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OLA के भाविश अग्रवाल ने क्यों कहा, Tesla को स्पेशल ट्रीटमेंट देकर इंडिया का भला नहीं होगा?

OLA के भाविश अग्रवाल ने क्यों कहा, Tesla को स्पेशल ट्रीटमेंट देकर इंडिया का भला नहीं होगा?

Monday July 04, 2022 , 2 min Read

Ola के फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा है कि भारत में Tesla को विशेष प्रोत्साहन देना देश के हित में नहीं होगा. अग्रवाल ने हाल ही में एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में बताया, "टेस्ला यहां आने और यहां शॉप लगाने और अपनी कारों को बेचने के लिए स्वतंत्र है."

टेस्ला चाहती हैं कि उनके साथ दूसरों से अलग व्यवहार किया जाए, उसे ज्यादा तरजीह दी जाए. "जो मुझे लगता है कि भारत के हित में नहीं है", उन्होंने कहा. टेस्ला ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं की है. और फाउंडर एलन मस्क (Elon Musk) ने मई में ट्वीट किया था कि "टेस्ला किसी भी देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी, जहां हमें पहले कारों को बेचने और सर्विस करने की अनुमति नहीं है".

2010 में ओला को राइड-हेलिंग ऐप के रूप में लॉन्च किया गया था. इसने डिलीवरी, यूज्ड-कार की बिक्री और बीमा जैसी अन्य सेवाओं में विस्तार किया है. इसने 2017 में एक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी Ola Electric की स्थापना की. इसके बाद इसने मई 2020 में डच इलेक्ट्रिक स्कूटर स्टार्टअप Etergo को अज्ञात राशि में खरीदा था. कंपनी अब 50,000 से अधिक की कुल बिक्री के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटर की भारत की सबसे बड़ी उत्पादक है. यह इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में भारत के शीर्ष समूह के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करता है.

ओला ने दिसंबर 2021 में अपने पहले रिचार्जेबल स्कूटर की डिलीवरी शुरू की. हजारों ग्राहकों ने जुलाई में स्कूटर बुक किया. लेकिन मार्च में एक स्कूटर में आग लगने के बाद ओला ने 1,400 के स्कूटर को वापस बुला लिया. हालांकि, अग्रवाल ने बताया कि यह घटना "अलग-थलग" थी, यह कहते हुए: "बहुत ही दुर्लभ मामलों में ऐसा हो सकता है जैसा कि दूसरे ईवी निर्माताओं के साथ हुआ है." उन्होंने कहा कि ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की मार्च में शुरू की गई सरकारी जांच में सहयोग कर रही है.

अग्रवाल ने कहा, "हमारी दोनों कंपनियों में हमारे पास बहुत ही अच्छी मैनेजमेंट टीम है." अग्रवाल की इस साल ओला को सार्वजनिक करने की योजना भी वापस ले ली गई है. क्योंकि ब्याज दरों में वृद्धि के साथ मार्केट डाउन हो गया है. अग्रवाल ने कहा, 'मेरी कोशिश अगले एक साल की कठिन समयसीमा के भीतर आईपीओ लाने की है. "लेकिन बाजार अस्थिर हैं. यह फिर से, यह ऊपर-नीचे जा सकता है."