फुटबॉलर डिएगो माराडोना के दो गोल्स में छिपी ब्याज दरों की चर्चित थ्योरी के बारे में जानते हैं आप?
बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मर्विन किंग ने एक बार ब्याज दरों के माराडोना सिद्धांत का प्रस्ताव रखा था.
फुटबॉल में रुचि रखने वाला अमूमन हर शख्स अर्जेंटीना के फुटबॉलर डिएगो माराडोना (Diego Maradona) के नाम और काम से वाकिफ है. माराडोना को खेल के इतिहास में महानतम प्लेयर्स में गिना जाता है. माराडोना का योगदान फुटबॉल की दुनिया में तो है ही लेकिन उनके दो गोल ऐसे भी रहे, जिसकी वजह से केंद्रीय बैंकों को एक चर्चित मॉनेटरी थ्योरी मिल गई. बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मर्विन किंग (Mervyn King) ने एक बार ब्याज दरों (Key Interest Rates) के माराडोना सिद्धांत (Maradona Theory) का प्रस्ताव रखा था.
उन्होंने 1986 के फुटबॉल विश्व कप क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ अर्जेंटीना के मैच में माराडोना के दो गोल्स का जिक्र किया था. 22 जून 1986 के उस मैच में अर्जेंटीना 2-1 से जीता था और फिर सेमीफाइनल व फाइनल में जीत दर्ज कर चैम्पियन बना था. आइए जानते हैं इन दोनों गोल्स में मर्विन किंग ने क्या खास देखा था...
पहला गोल: 'हैंड ऑफ गॉड'
मेक्सिको सिटी में 22 जून 1986 को खेले गए उस मैच में माराडोना ने जो पहला गोल किया था, उसे 'हैंड ऑफ गॉड' कहा जाता है. दरअसल माराडोना हेडर से गोल करना चाहते थे लेकिन गेंद कथित तौर पर उनके हाथ से टकराकर गोल पोस्ट में चली गई. मैच रेफरी इसे देखने में विफल रहे थे. मर्विन किंग ने अपनी स्पीच में कहा था कि माराडोना का वह गोल सेंट्रल बैंकिंग के लिए पुरानी 'मिस्ट्री एंड मिस्टिक' अप्रोच है. माराडोना का एक्शन अप्रत्याशित, टाइम इनकन्सिसटेंट और नियमों के खिलाफ था.
दूसरा गोल और उसकी मॉनेटरी थ्योरी
उस मैच में माराडोना के दूसरे गोल का किस्सा यह है कि माराडोना अपने हाफ के अंदर 60 मीटर दूर से फुटबॉल लेकर इंग्लिश गोल तक अकेले दौड़े और गोल कर दिया. इस बीच रास्ते में उन्होंने पांच डिफेंडर्स को छकाया. मर्विन किंग का कहना था कि इस गोल में असाधारण बात यह थी कि माराडोना एक सीधी रेखा में दौड़ते रहे, जबकि डिफेंडर्स का अनुमान था कि वह दाएं या बाएं स्विंग करेंगे. लेकिन माराडोना ने ऐसा नहीं किया. केंद्रीय बैंकर भी अक्सर बाजारों को हैरान करने के लिए प्रमुख ब्याज दरों के मामले में ऐसा करते हैं.
किंग के मुताबिक माराडोना के इंग्लैंड के खिलाफ उस मैच का दूसरा गोल ब्याज दरों की मॉडर्न थ्योरी में उम्मीदों के पावर का एक उदाहरण है. मार्केट इंट्रेस्ट रेट्स, इस बात से जुड़ी रहती हैं कि केंद्रीय बैंक क्या उम्मीद कर रहा है. कई बार कई देशों के केंद्रीय बैंक के साथ ऐसा हुआ है कि वे प्रमुख ब्याज दरों पर कोई बड़ा कदम उठाए बिना अर्थव्यवस्था की राह को प्रभावित करने में सक्षम रहे हैं. वे ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के वित्तीय बाजारों के अनुमान के उलट अपने लक्ष्यों के लिए सीधी रेखा में आगे बढ़ते रहे, जैसे माराडोना बढ़े.