर में होने वाली कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर वे अपने उद्देश्य को भी पूरा कर सकती थीं और इसलिए उन्होने ऐसा ही किया।

लिया सोलो ट्रैवलिंग का आनंद

ऊर्जा के क्षेत्र में पकड़ रखने वाली सुधा को जल्द ही दुनिया भर में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में न्योता मिलने लगा, हालांकि इस दौरान सुधा अकेले ही इन यात्राओं पर जाया करती थीं क्योंकि कॉन्फ्रेंस के लिए सिर्फ उनकी ही यात्रा का खर्च मिलता था। यहीं कारण रहा कि सुधा अकेले यात्राओं पर जाने लगीं और फिर ये क्रम आगे बढ़ता गया।

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फोटो साभार: footloose indian

इन यात्राओं के दौरान सुधा को यह भी अनुभव हुआ कि होटल में रुकने की जगह अलग वे अलग-अलग जगहों पर जाकर रुकेंगी वो वे अपनी इन यात्राओं का अधिक आनंद ले सकेंगी। सुधा के अनुसार इस दौरान वे तमाम युवा ट्रैवलर्स से मिलती थीं और उनके साथ वे कहानियाँ साझा किया करती थीं। सुधा के अनुसार युवा उनके साथ बात करते हुए सहज होते हैं और इस दौरान उनकी उम्र कभी बाधा नहीं बनी।

अपने अनुभव पर लिखी किताब

यात्राओं के दौरान एक समस्या जो सुधा के सामने हमेशा आई वो था उनका शाकाहारी होना। सुधा के अनुसार वे शाकाहारी हैं और इन यात्राओं के दौरान अक्सर उन्हें अच्छा शाकाहारी खाना ढूंढने में समस्या होती रही। 70 साल की सुधा अब भारत में ही रहती हैं और वे अपनी इन यात्राओं के अनुभव पर किताबें भी लिख चुकी हैं।


सुधा के अनुसार अपनी किताबों में उन्होने अपनी यात्राओं के दौरान सामने आई मुश्किलों का जिक्र किया है। सुधा के अनुसार अभी भी वे कई जगहों की यात्रा पर जाना चाहती हैं जिनमें मालदीव, पैटागोनिया और कोलंबिया उनकी इस सूची में सबसे ऊपर है।


Edited by Ranjana Tripathi