Digital India Week2022: भारत चौथी औद्योगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है - पीएम मोदी
डिजिटल इंडिया वीक 2022 के तहत 4 से 6 जुलाई तक गांधीनगर में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. यह कार्यक्रम डिजिटल इंडिया की वर्षगांठ मनाएगा और प्रदर्शित करेगा कि कैसे आधार, यूपीआई, कोविन, डिजिलॉकर आदि सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने लोगों के जीवन को आसान बनाया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने गांधीनगर (Gandhinagar) में डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 (Digital India Week 2022) का उद्घाटन किया. इसका विषय 'नव भारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा' (Catalyzing New India’s Techade) है.
डिजिटल इंडिया वीक 2022 के तहत 4 से 6 जुलाई तक गांधीनगर में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. यह कार्यक्रम डिजिटल इंडिया की वर्षगांठ मनाएगा और प्रदर्शित करेगा कि कैसे आधार (Aadhaar), यूपीआई (UPI), कोविन (CoWin), डिजिलॉकर (DigiLocker) आदि सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने लोगों के जीवन को आसान बनाया है.
यह पूरी दुनिया के सामने भारत के तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करेगा, हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सहयोग और व्यापार के अवसरों का पता लगाएगा और अगली पीढ़ी के लिए अवसरों के लिहाज से दशक की तकनीकी (टेकेड) प्रस्तुत करेगा.
इसमें स्टार्टअप तथा सरकार, उद्योग व शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी. 200 से अधिक स्टालों के साथ एक डिजिटल मेला भी आयोजित किया जा रहा है, जहां जीवन को आसान बनाने वाले डिजिटल समाधानों के साथ-साथ भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप द्वारा विकसित किए गए समाधान को भी प्रदर्शित किया जायेगा. डिजिटल इंडिया वीक में 7 से 9 जुलाई तक वर्चुअल मोड में ‘इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज’ (India Stack Knowledge Exchange) भी आयोजित किया जाएगा.
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने टेक्नोलॉजी की पहुंच बढ़ाने, जीवन को आसान बनाना सुनिश्चित करने के लिए सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के मकसद से कई डिजिटल पहल भी शुरू कीं. उन्होंने चिप टू स्टार्टअप (Chips to Startup - C2S) कार्यक्रम के तहत सहयोग किए जाने वाले 30 संस्थानों के पहले समूह की भी घोषणा की. इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजीव चंद्रशेखर, राज्य के मंत्री, जन प्रतिनिधि, स्टार्टअप्स और क्षेत्र के अन्य हितधारक उपस्थित थे.
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम 21वीं सदी में भारत के निरंतर आधुनिकीकरण की एक झलक प्रस्तुत करता है. डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत ने उदाहरण पेश किया है कि टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है. उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि आठ वर्ष पहले शुरू हुआ यह अभियान, बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार देता रहा है."
प्रधानमंत्री ने कहा, "समय के साथ जो देश आधुनिक तकनीक को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है. तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है. लेकिन आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है." इसमें भी एक तरह से पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाने के लिए उन्होंने गुजरात की प्रशंसा की.
8-10 साल पहले के हालात याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र, बिल जमा करने, राशन, प्रवेश, रिजल्ट और बैंकों के लिए भी लाइन लगती थी, इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने ऑनलाइन होकर कर दिया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वरिष्ठ नागरिकों के जीवन प्रमाण पत्र, आरक्षण, बैंकिंग आदि सेवाएं डिजिटल होने से वे सुलभ, तेज और सस्ती हो गई हैं. इसी तरह, टेक्नोलॉजी के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer - DBT) के तहत पिछले 8 वर्षों में 23 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजे गए.
भ्रष्टाचार रोकने में डिजिटल इंडिया की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "इस टेक्नोलॉजी के कारण, देश के 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गए." उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया ने सरकार को नागरिकों के द्वार और फोन तक पहुंचा दिया है. उन्होंने कहा कि 1.25 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर और ग्रामीण स्टोर अब ई-कॉमर्स को ग्रामीण भारत में लेकर जा रहे हैं. इसी प्रकार, ग्रामीण संपत्तियों के लिए संपत्ति के दस्तावेज भी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
महामारी के दौरान टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामर्थ्य पैदा किया, उसने कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में भारत की बहुत मदद की है. प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने एक क्लिक पर देश की करोड़ों महिलाओं, किसानों, मजदूरों के बैंक खातों में हजारों करोड़ रुपये भेजे. एक देश एक राशन कार्ड की मदद से हमने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया." प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे कुशल कोविड टीकाकरण और कोविड राहत कार्यक्रम चलाया. हमारे कोविन प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगभग 200 करोड़ वैक्सीन खुराकें दी गई हैं और प्रमाण पत्र दिए गए.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की फिनटेक पहल वास्तव में लोगों द्वारा, लोगों का, लोगों के लिए एक समाधान है. इसमें जो तकनीक है वह भारत की अपनी यानी भारत के द्वारा, देशवासियों ने इसे जीवन का हिस्सा बनाया यानी लोगों का और इसने देशवासियों के लेनदेन को आसान बनाया यानी लोगों के लिए. उन्होंने कहा कि दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होता है. प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे डिजिटल समाधानों में स्केल है, ये सुरक्षित हैं और इनमें लोकतांत्रिक मूल्य हैं."
प्रधानमंत्री ने बताया कि आने वाले 4-5 वर्षों में इंडस्ट्री 4.0 के लिए 14-15 लाख युवाओं के स्किलिंग, अपस्किल और रीस्किलिंग पर फोकस किया जाएगा. उन्होंने कहा, "अंतरिक्ष हो, मैपिंग, ड्रोन, गेमिंग और एनिमेशन हो, ऐसे कई सेक्टर हैं जो डिजिटल तकनीक के भविष्य को विस्तार देने जा रहे हैं, उन्हें इनोवेशन के लिए खोल दिया गया है. इंन-स्पेस और नई ड्रोन नीति (new drone policy) जैसे प्रावधान इस दशक में आने वाले वर्षों में भारत की तकनीक क्षमता को नई ऊर्जा देंगे."
प्रधानमंत्री ने बताया, "आज भारत अगले तीन से चार वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 300 अरब डॉलर से ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. भारत अब चिप लेने वाले से चिप देने वाला बनना चाहता है. सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में निवेश तेजी से बढ़ रहा है."
प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि डिजिटल इंडिया अभियान अपने आप में नए आयाम जोड़ता रहेगा और देश के नागरिकों की सेवा करता रहेगा.