योरस्टोरी डिजिटल इंडिया टाउनहॉल में बोले रविशंकर प्रसाद, "आम आदमी की भागीदारी से ही सफल होगा देश का डिजिटल फर्स्ट मॉडल"
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने योरस्टोरी के डिजिटल इंडिया टाउन हॉल में कहा कि भारत में डिजिटल-फर्स्ट मॉडल तभी सफल होगा जब आम आदमी की सरकार के प्रयास में हिस्सेदारी होगी।
आज से ठीक 5 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार ने 'डिजिटल इंडिया' पहल शुरू की थी, ताकि देश के तकनीकी क्षेत्र में लोगों के आत्म-सशक्तिकरण के साथ ही बुनियादी ढांचे में सुधार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए उन्हे प्रोत्साहित किया जा सके।
पिछले पांच वर्षों में सरकार ने न केवल देश के शहरी क्षेत्रों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी उच्च गति वाली कनेक्टिविटी शुरू करके उन्हे प्रोत्साहित किया है, इस दौरान डिजिटल अपस्किलिंग और जमीनी स्तर की समस्याओं को हल करने के लिए तकनीक के उपयोग को बढ़ावा मिला है।
टेक उद्यमियों के लिए योरस्टोरी द्वारा आयोजित किए गए एक विशेष डिजिटल इंडिया टाउनहॉल में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी व कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल समावेश और सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के महत्व को बड़ी बखूबी समझाया।
इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा, “डिजिटल इंडिया डिजिटल समावेश के लिए है। जब तक आम आदमी की डिजिटल इंडिया में हिस्सेदारी नहीं होगी, तब तक यह सफल नहीं होगा।''
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, ‘डिजिटल इंडिया टाउनहॉल में मंत्री ने बताया कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को भारतीयों को टेक्नालजी की शक्ति के साथ सशक्त बनाने, डिजिटल खाई को पाटने और डिजिटल समावेश को सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।'
डिजिटल इंडिया के शुभारंभ के पांच साल बाद सरकार की डिजिटल इंडिया ड्राइव के माध्यम से उपलब्धियों को लेकर एक "पूर्णता की भावना" है, इसी के साथ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "अब कोई भी नेता डिजिटल इंडिया का विरोध नहीं करता है।"
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लक्षित कार्यक्रम जैसे कि सामान्य सेवा केंद्र (CSC), जिसने डिजिटल उद्यमियों को बनाने में मदद की है और वन नेशन-वन राशन कार्ड ने राशन कार्ड के बुनियादी ढांचे को एकीकृत और केंद्रीकृत करने में मदद की है, इन सभी ने सरकार की देश और तकनीक के बीच एक मजबूत रिश्ता कायम करने में मदद की है।
MyGov.in - एक पोर्टल जो नागरिकों को नीतिगत चर्चाओं में संलग्न करने में सक्षम बनाता है और डिजी लॉकर - सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों की महत्वपूर्ण ई-कॉपियों को स्टोर करने के लिए एक सुरक्षित सुविधा उपलब्ध कराता है, इनके जैसे अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे ई-हॉस्पिटल, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल और ई-शिक्षा के साथ ही कुछ और उपकरण हैं जिन्हें सरकार ने भारत को डिजिटल बनाने के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए बनाया है।
'डिजिटल इंडिया’ मूवमेंट के हिस्से के रूप में किए गए उपायों की अन्य सफल श्रृंखला में जनधन-आधार-मोबाइल (जेएएम) भी शामिल है, जिसने एक अरब से अधिक नागरिकों को डिजिटल पहचान प्रदान की है और उन लोगों की मदद की है जिनके पास वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने के लिए कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं है।
नवीनतम सरकारी अनुमानों के अनुसार 30 जून तक लगभग 125.84 करोड़ लोगों को आधार कार्ड जारी किए गए थे।
वास्तव में पिछले चार महीनों में भी जब से कोरोनोवायरस की महामारी ने देश प्रभावित किया है, तब डिजिटल इंडिया कार्यक्रम द्वारा उठाए गए कदम देश को सुचारू रूप से चलाने में सहायक रहे हैं। कोविड-जियोफेंसिंग, आरोग्य सेतु ऐप, ई-ऑफिस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाधान जैसे कि ईफाइल मैनेजमेंट, नॉलेज मैनेजमेंट, अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और आरटीआई की सुनवाई, वर्चुअल क्लासरूम आदि ने लॉकडाउन के दौरान सभी की मुश्किलों को कम करने का काम किया है।
Self4society.mygov.in वेबसाइट भी एक ऐसा ही मंच है जो भारतीय नागरिकों को सामाजिक कारणों की दिशा में उनके प्रयासों को मदद करने के लिए शुरू किया गया था, यह कोविड-19 से लड़ने में सरकार के प्रयासों को बढ़ाने के लिए धन और स्वयंसेवकों को जुटाने के लिए उचित रहा है।
अब नए सामान्य तौर पर भारतीय स्टार्टअप्स के पास सरकार के मिशन को आगे बढ़ाने और अधिक तकनीक प्रेमी बनने और सभी के लिए डिजिटल समावेश सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने स्टार्टअप इकोसिस्टम का भी आह्वान करते हुए कहा है कि वह सरकार द्वारा 59 चीनी ऐप्स पर लगये गए प्रतिबंध के बाद डिजिटल शिक्षा, हेल्थटेक के साथ ही साथ ही स्वदेशी ऐप्स के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करें।